भोपा (Muzaffarnagar)।मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र में घने कोहरे के कारण सोमवार की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। बेलड़ा गांव के पास गंग नहर पुल पर सीमल की लकड़ियों के बीच एक 16-टायर वाला ट्रक अनियंत्रित होकर जा घुसा। यह ट्रक लिपटीस की लकड़ियों से भरा हुआ था। घटना में ट्रक का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, चालक कन्नू निवासी रामपुर नजीबाबाद को ग्रामीणों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

हादसे का कारण: कोहरे और लापरवाही का संगम

चालक कन्नू ने बताया कि सुबह-सुबह घने कोहरे के चलते दृश्यता न के बराबर थी। गंग नहर पटरी से गुजरते वक्त उसे सड़क पर कुछ भी दिखाई नहीं दिया। कोहरे में ट्रक अनियंत्रित हो गया और सीमल की लकड़ियों के ढेर में जा घुसा।
कन्नू का कहना था कि:

  • चौराहे पर कहीं कोई ब्रेकर नहीं है।
  • सड़क पर पट्टियों या दिशा संकेतक भी नहीं लगे हैं।
  • लकड़ियां सड़क किनारे बेतरतीब तरीके से पड़ी हुई थीं।

200 साल पुराने सीमल के पेड़ का इतिहास

इस दुर्घटना का कारण बना सीमल का पेड़, जो करीब 200 साल पुराना था, बीते 24 सितंबर को अचानक टूटकर गिर गया था। पेड़ की विशालता और महत्व को देखते हुए गणमान्य व्यक्तियों ने इसकी लकड़ियों को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था। लेकिन यह लकड़ियां लंबे समय से सड़क किनारे पड़ी हुई थीं।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने इन लकड़ियों को हटाने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस कारण गंग नहर पटरी पर हर समय हादसे का खतरा बना रहता है।

ग्रामीणों की नाराजगी और मांग

हादसे के बाद बेलड़ा गांव के लोगों में भारी नाराजगी है। ग्रामीणों ने प्रशासन से लकड़ियों को तुरंत हटाने और नहर पटरी पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है।
ग्रामीणों ने अपनी बात रखते हुए कहा:

  1. सड़क सुरक्षा: नहर पटरी पर ब्रेकर और संकेतक लगाए जाएं।
  2. लकड़ियों का निपटारा: सीमल की लकड़ियों को हटाने के लिए तुरंत कार्रवाई हो।
  3. दुर्घटना रोकने के उपाय: कोहरे में वाहन चालकों के लिए रोशनी या रिफ्लेक्टर सिस्टम का प्रबंध किया जाए।

पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल

स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही के चलते यह स्थिति बनी। अगर लकड़ियां समय पर हटा दी गई होतीं, तो इस तरह का हादसा न होता। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई महीनों से लकड़ियां यहां पड़ी हुई थीं, लेकिन प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया।

घटना स्थल पर स्थिति का जायजा

घटना स्थल पर पहुंचकर देखा गया कि लकड़ियों के ढेर के साथ-साथ सड़क पर कोई संकेतक नहीं लगे हैं। नहर पटरी पर ब्रेकर या दिशा-निर्देश के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। यह स्थिति केवल हादसे का कारण ही नहीं बन रही, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी खतरा है।

ऐसे हादसे पहले भी हो चुके हैं

यह कोई पहली बार नहीं है जब घने कोहरे के चलते इस इलाके में हादसा हुआ हो। गंग नहर पटरी पर वाहनों के लिए उचित सुरक्षा उपायों की कमी अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनती है।

  • दिसंबर 2022: इसी स्थान के पास एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पलट गई थी, जिसमें तीन लोग घायल हुए थे।
  • जनवरी 2023: कोहरे के कारण बाइक सवार नदी में गिर गया था।

कोहरे में गाड़ी चलाने के टिप्स

विशेषज्ञों के अनुसार, कोहरे में ड्राइविंग करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

  1. गाड़ी की गति कम रखें।
  2. फॉग लाइट्स और लो बीम का उपयोग करें।
  3. सड़क किनारे रिफ्लेक्टर संकेतकों पर ध्यान दें।
  4. वाहन के बीच उचित दूरी बनाए रखें।

प्रशासन को क्या कदम उठाने चाहिए?

इस घटना से सीख लेते हुए प्रशासन को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  • सड़क किनारे पड़ी लकड़ियों को तुरंत हटाया जाए।
  • घने कोहरे वाले इलाकों में यातायात के लिए विशेष संकेतक और रोशनी की व्यवस्था हो।
  • नहर पटरी पर सुरक्षा गश्त बढ़ाई जाए।

क्या है अब तक की कार्रवाई?

भोपा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और ट्रक को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि लकड़ियों को जल्द ही हटाया जाएगा।



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