मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News): बुढ़ाना थानाक्षेत्र से गुमशुदा व्यापारी को उत्तर प्रदेश पुलिस की एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) और बुढ़ाना थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने सकुशल बरामद किया है। यह खोज पुलिस के अथक प्रयासों और तकनीकी विश्लेषण के परिणामस्वरूप संभव हुई। घटना ने क्षेत्र में हलचल मचा दी थी, क्योंकि व्यापारी के अचानक गायब होने से कई सवाल खड़े हो गए थे।
पुलिस की टीम ने व्यापारी को जनपद अयोध्या से खोज निकाला। इस सफलता को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह के नेतृत्व में चल रहे “गुमशुदा की तलाश” अभियान की एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। एसएसपी के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य बंसल, क्षेत्राधिकारी बुढ़ाना गजेंद्र पाल सिंह और प्रभारी निरीक्षक थाना बुढ़ाना आनंद देव मिश्र ने इस अभियान की देखरेख की थी।
कैसे हुआ व्यापारी का लापता होना?
यह घटना तब सामने आई जब व्यापारी अभिषेक संगल ने अपने पिता राजेश संगल की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट के अनुसार, 1 अक्टूबर को सुबह करीब 11:30 बजे राजेश संगल अपने घर से दुकान के लिए निकले थे, लेकिन वह दुकान पर नहीं पहुंचे। परेशान परिवार ने तुरंत बुढ़ाना थाने में सूचना दी।
गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस ने तुरंत हरकत में आकर एसओजी और थाना पुलिस की एक संयुक्त टीम गठित की। टीम ने व्यापारी की सकुशल वापसी के लिए सर्विलांस तकनीक का सहारा लिया और सीसीटीवी फुटेज खंगाले। सीसीटीवी में व्यापारी की हरकतें कुछ अजीब लगीं, क्योंकि वह जानबूझकर अलग-अलग रास्तों से जा रहे थे और खुद को पहचान छिपाने की कोशिश कर रहे थे।
साजिश या कोई और वजह?
पुलिस द्वारा सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने पर पता चला कि राजेश संगल मोटरसाइकिल पर कई अलग-अलग स्थानों पर गए। वह मंडवाडा, लोई, फुगाना, शामली बाईपास और कांधला जैसी जगहों पर घूमते हुए दिखाई दिए। हैरान करने वाली बात यह थी कि उन्होंने जानबूझकर अपना मोबाइल फोन हबीबपुर के जंगलों में फेंक दिया था और अपने जूते बदलकर चप्पल पहन ली थीं।
यह सब कुछ उन्होंने इसलिए किया ताकि पुलिस और उनके परिवारवालों को यह लगे कि उनके साथ कोई अप्रिय घटना घट गई है। लेकिन सीसीटीवी में उनकी गतिविधियों से यह साफ हो गया कि उनके साथ कोई आपराधिक घटना नहीं हुई थी।
व्यापारी की आर्थिक तंगी: गुमशुदगी की असली वजह
जब पुलिस ने व्यापारी को सकुशल बरामद किया और उनसे पूछताछ की, तो चौंकाने वाला सच सामने आया। राजेश संगल ने बताया कि वह भारी आर्थिक कर्ज में डूबे हुए थे। उन्होंने ब्याज पर पैसे लेकर एक प्लॉट खरीदा था, और कर्ज चुकाने में असमर्थता के कारण वे निराश हो गए थे। इसी आर्थिक दबाव ने उन्हें घर से भागने पर मजबूर कर दिया।
राजेश संगल ने बताया कि उन्होंने जानबूझकर अपने परिवार और पुलिस को भ्रमित करने के लिए योजना बनाई थी। 1 अक्टूबर को वह दुकान के बहाने घर से निकले, लेकिन दुकान जाने के बजाय वह अलग-अलग स्थानों पर मोटरसाइकिल से घूमते रहे। उन्होंने अपना मोबाइल फोन फेंक दिया ताकि कोई उनका पीछा न कर सके। शाम को कांधला के पास उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर दी और बस से मुजफ्फरनगर होते हुए हरिद्वार चले गए। हरिद्वार में रात गुजारने के बाद वह अगले दिन लखनऊ होते हुए अयोध्या पहुंच गए, जहां पुलिस ने उन्हें ढूंढ निकाला।
पुलिस की तत्परता और कड़ी मेहनत
