Muzaffarnagar। जिले के किसानों के लिए एक ऐतिहासिक पहल करते हुए जिला अधिकारी (डीएम) उमेश कुमार मिश्रा ने प्रगतिशील किसानों के साथ एक विशेष बैठक की। यह बैठक विकास भवन सभागार में आयोजित की गई, जिसमें किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
किसानों की आय बढ़ाने पर खास ध्यान
डीएम उमेश कुमार मिश्रा ने बैठक में किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए कृषि के आधुनिक तरीकों को अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, “किसानों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन, गौ पालन और फूलों की खेती जैसी विविध गतिविधियों को भी अपनाना चाहिए। इससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।”
इस दौरान जिला कृषि अधिकारी राहुल तेवतिया और कृषि उपदेशक संतोष यादव ने किसानों को उत्पादन की मार्केटिंग और आधुनिक तकनीकों से परिचित कराया। उन्होंने बताया कि स्थानीय बाजारों के अलावा, अब डिजिटल प्लेटफॉर्म और राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच बनाने के लिए सरकार विशेष योजनाएं ला रही है।
मधुमक्खी पालन और फूलों की खेती को मिलेगा प्रोत्साहन
बैठक में मधुमक्खी पालन, फूलों की खेती और प्राकृतिक खेती पर विशेष जोर दिया गया। डीएम ने कहा, “मधुमक्खी पालन से न केवल शहद का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि इसका फायदा फसलों की गुणवत्ता पर भी पड़ेगा। वहीं, फूलों की खेती किसानों को नए बाजारों में स्थापित करने में मदद करेगी।”
इस दौरान उपस्थित प्रगतिशील किसानों ने अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं। रामपाल सिंह, जो मधुमक्खी पालन में विशेषज्ञ हैं, ने बताया, “सरकार की योजनाओं और प्रशिक्षण से मैंने अपने उत्पादन को तीन गुना तक बढ़ा लिया है। इससे मेरी आय में जबरदस्त सुधार हुआ है।”
गौ पालन और प्राकृतिक खेती पर चर्चा
बैठक में गौ पालन और प्राकृतिक खेती को भी प्राथमिकता दी गई। अधिकारियों ने किसानों को बताया कि जैविक उत्पादों की मांग बाजार में तेजी से बढ़ रही है। “गौ पालन के माध्यम से न केवल शुद्ध दूध और दूध से बने उत्पादों की आपूर्ति हो सकती है, बल्कि इससे जैविक खाद का भी उत्पादन किया जा सकता है,” डीएम ने कहा।
किसानों ने बताया कि प्राकृतिक और जैविक खेती अपनाने से न केवल उनकी लागत कम हुई है, बल्कि बाजार में उनके उत्पादों की कीमत भी अच्छी मिल रही है।
मत्स्य पालन और सरकारी योजनाओं पर विशेष चर्चा
बैठक में मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों ने भी किसानों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि सरकार मत्स्य पालन के क्षेत्र में निवेश करने वाले किसानों को सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।
मुजफ्फरनगर के एक किसान विजय चौधरी ने बताया, “सरकार की सहायता से मैंने मत्स्य पालन शुरू किया है। पहली बार में ही मुझे अपने निवेश का दुगना लाभ हुआ।”
किसानों की समस्याओं पर गहन चर्चा
बैठक के दौरान किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर भी खुलकर चर्चा की। प्रमुख समस्याओं में पानी की कमी, बाजार में उचित मूल्य न मिलना और किसानों की कमज़ोर वित्तीय स्थिति शामिल थी। डीएम उमेश मिश्रा ने इन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए।
डीएम के प्रयासों की सराहना
बैठक में उपस्थित किसानों ने डीएम के प्रयासों की प्रशंसा की। किसान नेता राकेश त्यागी ने कहा, “यह पहली बार है जब किसी डीएम ने इतने खुले और सटीक तरीके से किसानों की समस्याओं पर ध्यान दिया है। उनके द्वारा सुझाए गए उपाय निश्चित रूप से हमें आत्मनिर्भर बनाएंगे।”
नई योजनाओं की घोषणा
इस बैठक में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई नई योजनाओं की भी घोषणा की गई। इनमें किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) के गठन को प्रोत्साहन, फसल बीमा योजना के दायरे का विस्तार और जैविक उत्पादों के लिए विशेष बाजारों की स्थापना जैसे कदम शामिल हैं।
कृषि क्षेत्र में नई क्रांति का आह्वान
डीएम उमेश मिश्रा ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि मुजफ्फरनगर के किसान आत्मनिर्भर बनें और कृषि के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएं। हर किसान को नई तकनीक और आधुनिक साधनों से जोड़ना हमारा प्राथमिक लक्ष्य है।”
मुजफ्फरनगर में आयोजित इस बैठक ने किसानों को न केवल नई दिशा दी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की नींव भी रखी। यह पहल निश्चित रूप से जिले के कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति लेकर आएगी और इसे पूरे राज्य में एक मिसाल के रूप में देखा जाएगा।