Muzaffarnagar /खतौली — Digambar Jain Swarn Jayanti Samaroh के अवसर पर खतौली विधानसभा में ऐतिहासिक और भव्य आयोजन किया गया, जिसने पूरे जैन समाज में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया। यह कार्यक्रम मेरठ से पधारे कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप कुमार जैन (संरक्षक) की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। जैन निवास संरक्षकवास में आयोजित इस बैठक में समाज के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिनमें जैन दिगंबर संघाध्यक्ष एवं खतौली विधानसभा के अध्यक्ष राकेश कुमार, मंत्री अतुल कुमार, कोषाध्यक्ष कुलदीप जैन और मुख्य अतिथि योगेश कुमार शुक्ला, अभय कुमार, नीरज कुमार सिंहल, सत्य प्रकाश श्रीवास्तव जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल थे।

फूलमाला, दीप प्रज्वलन और फोटो विमोचन से हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक विधि से दीप प्रज्वलन, फोटो विमोचन और अतिथियों को फूलमाला पहनाकर सम्मानित करने से हुई। युवा प्रकोष्ठ के मंत्री पार्थ जैन, विशेष प्रतिनिधि प्रदीप जैन ज्योति प्रकाश जैन ने अतिथियों का स्वागत किया, वहीं कोषाध्यक्ष कुलदीप जैन ने सम्मान पत्र भेंट किए।

महासभा के उद्देश्यों पर महत्वपूर्ण उद्बोधन
अध्यक्ष प्रदीप कुमार जैन ने अपने संबोधन में महासभा की स्थापना से लेकर वर्तमान तक की यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि समाज वर्तमान समय में किन चुनौतियों का सामना कर रहा है — शिक्षा, रोजगार, सामाजिक एकता, और धार्मिक परंपराओं को सुरक्षित रखने जैसी चुनौतियाँ गंभीर हैं। उन्होंने महासभा से जुड़े नए प्रोजेक्ट्स की जानकारी दी और सभी को उनसे जुड़ने का आह्वान किया।

नए सदस्य जुड़े, संगठन की शक्ति में वृद्धि
उनके प्रेरणादायक संदेश के बाद 25 महिलाएँ और 50 पुरुष महासभा की सदस्यता से जुड़े। केंद्रीय प्रभारी अतिथि ने महासभा को “दिगंबर जैनों की संसद” कहा और संगठन की भूमिका की सराहना की। अध्यक्ष राकेश कुमार ने संगठन की गतिशीलता और एकजुटता बनाए रखने पर जोर दिया।

महिला जैन मिलन समिति का विशेष देशभक्ति कार्यक्रम
स्वर्ण जयंती समारोह के साथ ही महिला जैन मिलन समिति की मासिक बैठक भी विशेष रूप से आयोजित हुई। इस बार का विषय था — “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस”। बैठक में डॉ. ज्योति जैन ने कहा कि भारत का विभाजन मानव इतिहास की एक त्रासदी थी, जिसमें लाखों निर्दोष लोग हिंसा और विस्थापन का शिकार हुए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें इतिहास से सीख लेकर एकता और भाईचारा बनाए रखना चाहिए।

सभी महिलाओं ने हाथों में तिरंगा लेकर राष्ट्रगान गाया, देशभक्ति के गीतों से वातावरण गूंज उठा और मातृभूमि के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में श्रीमती राजकुमारी, गीता लहर, शशि भदौरिया, अनिता लखोटिया, रचना राठी, प्रिया नैथानी, अंजू, विद्या, फूलन, मानसी जैसी सक्रिय सदस्य मौजूद रहीं। मंत्री मानसी जैन ने सभी का आभार व्यक्त किया और सुंदर आतिथ्य सत्कार की व्यवस्था की।

सांस्कृतिक रंग और समाज में नई ऊर्जा
कार्यक्रम के दौरान न केवल धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हुई, बल्कि सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भी माहौल को जीवंत बना दिया। बच्चों और युवाओं ने पारंपरिक गीतों और कविताओं से सभी का मन मोह लिया। वरिष्ठ सदस्यों ने पुरानी यादें साझा कीं और महासभा के स्वर्णिम इतिहास पर प्रकाश डाला।

समाज की एकता और भविष्य की दिशा
इस समारोह ने यह स्पष्ट कर दिया कि Digambar Jain Swarn Jayanti Samaroh केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने और प्रेरित करने का माध्यम है। आने वाले समय में महासभा शिक्षा, पर्यावरण, और सामाजिक सुधार के क्षेत्रों में कई नई योजनाओं को अमल में लाने की तैयारी कर रही है।


यह भव्य स्वर्ण जयंती समारोह और महिला जैन समिति का देशभक्ति कार्यक्रम खतौली ही नहीं, बल्कि पूरे जैन समाज के लिए गर्व का विषय बन गया। इसने साबित किया कि जब समाज एकजुट होता है तो उसकी शक्ति असीमित होती है, और यही एकता आने वाले समय में नए इतिहास रचने की प्रेरणा देगी।

 



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