मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) । की बेटी जिया ने 68वीं नेशनल स्कूल गेम्स अंडर 19 गर्ल्स बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस प्रतियोगिता का आयोजन 29 अप्रैल से 5 मई 2025 तक दिल्ली के विनोद नगर स्थित स्पोर्ट्स कंपलेक्स में किया जा रहा है, और यह आयोजन भारतीय खेल जगत के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। जिया ने इस प्रतियोगिता में अपनी कड़ी मेहनत और मजबूत इच्छाशक्ति से न केवल मुजफ्फरनगर का नाम रोशन किया, बल्कि वह इस प्रतियोगिता में फाइनल में प्रवेश करने वाली पहली मुक्केबाज बन गई हैं।
जिया का संघर्ष और सफलता की कहानी
मुजफ्फरनगर के ग्राम धनसरी की रहने वाली जिया ने अपनी कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों से बॉक्सिंग में एक नई पहचान बनाई है। वह 48 से 51 किलोग्राम के भार वर्ग में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं। जिया की मुक्केबाजी यात्रा में उनके पिता नीरज कुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। दिल्ली से फोन पर बातचीत करते हुए नीरज कुमार ने बताया कि उनकी बेटी ने इस कठिन यात्रा में कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी।
क्वार्टर फाइनल से फाइनल तक का सफर
जिया की सफलता की शुरुआत प्रिक्वार्टर फाइनल से हुई थी, जहां उन्होंने होस्ट टीम दिल्ली की हर्षिता को पहले चक्र में हराकर शानदार जीत हासिल की। इस जीत ने जिया की आत्मविश्वास को और भी बढ़ा दिया। इसके बाद क्वार्टर फाइनल में उनका मुकाबला झारखंड की नीता रोज से हुआ। इस मुकाबले में भी जिया ने अपने विरोधी को द्वितीय चक्र में हराकर विजय प्राप्त की।
आज के मैच में, जिया ने मेघालय की दखी पाया को 50 के अंतर से मात दी और फाइनल में अपनी जगह बनाई। यह जीत जिया के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इस मुकाबले में उनकी मजबूत तकनीक और रणनीति ने उन्हें अद्वितीय सफलता दिलाई।
जिया के कोच और मार्गदर्शन
जिया को बॉक्सिंग की बारीकियां सिखाने में उनके कोच और प्रभारी क्रीड़ा अधिकारी भूपेंद्र सिंह का योगदान सराहनीय रहा है। भूपेंद्र सिंह ने जिया को न केवल शारीरिक प्रशिक्षण दिया, बल्कि मानसिक रूप से भी उसे मजबूत बनाया। उनकी सख्त मेहनत और समर्पण के कारण जिया ने यह मुकाम हासिल किया।
इसके अलावा, जिया के साथ उनके साथी खिलाड़ी और प्रशिक्षक भी मैदान पर उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भागीदार बने हैं।
विशेष अतिथियों की शुभकामनाएं
जिया की सफलता पर मुजफ्फरनगर और आसपास के क्षेत्रों के कई खेल अधिकारियों और समाजसेवियों ने अपनी शुभकामनाएं दी हैं। क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी सहारनपुर मंडल, डॉक्टर अतुल सिन्हा, ने भी जिया की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की और उसे स्वर्ण पदक जीतने के लिए शुभकामनाएं दी।
साथ ही, मुजफ्फरनगर के क्रीड़ा अधिकारी भूपेंद्र सिंह, बॉक्सिंग संघ मुजफ्फरनगर के सचिव श्री सतीश सहरावत, मुजफ्फरनगर ओलंपिक संघ के सचिव श्री अशोक बालियान, और चौधरी चरण सिंह स्पोर्ट्स स्टेडियम के सभी प्रशिक्षक और बॉक्सिंग के खिलाड़ी भी जिया की सफलता को लेकर बहुत खुश हैं। उन्होंने जिया को भविष्य में और अधिक सफलता की शुभकामनाएं दीं।
बॉक्सिंग की बढ़ती लोकप्रियता
भारत में खेलों के प्रति जागरूकता और रुचि बढ़ रही है, खासकर उन खेलों के प्रति जो पहले बहुत ज्यादा लोकप्रिय नहीं थे। बॉक्सिंग इस समय युवा लड़कियों के बीच एक नया क्रेज बन चुका है। पिछले कुछ वर्षों में बॉक्सिंग में महिलाओं की भागीदारी में भारी वृद्धि देखने को मिली है। जिया जैसे युवा खिलाड़ी यह साबित कर रहे हैं कि भारत में लड़कियां किसी से कम नहीं हैं और वे किसी भी क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकती हैं।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर बॉक्सिंग
भारत में बॉक्सिंग को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। खासकर राष्ट्रीय स्कूल गेम्स जैसे आयोजनों ने देशभर के बच्चों को अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक बेहतरीन मंच प्रदान किया है। ऐसे आयोजनों से न केवल खिलाड़ियों को अपने हुनर को साबित करने का मौका मिलता है, बल्कि ये भविष्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए भी उन्हें तैयार करते हैं।
जिया का भविष्य
अब जिया की नजरें फाइनल मैच पर हैं, लेकिन उनके पास पहले ही एक बड़ी उपलब्धि है, जो उन्हें आने वाले समय में और अधिक चुनौतीपूर्ण प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करेगी। उनका आत्मविश्वास और समर्पण यह दर्शाता है कि वह भविष्य में भारतीय बॉक्सिंग टीम का अहम हिस्सा बन सकती हैं। उनका उद्देश्य न केवल राष्ट्रीय चैंपियन बनना है, बल्कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत का नाम रोशन करने का सपना देख रही हैं।
मुजफ्फरनगर में खेलों का भविष्य
मुजफ्फरनगर जैसे छोटे शहरों से निकलकर राष्ट्रीय मंच पर सफलता प्राप्त करना इस क्षेत्र के लिए गर्व की बात है। यहां के युवा खिलाड़ियों के लिए जिया जैसी सफलताओं को देखकर प्रेरणा मिलती है। यह नगर क्षेत्रीय स्तर पर खेलों के प्रति रुचि और समर्थन को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
जिया की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, समर्पण और सही मार्गदर्शन से कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है, चाहे वह कितनी भी कठिन क्यों न हो। जिया की कहानी न केवल मुजफ्फरनगर, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है।
अगले कदम और भविष्य की योजनाएं
अब जिया की नजरें फाइनल मुकाबले पर हैं, और यदि वह इस मुकाबले को जीतने में सफल रहती हैं, तो यह उनके करियर के लिए एक बड़ी छलांग होगी। इसके बाद उनका ध्यान अगले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों पर होगा। उनके कोच और परिवार ने उन्हें पूरी तरह से समर्थन दिया है और आगे भी यह समर्थन लगातार मिलता रहेगा।