उत्तर प्रदेश के Muzaffarnagar जिले के बुढाना कोतवाली क्षेत्र में बुधवार की रात तब हड़कंप मच गया, जब पुलिस और कुख्यात अपराधियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हो गई। विज्ञाना मार्ग पर घटी इस घटना ने जिलेभर में सनसनी फैला दी, जब गोलियों की आवाजों से रात की खामोशी टूट गई।
अनिल दुजाना गैंग से जुड़े दो कुख्यात अपराधी – अरुण और साहिल, जो पुलिस को लंबे समय से वांछित थे, इस मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिए गए। दोनों अपराधियों पर ₹25,000 का इनाम घोषित था और ये हाल ही में हुई संभल की मिनी बैंक लूट में मुख्य आरोपी थे।
गोलियों की गूंज और गिरफ्तारी की कहानी
बुधवार रात पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि संभल में मिनी बैंक लूट को अंजाम देने वाले अपराधी बुढाना क्षेत्र में छिपे हुए हैं। इस इनपुट के आधार पर कोतवाली पुलिस और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने रणनीति बनाकर नाका चेकिंग शुरू की।
रात के अंधेरे में एक संदिग्ध मोटरसाइकिल सवार को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन अपराधियों ने फौरन फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दोनों बदमाश अरुण और साहिल के पैरों में गोली लगने के बाद दबोच लिए गए।
गिरफ्तारी के बाद खुलासा: 20 से अधिक मुकदमे दर्ज, लूट-पाट और गैंगस्टर एक्ट में भी नाम
पुलिस के मुताबिक, अरुण और साहिल न केवल अनिल दुजाना गैंग के सक्रिय सदस्य हैं, बल्कि इनके खिलाफ 20 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें लूट, रंगदारी, अवैध हथियारों की तस्करी, और गैंगस्टर एक्ट शामिल हैं। इन दोनों की गिरफ्तारी से पुलिस ने राहत की सांस ली है।
बरामद सामान में एक मोटरसाइकिल, दो तमंचे और कारतूस शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि दोनों की हालत अब स्थिर है और उन्हें जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खौफ का नाम बना ‘अनिल दुजाना गैंग’
अनिल दुजाना गैंग पश्चिमी यूपी के कई जिलों में दहशत का पर्याय बन चुका है। इस गैंग का नेटवर्क बहुत बड़ा है और इसमें युवाओं को लालच देकर शामिल किया जाता है। साहिल और अरुण जैसे बदमाश इस गैंग के फील्ड ऑपरेटर माने जाते हैं, जो लूट और रंगदारी के काम को अंजाम देते हैं।
संभल की मिनी बैंक लूट की घटना के बाद से ही पुलिस की निगाहें इस गैंग पर टिकी थीं। इस केस की कड़ियाँ जोड़ते हुए पुलिस को अरुण और साहिल का सुराग मिला, जिसके बाद यह सटीक ऑपरेशन प्लान किया गया।
बढ़ी सतर्कता, अब पुलिस की नजर गैंग के बाकी सदस्यों पर
इस मुठभेड़ के बाद मुजफ्फरनगर और आसपास के क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं। पूरे क्षेत्र में संदिग्धों की तलाश जारी है। पुलिस को उम्मीद है कि इन दोनों से पूछताछ के बाद अनिल दुजाना गैंग के बाकी गुर्गों तक पहुंचने में सफलता मिल सकती है।
बुढाना क्षेत्र पहले भी कई बार गैंगवार, अपराध और मुठभेड़ों का गवाह रहा है। लेकिन हाल के दिनों में पुलिस की सक्रियता से अपराधियों में खौफ बढ़ा है।
क्राइम ब्रांच की सफलता, जनता ने की सराहना
क्राइम ब्रांच और बुढाना पुलिस की साहसिक कार्रवाई की स्थानीय लोगों ने जमकर तारीफ की है। देर रात चली मुठभेड़ के बाद इलाके में दहशत जरूर थी, लेकिन जैसे ही खबर आई कि दोनों इनामी बदमाश गिरफ्तार हो चुके हैं, लोगों ने राहत की सांस ली।
पुलिस अब अरुण और साहिल से पूछताछ कर रही है कि संभल की बैंक लूट की रकम कहां छिपाई गई, और बाकी कौन-कौन इस कांड में शामिल था।
क्या फिर खड़ा होगा सवाल – कब टूटेगा दुजाना गैंग का नेटवर्क?
हालांकि पुलिस ने दो खतरनाक अपराधियों को पकड़ लिया है, लेकिन पूरा नेटवर्क अभी जिंदा है। अनिल दुजाना की मौत के बाद उसके गैंग के कई हिस्से छोटे-छोटे टुकड़ों में सक्रिय हैं, जो अलग-अलग जिलों में अपराधों को अंजाम दे रहे हैं।
इस गैंग का सफाया करने के लिए सिर्फ गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि नेटवर्क को जड़ से खत्म करना होगा। यही कारण है कि पुलिस अब हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है और डिजिटल निगरानी के साथ-साथ मानव खुफिया नेटवर्क को भी एक्टिव कर चुकी है।
पुलिस की सख्ती और आने वाले दिन
मुजफ्फरनगर पुलिस का यह ऑपरेशन दिखाता है कि अब अपराधियों के लिए यूपी की ज़मीन सुरक्षित पनाहगाह नहीं रही। अपराधी चाहे कितने भी चालाक हों, अगर वे कानून को चुनौती देंगे तो उनका अंजाम तय है। पुलिस अब उन लोगों की लिस्ट बना रही है, जो दुजाना गैंग से किसी भी रूप में जुड़े हैं।
जनता को भी अब सतर्क रहने और पुलिस को सहयोग देने की जरूरत है, ताकि आने वाले समय में इस तरह के गैंग पूरी तरह खत्म किए जा सकें।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराधों के बीच इस मुठभेड़ ने पुलिस की सक्रियता और तत्परता का प्रमाण दे दिया है। अनिल दुजाना गैंग के दो खतरनाक बदमाशों की गिरफ्तारी से एक बड़ा नेटवर्क कमजोर हुआ है, लेकिन पुलिस के लिए अब अगली चुनौती इस गैंग की जड़ों तक पहुंचकर उसे पूरी तरह से खत्म करना है।