Muzaffarnagar खतौली क्षेत्र का वातावरण 19 से 23 नवंबर 2025 के मध्य पूरी तरह आध्यात्मिक रंगों में रंगा रहा, जब नावला कट स्थित “Maa Kamakhya Dham गुफ़ा वाला मंदिर” में पांच दिनों तक चले विशाल धार्मिक उत्सव ने श्रद्धालुओं को भक्ति और आध्यात्मिक अनुभूति से भर दिया।
यह आयोजन तब और भी दिव्य हो उठा, जब माता श्री दस महाविद्या, श्री लक्ष्मी नारायण, श्री राम दरबार, माता शाकुंभरी देवी और श्री हनुमान जी महाराज की नवस्थापित प्रतिमाओं का भव्य प्राण-प्रतिष्ठा समारोह विधिविधानपूर्वक सम्पन्न किया गया।
पूरे क्षेत्र में ऐसा दुर्लभ आध्यात्मिक संगम कम ही देखने को मिलता है, जहाँ मंत्रोच्चार, हवन, आरती और कीर्तन की ध्वनि लगातार पाँच दिनों तक वातावरण को पवित्र करती रही।
पाँच दिन तक मंत्रमुग्ध करते रहे अनुष्ठान—Maa Kamakhya Dham में सुबह-शाम भक्ति का दिव्य प्रवाह
प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने निरंतर पूजा-अर्चना, विशेष हवन, मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन में भाग लेकर परिसर को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
हर सुबह देवी-देवताओं की आराधना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ होता और शाम होते-होते पूरा धाम भक्ति की रौशनी में जगमगा उठता।
मानो पूरा खतौली क्षेत्र Maa Kamakhya Dham से उठ रही दिव्य शक्ति को महसूस कर रहा हो।
भक्ति का यह माहौल पाँचों दिन कभी क्षीण नहीं पड़ा—बल्कि दिन-ब-दिन और प्रखर होता गया। मंदिर परिसर से उठ रही सुगंध, मंत्रों की गूंज और भक्तों की आस्था ने इस उत्सव को आध्यात्मिक इतिहास का विशेष अध्याय बना दिया।
हजारों श्रद्धालुओं ने किए देवी-देवताओं के दर्शन—क्षेत्र में असाधारण भीड़
इस विशाल आयोजन में खतौली, नावला, सहारनपुर, मुज़फ्फरनगर और आसपास के कई क्षेत्रों से हजारों भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंचे।
श्रद्धालुओं ने भगवान श्री लक्ष्मी नारायण, श्री राम दरबार, श्री हनुमान जी महाराज और दस महाविद्या की नई प्रतिमाओं के दर्शन कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना की।
कई भक्तों का यह भी कहना था कि Maa Kamakhya Dham में मन में सच्ची भावना लेकर आने पर मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
भीड़ इतनी विशाल रही कि मंदिर समिति को व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए विशेष सुरक्षा और दर्शन प्रणाली लागू करनी पड़ी।
भजन-कीर्तन का अद्भुत आयोजन—राजकुमार निकास और टीम ने बाँधा समा
पूरे कार्यक्रम में सबसे आकर्षक क्षण वह रहा जब भजन-कीर्तन का अमृतमय प्रवाह वातावरण को भक्तिमय बनाता चला गया।
राजकुमार निकास और उनकी टीम ने ऐसे मधुर भक्ति गीत प्रस्तुत किए कि पूरा मंदिर परिसर “जय माता दी” और “हर-हर महादेव” के नारों से गूंज उठा।
भजन-कीर्तन की ध्वनि देर रात तक गूंजती रही और कई श्रद्धालु इस दिव्य अनुभव में डूबकर भावविभोर होते रहे।
खतौली क्षेत्र में लंबे समय बाद इतना विशाल और प्रभावशाली भक्ति आयोजन देखने को मिला, जिसने सभी को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
सभी सेवादारों ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका—योजना और व्यवस्था का अनुकरणीय उदाहरण
आयोजन को सफल बनाने में अनेक सेवादारों और स्थानीय भक्तों ने अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्य सेवादार विनोद चावला के मार्गदर्शन में पूरे कार्यक्रम का संचालन सुव्यवस्थित और अनुशासित रहा।
उनके साथ राजकुमार, विकास कुमार, धर्मेंद्र तेसर, गौरव शर्मा, राकेश कुमार लाला, सत्तू प्रधान, यशवीर प्रधान, जगदेव चावला, सुशीते भटनागर, नीरज बिट्टू, जयपाल पेंटर, बिट्टू सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक निरंतर सक्रिय रहे।
इन सभी की मेहनत और समर्पण ने यह सुनिश्चित किया कि भक्तों को दर्शन, प्रसाद वितरण, हवन कार्यक्रम, और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में कोई असुविधा न हो।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था—सुरक्षा और दर्शन प्रबंधन मजबूत
भक्तों की बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति ने—
-
दर्शन के लिए अलग-अलग लाइनें
-
महिला और बुजुर्गों के लिए विशेष मार्ग
-
व्यवस्थापन हेतु स्वयंसेवक टीम
-
पार्किंग और सुरक्षा के विशेष प्रबंध
-
साफ़ सफ़ाई और प्रसाद वितरण व्यवस्था
जैसी तैयारियाँ की थीं, जिनकी पूरे क्षेत्र में सराहना की गई।
श्रद्धालुओं ने भी बताया कि इतनी बड़ी संख्या में आने वालों के बावजूद व्यवस्था बेहद सरल और सुचारू थी, जिससे सभी को सहजता से पूजा-अर्चना करने का अवसर मिला।
धार्मिक चेतना और सामाजिक एकता का अनूठा संदेश
इस भव्य Maa Kamakhya Dham आयोजन ने न केवल धार्मिक उत्साह को बढ़ाया बल्कि खतौली और आसपास के क्षेत्रों में सामाजिक एकता और सद्भाव का संदेश भी दिया।
हजारों लोग एक साथ, एक ही उद्देश्य—भक्ति और पवित्रता—के लिए इकट्ठा हुए, जो समाज में सकारात्मकता, भाईचारा और आध्यात्मिक ताक़त को बढ़ावा देता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को धर्म, संस्कृति और परंपराओं से जुड़ने का अवसर मिलता है।
इस पाँच दिवसीय कार्यक्रम ने पूरे क्षेत्र में एक नई धार्मिक ऊर्जा का संचार किया है, जिसकी गूंज लंबे समय तक सुनाई देती रहेगी।
Maa Kamakhya Dham में संपन्न हुआ यह विशाल प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव खतौली क्षेत्र में आध्यात्मिकता, आस्था और सामाजिक एकता का एक अनूठा संगम बनकर सामने आया। पाँच दिनों तक चले इस दिव्य आयोजन ने न केवल श्रद्धालुओं को भक्ति में डुबो दिया, बल्कि पूरे क्षेत्र को धार्मिक चेतना की नई ऊर्जा भी प्रदान की। नई प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा और भजन-कीर्तन ने इस पुनीत स्थल को एक बार फिर आस्था का केंद्र बना दिया, जहाँ आने वाले भक्तों को मन से मांगी मुराद पूरी होने का विश्वास मिलता है।
