Muzaffarnagar/खतौली। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए खतौली में दो शातिर तस्करों को धर दबोचा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार चलाए जा रहे अपराधियों, वारंटियों एवं वांछित व्यक्तियों की धरपकड़ अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक नगर के निर्देशन में और क्षेत्राधिकारी खतौली एवं प्रभारी निरीक्षक खतौली बृजेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में यह बड़ी सफलता मिली।

गिरफ्तारी कैसे हुई?

थाना खतौली पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि दो व्यक्ति भारी मात्रा में गांजे की खेप लेकर जा रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए बर्फखाने वाले रास्ते से सठेड़ी पुल की तरफ जाने वाले मार्ग पर घेराबंदी कर दी। जब संदिग्ध व्यक्तियों को रोका गया, तो उन्होंने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस टीम ने उन्हें मौके पर ही दबोच लिया।

कौन हैं गिरफ्तार तस्कर?

गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान निम्नलिखित रूप में हुई है:

  1. बबलू पुत्र ईश्वर – निवासी ग्राम चंदसीना, थाना रतनपुरी, जनपद मुजफ्फरनगर
  2. सनोज कुमार पुत्र बासू – निवासी ग्राम वाजिदपुर कवाली, थाना जानसठ, जनपद मुजफ्फरनगर

क्या मिला आरोपियों के पास?

तलाशी के दौरान आरोपियों के कब्जे से 18 किलो 665 ग्राम गांजा बरामद किया गया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत ₹2,20,000 (दो लाख बीस हजार रुपये) आंकी गई है।

पुलिस टीम का सराहनीय कार्य

इस बड़ी सफलता को अंजाम देने में थाना खतौली पुलिस की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गिरफ्तार करने वाली टीम में शामिल अधिकारी और कर्मचारी इस प्रकार हैं:

  • उपनिरीक्षक (उ.नि.) विक्रांत कुमार
  • प्रशिक्षु उपनिरीक्षक सूर्य प्रताप सिंह
  • प्रशिक्षु उपनिरीक्षक हर्षित शर्मा
  • कांस्टेबल (का.) परमजीत
  • हेड कांस्टेबल (है.का.) विनीत कुमार
  • कांस्टेबल (का.) प्रवीण कुमार

मुजफ्फरनगर में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी

उत्तर प्रदेश पुलिस नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए लगातार ऑपरेशन चला रही है। पिछले कुछ महीनों में, मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस ने कई ऐसे मामलों का भंडाफोड़ किया है, जिनमें नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे डाला गया है।

गांजा तस्करी का नेटवर्क: कहां से आता है और कहां जाता है?

गांजा तस्करी का यह नेटवर्क काफी बड़ा और संगठित होता है। उत्तर प्रदेश में अक्सर यह अवैध मादक पदार्थ ओडिशा, झारखंड, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से लाया जाता है। इसे छोटी-छोटी खेपों में स्थानीय स्तर पर सप्लाई किया जाता है, और फिर यह बड़े शहरों तक पहुंचता है। दिल्ली, नोएडा, मेरठ और अन्य महानगरों में इसकी भारी मांग रहती है।

नशे के खिलाफ पुलिस की रणनीति

उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन नशे के अवैध व्यापार को जड़ से खत्म करने के लिए कई सख्त कदम उठा रहे हैं:

  1. गुप्त सूचना तंत्र मजबूत किया जा रहा है ताकि मादक पदार्थों की आवाजाही पर नजर रखी जा सके।
  2. संदिग्ध वाहनों की चेकिंग बढ़ाई गई है, खासतौर पर हाईवे और सीमावर्ती इलाकों में।
  3. अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का अभियान तेज किया गया है, जिससे नशे के सौदागरों की कमर तोड़ी जा सके।

स्थानीय लोगों की भूमिका और पुलिस की अपील

पुलिस ने स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि यदि उन्हें अपने आसपास किसी संदिग्ध गतिविधि या मादक पदार्थों के व्यापार की जानकारी मिले, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इस तरह की सूचनाएं गोपनीय रखी जाती हैं और सूचना देने वाले का नाम उजागर नहीं किया जाता।

गांजा तस्करी का कानूनी पक्ष

भारत में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट, 1985 के तहत गांजा का व्यापार, उत्पादन, वितरण और सेवन गैरकानूनी है। पकड़े जाने पर दोषियों को 10 साल तक की सजा और भारी जुर्माना हो सकता है। यदि किसी आरोपी पर बड़ी मात्रा में नशे की खेप तस्करी करने का दोष सिद्ध होता है, तो सजा और भी कठोर हो सकती है।

क्या आगे होगा?

गिरफ्तार तस्करों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह गांजा कहां से लाया गया था और इसे कहां सप्लाई किया जाना था। संभावना जताई जा रही है कि इनके पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ हो सकता है।

नशे के कारोबार पर पुलिस की कड़ी नजर

उत्तर प्रदेश में पुलिस नशे के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। पिछले साल भी कई बड़े माफिया सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया था। प्रशासन की मंशा साफ है – प्रदेश को नशामुक्त बनाना और युवा पीढ़ी को इस जहर से बचाना।

खतौली में हुई इस बड़ी कार्रवाई से साफ है कि पुलिस अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शने के मूड में नहीं है। यह गिरफ्तारी न सिर्फ नशे के कारोबारियों के लिए एक सख्त संदेश है, बल्कि समाज के लिए भी एक राहत की खबर है। पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसे और भी कड़े अभियान चलाए जाएंगे, ताकि नशे के इस काले कारोबार पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।



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