उत्तर प्रदेश के Muzaffarnagar जिले की तहसील खतौली एक बार फिर प्रशासनिक पारदर्शिता और जनसेवा की मिसाल बन गई, जब शनिवार को वहां आयोजित हुआ विशेष “सम्पूर्ण समाधान दिवस”। इस मौके पर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा, मुख्य विकास अधिकारी कमल किशोर देशभूषण कंडारकर और नगर पुलिस अधीक्षक सत्यनारायण प्रजापत खुद जनता के बीच पहुंचे और सीधे तौर पर जनसमस्याओं को सुना।


अधिकारियों की मौजूदगी से लोगों में जागी उम्मीद

सामान्यतः जब उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचते हैं, तो स्थानीय लोग उम्मीदें लेकर आते हैं। इस बार खतौली की जनता ने भी यही किया और बड़ी संख्या में अपनी समस्याओं के साथ पहुंची। समस्याएं जमीन विवाद से लेकर पेंशन अटकी होने, आवास योजना में देरी, नालियों की सफाई, बिजली कटौती, और महिलाओं से जुड़े अपराधों तक विस्तृत रहीं।


समस्याओं पर हुआ तेज़ व निष्पक्ष एक्शन, मौके पर दिए गए आदेश

जनसमस्याएं सुनते ही जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने संबंधित विभागों को तत्काल मौके पर पहुंचकर जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि—

“समाधान दिवस केवल रजिस्टर में एंट्री के लिए नहीं है। यहां जो शिकायत आएगी, उसका गुणवत्ता के साथ समाधान होना चाहिए। एक भी शिकायत लंबित नहीं रहनी चाहिए।”


पुलिस अधीक्षक ने महिला अपराधों को बताया ‘प्राथमिकता’

नगर पुलिस अधीक्षक सत्यनारायण प्रजापत ने मंच से साफ कहा कि—

“महिला संबंधित अपराधों की शिकायतें बेहद गंभीरता से ली जाएंगी। इन्हें प्राथमिकता देते हुए उसी दिन जांच शुरू कर कार्रवाई की जाएगी।”

उन्होंने जनता को साइबर अपराध के खतरों से भी आगाह किया और लोगों को मोबाइल, ई-वॉलेट और सोशल मीडिया से जुड़े फिशिंग ट्रैप से बचने की सलाह दी।


CDO ने विकास योजनाओं की धीमी गति पर जताई नाराज़गी

मुख्य विकास अधिकारी कमल किशोर देशभूषण कंडारकर ने राजस्व और विकास विभाग के अधिकारियों से योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। कई शिकायतें ग्रामीण विकास और शौचालय, आवास योजना, वृद्धावस्था पेंशन, व अन्य लाभार्थी योजनाओं को लेकर आई थीं।

CDO ने कहा—

“अगर किसी योजना का लाभ पात्र व्यक्ति तक नहीं पहुंचा है, तो यह गंभीर लापरवाही है। इसके लिए संबंधित कर्मचारियों पर जवाबदेही तय की जाएगी।”


जनता के सवाल-जवाब में दिखा विश्वास और उम्मीद

कई शिकायतकर्ताओं ने बताया कि पिछले समाधान दिवसों में भी उन्होंने शिकायत दी थी, लेकिन कार्य नहीं हुआ। इस बार जब उच्च अधिकारी खुद सामने थे, तो उन्होंने सीधे कहा— “अगर अगली बार भी शिकायत दोहराई गई, तो लापरवाह अफसर नपेंगे।”


साइबर अपराधों पर विशेष जागरूकता अभियान भी चला

समाधान दिवस के दौरान साइबर अपराधों को लेकर एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया। पुलिस अधिकारियों ने आम जनता को जागरूक करते हुए बताया कि—

  • किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें

  • अपने बैंक OTP और पासवर्ड किसी से शेयर न करें

  • सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल से दूर रहें

यह सत्र लोगों के लिए उपयोगी रहा और युवाओं ने इसमें खास दिलचस्पी ली।


SDM और क्षेत्राधिकारी की टीम रही तैनात, व्यवस्थाएं रहीं चुस्त

समाधान दिवस के आयोजन को सफल बनाने के लिए SDM खतौली और क्षेत्राधिकारी खतौली की टीम पहले से ही सक्रिय थी। सारी व्यवस्थाएं सुव्यवस्थित थीं। बैठने की व्यवस्था, पेयजल, और वेटिंग सिस्टम को जनता ने सराहा।


खास बातें जो इस समाधान दिवस को अलग बनाती हैं:

  • शिकायतों को डिजिटल रूप से दर्ज किया गया ताकि फॉलोअप में आसानी हो

  • महिला शिकायतकर्ताओं के लिए अलग सुविधा पटल

  • सभी विभागों के अधिकारी मौके पर तैनात रहे

  • प्रत्येक शिकायत की ऑन-स्पॉट मॉनिटरिंग की व्यवस्था


जनभागीदारी और प्रशासन की तत्परता का अनूठा संगम

सम्पूर्ण समाधान दिवस प्रशासन की जनता के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाता है। खतौली में यह आयोजन सिर्फ औपचारिकता नहीं रहा, बल्कि एक सशक्त लोकतांत्रिक संवाद का माध्यम बन गया।


जनहित में यह प्रयास केवल एक समाधान दिवस नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश प्रशासन की संवेदनशीलता और जवाबदेही का प्रतीक बनता जा रहा है। खतौली जैसे कस्बे में जब बड़े अधिकारी खुद लोगों के बीच आकर समस्याएं सुनते हैं और उसी वक्त समाधान का आदेश देते हैं, तो जनता में विश्वास और प्रशासन में पारदर्शिता की एक नई इबारत लिखी जाती है।

 



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