Muzaffarnagar खतौली के जानसठ तिराहे पर बुधवार सुबह जो घटना घटी, उसने राहगीरों और कांवड़ यात्रियों को पल भर में दहशत में डाल दिया। नगर पालिका परिषद की ओर से गर्मी में प्यास बुझाने के लिए लगाए गए RO वाटर कूलर में करंट उतर आने से बड़ा हादसा होते-होते बचा। सौभाग्य से, एक स्थानीय व्यक्ति की सतर्कता से यह दुर्घटना टल गई, लेकिन सवाल उठ गए हैं — क्या नगर पालिका की लापरवाही श्रद्धालुओं की जान पर भारी पड़ सकती थी?
बारिश के बाद जागी तकनीकी खामी – RO वाटर कूलर बना जानलेवा उपकरण
नगर पालिका परिषद द्वारा पुलिस चौकी के सामने, पेट्रोल पंप के पास स्थापित यह RO वाटर कूलर आमजन के लिए एक राहत की सुविधा माना गया था, विशेषकर कांवड़ यात्रियों के लिए जो हरिद्वार से जल लेकर लंबी दूरी तय कर रहे हैं। परंतु मंगलवार रात की बारिश के बाद बुधवार सुबह यह सुविधा जानलेवा साबित होती दिखी।
झटका लगते ही हड़कंप – सजग नागरिक ने तुरंत दी पुलिस को सूचना
जब सुबह कुछ स्थानीय लोग ठंडा पानी लेने वाटर कूलर के पास पहुंचे, तो जैसे ही उन्होंने टोंटी को हाथ लगाया, उन्हें जोरदार झटका महसूस हुआ। शुक्र है कि उनमें से एक सजग नागरिक ने झट से पुलिस को सूचना दी। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और बिजली आपूर्ति को काट कर आगे कोई अनहोनी होने से रोक दी।
पुलिस की तत्परता से टली त्रासदी – नगर पालिका को दी गई सूचना
पुलिस टीम ने न सिर्फ बिजली काटी, बल्कि तुरंत नगर पालिका परिषद को मामले की जानकारी भी दी। इसके बाद पालिका कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आरओ वाटर कूलर की स्थिति का जायजा लिया। उनका कहना है कि जल्द ही इसकी जांच और मरम्मत का कार्य शुरू कराया जाएगा।
श्रावण मास के चलते शिवभक्तों की भारी आवाजाही – हर सुविधा की पड़ रही है सख्त जरूरत
इस समय श्रावण मास की कांवड़ यात्रा के चलते क्षेत्र में शिवभक्तों की जबरदस्त आवाजाही हो रही है। हरिद्वार से गंगाजल लेकर हजारों कांवड़िए खतौली होकर गुजरते हैं और जानसठ तिराहा प्रमुख विश्राम व जलपान स्थान बन जाता है। ऐसे में इस तरह की तकनीकी खामियां सिर से ऊपर जाती भीड़ के लिए घातक साबित हो सकती हैं।
क्या यह केवल संयोग था या गंभीर लापरवाही?
स्थानीय लोग अब सवाल कर रहे हैं कि क्या इस आरओ वाटर कूलर की स्थापना से पहले उसकी सुरक्षा जांच की गई थी? क्या इलेक्ट्रिकल अर्थिंग और जल प्रतिरोधी सुरक्षा उपाय पूरे किए गए थे? आखिर बारिश के बाद करंट क्यों उतरा?
नगर पालिका की जिम्मेदारी पर उठे सवाल – क्या जवाब देगा प्रशासन?
नगर पालिका परिषद की ओर से लगाए गए इस वाटर कूलर के खराब वायरिंग और असावधानी के चलते आज कई लोगों की जान खतरे में पड़ गई। पालिका कर्मियों द्वारा की गई लापरवाही अब जनता के गुस्से का कारण बन रही है। सवाल यह भी है कि क्या अब शेष वाटर कूलर भी सुरक्षित हैं? या फिर वे भी खतरे की घंटी बन सकते हैं?
स्थानीय प्रशासन को लेना होगा सख्त एक्शन – जांच और सुरक्षा की मांग
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि सभी सार्वजनिक वाटर कूलर की तुरंत तकनीकी जांच कराई जाए। कांवड़ यात्रा के दौरान हर सार्वजनिक सुविधा की शत-प्रतिशत सुरक्षा जरूरी है। लोगों का कहना है कि जब पुलिस, ड्रोन, और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है, तो ऐसी बुनियादी चूक को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
पानी की जरूरत, लेकिन सुरक्षा से कोई समझौता नहीं
कांवड़ यात्रियों के लिए RO वाटर कूलर जैसी सुविधाएं अमूल्य हैं। लेकिन अगर यही सुविधा उनकी जान को खतरे में डाल दे, तो यह सहूलियत नहीं, अपराध बन जाती है। मौजूदा हालात में पानी देना ज़रूरी है, लेकिन उससे पहले सुरक्षा सुनिश्चित करना और भी जरूरी है।
खतौली के जानसठ तिराहे पर हुआ यह आरओ वाटर कूलर हादसा एक चेतावनी है – प्रशासन को लापरवाही की कीमत से पहले चेत जाना चाहिए। कांवड़ यात्रा के इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि है। हर सुविधा से पहले, उनकी जान की गारंटी दी जानी चाहिए। सजग नागरिक और मुस्तैद पुलिस की तत्परता ने इस बार जान बचा ली, लेकिन अगली बार हम केवल किस्मत पर भरोसा नहीं कर सकते।