गुमशुदा व्यापारी की तलाश में पुलिस की भूमिका सराहनीय रही। पुलिस ने सर्विलांस, तकनीकी विश्लेषण, और स्थानीय नागरिकों की मदद से व्यापारी का पता लगाने में सफलता हासिल की।
इस अभियान में शामिल पुलिस टीम में निरीक्षक सुभाष अत्री (प्रभारी एसओजी), प्र0नि0 आनंद देव मिश्र (प्रभारी थाना बुढ़ाना), उ0नि0 ललित कसाना, नवीन, अजय कुमार गौड़, हैड कांस्टेबल रोहताश, जितेंद्र सिंह, अमरदीप, जोगेंद्र कसाना, राहुल सिरोही और अन्य अधिकारी शामिल थे।
पुलिस की सूझबूझ और रणनीति की बदौलत ही व्यापारी को सकुशल वापस लाया जा सका।
व्यापारी की कहानी और आर्थिक तंगी से जूझते लोग
राजेश संगल की गुमशुदगी की यह घटना एक सामान्य मामला नहीं है। यह घटना हमारे समाज में बढ़ती आर्थिक समस्याओं और उनसे जूझते लोगों की मानसिक स्थिति पर भी सवाल खड़े करती है। कर्ज के दबाव में आकर लोगों का खुद को खत्म करने या भागने का निर्णय लेना खतरनाक है। इस तरह की घटनाएं न सिर्फ संबंधित परिवार के लिए दर्दनाक होती हैं, बल्कि समाज में भी एक गहरी छाप छोड़ती हैं।
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे वित्तीय समस्याएं लोगों को अपने जीवन में इतने बड़े कदम उठाने पर मजबूर कर देती हैं। कई बार कर्ज का बोझ इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि लोग अपने परिवार से दूर भागने का विचार करने लगते हैं।
राजेश संगल की कहानी उन हजारों लोगों की दास्तां है, जो आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। अगर समय रहते इन्हें सहारा न मिले, तो यह स्थिति और भी विकट हो सकती है।
कर्ज में डूबे व्यापारियों के लिए सुझाव
- वित्तीय योजना बनाएं: कर्ज से बचने के लिए सही वित्तीय योजना बनाना बेहद जरूरी है। आय और व्यय का सही लेखा-जोखा रखें।
- समय पर कर्ज चुकाएं: यदि आपने कर्ज लिया है, तो उसे समय पर चुकाने की कोशिश करें। कर्ज को लंबा खींचने से ब्याज की मात्रा बढ़ती जाती है, जो स्थिति को और कठिन बना देती है।
- मानसिक समर्थन लें: आर्थिक समस्याएं केवल वित्तीय मुद्दे नहीं होती, वे मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती हैं। जरूरत पड़ने पर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों या काउंसलरों से सलाह लें।
- परिवार से बातचीत करें: कभी भी अकेले इस तरह की समस्याओं का सामना न करें। अपने परिवार से चर्चा करें और उन्हें स्थिति से अवगत कराएं।
- वित्तीय सलाहकार की मदद लें: वित्तीय मुद्दों को समझने और उन्हें सुलझाने के लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह लेना सबसे सही विकल्प होता है।
पुलिस की कार्यवाही और आगे का कदम
राजेश संगल की बरामदगी के बाद पुलिस द्वारा अब उन्हें लेकर आगे की कानूनी कार्यवाही की जा रही है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि व्यापारी द्वारा किसी अन्य प्रकार की धोखाधड़ी या अपराध तो नहीं किया गया।
यह घटना एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे पुलिस की तत्परता और तकनीकी ज्ञान के जरिए गुमशुदा व्यक्तियों की सफलतापूर्वक खोज की जा सकती है। यह लोगों के लिए भी एक प्रेरणा होनी चाहिए कि किसी भी स्थिति में कानून और प्रशासन का सहयोग लें और समस्या का हल खोजें, न कि खुद को और परिवार को समस्याओं में डालें।
गुमशुदा को सकुशल बरामद करने वाली पुलिस टीम में निरीक्षक सुभाष अत्री प्रभारी एसओजी, प्र0नि0 आनन्द देव मिश्र, उ0नि0 ललित कसाना, उ0नि0(प्रशिक्षु) नवीन थाना बुढ़ाना, उ0नि0 अजय कुमार गौड एसओजी, है0का0 रोहताश एसपी ग्रामीण पेशी, है0का0 जितेन्द्र सिंह, अमरदीप, जोगेन्द्र कसाना एसओजी, राहुल सिरोही सर्विलासं,, सुनील कुमार, निर्वेत सिंह, नकुल कुमार, मोहित कुमार, इस्फाक थाना बुढ़ाना, का0 ललित पायल एसओजी शामिल रहे।