Muzaffarnagar जिले के बुढ़ाना थाना क्षेत्र में अवैध हथियारों की दुनिया को बड़ा झटका देते हुए पुलिस ने एक अवैध शस्त्र निर्माण फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। गुप्त सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई में पुलिस ने मौके से तीन कुख्यात असलहा तस्करों को गिरफ्तार किया है। यह पूरा मामला ना सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे अपराधी खंडहरों और सुनसान इलाकों को अपनी गतिविधियों के अड्डे में तब्दील कर रहे हैं।
सूचना पर एक्शन, खंडहर में छिपी थी अवैध शस्त्र फैक्ट्री
पुलिस को एक विश्वसनीय मुखबिर से जानकारी मिली थी कि सठेड़ी नहर पुलिया के पास, मेरठ-करनाल हाईवे से कुछ पहले स्थित एक खंडहर में कुछ लोग अवैध असलहों का निर्माण कर रहे हैं। थाना बुढ़ाना पुलिस ने बिना समय गंवाए रणनीति बनाकर उस जगह पर दबिश दी।
जैसे ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची, वहां शाहरुख पुत्र रियासत (निवासी ग्राम पिठलौखर थाना सरधना), जावेद पुत्र दाउद (निवासी ग्राम नंगला थाना रतनपुर), और गुफरान उर्फ पप्पू पुत्र इकलाख (निवासी ग्राम पिठलौखर थाना सरधना) को अवैध असलहे बनाते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
बड़ी मात्रा में हथियार व उपकरण बरामद, दंग रह गई पुलिस
गिरफ्तार आरोपियों के पास से भारी मात्रा में बने-अधबने अवैध शस्त्र और हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए गए। बरामदगी की सूची वाकई चौकाने वाली है:
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02 बंदूक (315 बोर)
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02 बंदूक (12 बोर)
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01 पोनिया (12 बोर)
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11 तमंचे (315 बोर)
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04 तमंचे (12 बोर)
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06 अधबने तमंचे
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04 नाल (12 बोर), 05 नाल (315 बोर)
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15 कारतूस (12 बोर), 10 कारतूस (315 बोर)
शस्त्र निर्माण में प्रयुक्त उपकरणों में शामिल थे:
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हथौड़ी, छैनी, लोहा काटने की आरी, 20 आरी ब्लेड
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सरिया, स्प्रिंग, रिपिट, बर्मा पेंच
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नाल में बोर करने की मशीन, लकड़ी का गुटका, ड्रिल मशीन आदि
गिरफ्तार अभियुक्तों ने खोले हथियार गिरोह के राज
पुलिस पूछताछ में तीनों गिरफ्तार आरोपियों ने कबूला कि वे एक संगठित गैंग का हिस्सा हैं और लंबे समय से अवैध हथियारों का निर्माण व सप्लाई करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनका तरीका बहुत शातिराना था—अक्सर जगह बदल-बदल कर फैक्ट्री लगाते थे ताकि पुलिस पकड़ न सके।
अवैध असलहों की सप्लाई वे मांग के आधार पर करते थे। उनका मुख्य सहयोगी और फरार आरोपी दिपांशु पुत्र तेज सिंह निवासी ग्राम शेरगढ़ी (मेरठ) था, जो इन हथियारों को उँचे दामों में आगे बेचता और मुनाफा आपस में बांटा जाता था।
सुनसान जगहों को बनाते थे हथियार फैक्ट्री का हब
गिरोह का मॉडस ऑपरेंडी बेहद पेशेवर था। वे बिजली की जगह बैटरी या जनरेटर का उपयोग कर, छोटे औजारों की मदद से पूरे असलहे तैयार करते थे। इलाके की सुनसान सड़कों, नहरों और खंडहरों में वे फैक्ट्री तैयार करते ताकि कोई शक न हो। स्थानीय स्तर पर सप्लाई के साथ-साथ इन हथियारों की पहुँच बाहरी राज्यों तक भी हो सकती है, इसकी जाँच की जा रही है।
पुलिस टीम को मिला इनाम, दिपांशु की तलाश जारी
इस अभूतपूर्व सफलता के लिए SSP संजय कुमार वर्मा ने थाना बुढ़ाना पुलिस टीम को ₹20,000 का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की। साथ ही जिन अधिकारियों ने मुख्य रूप से योगदान दिया उन्हें अलग से सम्मानित भी किया गया, जिनमें शामिल हैं:
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प्रभारी निरीक्षक आनन्द देव मिश्रा
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उप निरीक्षक संदीप कुमार
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उप निरीक्षक ललित कसाना
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हेड कांस्टेबल संजय
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कांस्टेबल नकुल सांगवान
वहीं फरार आरोपी दिपांशु की तलाश तेज कर दी गई है। पुलिस के अनुसार, जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्य भी गिरफ्त में होंगे।
बुढ़ाना पुलिस ने खोली संगठित अपराध की परतें
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह मामला केवल अवैध हथियार निर्माण तक सीमित नहीं है। इसकी जड़ें कहीं गहरी हो सकती हैं — अपराधियों का कनेक्शन सप्लाई चेन, गैंगवार, राजनीतिक हथियारबंदी, और आपराधिक सिंडिकेट से हो सकता है। पुलिस अब गिरफ्तार आरोपियों के विस्तृत आपराधिक इतिहास और मोबाइल कॉल रिकॉर्ड खंगाल रही है।
मुज़फ्फरनगर में पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
यह पहला मौका नहीं जब मुज़फ्फरनगर के किसी कस्बे में अवैध हथियारों का निर्माण पकड़ा गया हो। इससे पहले भी चरथावल, जानसठ और खतौली जैसे क्षेत्रों में ऐसे मामलों की गूंज सुनाई दी थी। लेकिन इस बार पकड़ा गया असलहा जखीरा इतना बड़ा है कि ये गैंग की बड़ी ऑपरेशन क्षमता को दर्शाता है।
पुलिस के लिए चुनौती – बढ़ती मांग, बढ़ती सप्लाई
अवैध हथियारों की डिमांड में इजाफा पुलिस के लिए एक नया सिरदर्द बन चुका है। गैंगवार, पंचायत चुनाव, निजी रंजिश, और आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेता, ऐसे लोगों की हथियारों की डिमांड ने इन गैंग्स को और ताकतवर बना दिया है।
अब पुलिस का अगला कदम होगा — इन हथियारों की अंतिम डिलीवरी प्वाइंट तक पहुँचना, ताकि असलहों का पूरा नेटवर्क उजागर हो सके।
मुज़फ्फरनगर के बुढ़ाना थाना क्षेत्र में अवैध हथियारों की फैक्ट्री के खुलासे ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस की सतर्कता और तेज कार्रवाई ने एक बड़े अपराध नेटवर्क को बेनकाब कर दिया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि फरार आरोपी दिपांशु को कब गिरफ्तार किया जाएगा और इस गिरोह की जड़ें कितनी दूर तक फैली हैं। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।