Muzaffarnagar/ Khatauli क्षेत्र में canal breach ने एक बार फिर किसानों की रातें बेचैन कर दीं। 9 दिसंबर की देर रात भूड़ रजवाहे का एक बड़ा हिस्सा अचानक ध्वस्त हो गया। पानी का तेज़ बहाव बढ़ते ही आसपास के खेतों में पानी घुसने की आशंका ने हड़कंप मचा दिया। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार रात करीब 11 बजे रजवाहा टूटने की तेज आवाज़ सुनाई दी और देखते ही देखते पानी का दबाव बढ़ गया।

गांव में तुरंत अलर्ट फैल गया और किसान मौके पर पहुंचने लगे। ग्रामीणों के चेहरे पर साफ दिख रहा था कि रजवाहे का यह दुबारा टूटना उनकी मेहनत की कमाई को बर्बाद कर सकता है।


ग्रामीणों ने रातभर संभाला हाल—भाकियू नेता अंकुश प्रधान मौके पर पहुंचे, फावड़ों से शुरू हुआ बचाव कार्य

घटना की जानकारी मिलते ही भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के स्थानीय नेता अंकुश प्रधान मौके पर पहुंचे।
उन्होंने बिना देर किए ग्रामीणों के साथ मिलकर फावड़े मंगवाए और रजवाहे की अस्थायी मरम्मत शुरू करवाई।
किसानों ने बताया कि—

  • पानी का बहाव लगातार बढ़ रहा था

  • खेतों में पानी घुसने का खतरा मिनट-दर-मिनट बढ़ रहा था

  • ग्रामीणों और भाकियू पदाधिकारियों ने मिलकर रातभर मोर्चा संभाले रखा

आपसी सहयोग से मिट्टी डालकर और किनारों को मजबूत बनाकर पानी की दिशा नियंत्रित की गई।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि रात में तुरंत कार्रवाई न होती, तो कई बीघे फसलें डूब जातीं।


“सिंचाई विभाग मुर्दाबाद!”—गुस्से में किसान, बोले—हर बार टूटने पर सिर्फ खानापूर्ति

भूड़ रजवाहे का यह टूटना कोई पहली घटना नहीं है।
ग्रामीणों ने बताया कि—

  • रजवाहा कई बार टूट चुका है

  • शिकायतें कई बार दर्ज की गईं

  • विभाग ने कभी स्थाई समाधान नहीं किया

  • हर बार सिर्फ मकानापूर्ति कर दी जाती है

रातभर ग्रामीणों ने मौके पर “सिंचाई विभाग मुर्दाबाद” के नारे लगाए।
किसानों का आरोप है कि विभाग की लगातार लापरवाही का सीधा असर उनकी फसलों पर पड़ा है और अब हालात असहनीय हो चुके हैं।


अंकुश प्रधान का सिंचाई विभाग पर बड़ा आरोप—“किसानों को झेलना पड़ रहा है नुकसान, अब आंदोलन की तैयारी”

भाकियू नेता अंकुश प्रधान ने कहा—
“यह रजवाहा हर बार टूटता है और विभाग सिर्फ कागज़ों में काम दिखाता है। किसानों को सीधा नुकसान हो रहा है। अगर जल्द पुलिया और रजवाहे की स्थायी मरम्मत नहीं हुई, तो किसान बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।”

अंकुश प्रधान के साथ मौके पर किसान नेता कय्यूम अंसारी, शाहवेज, नोमान, आबिद, सादिक, शमशाद, मलिक, सादिक हैदर, सोनी, महेंद्र सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
सभी ने मरम्मत कार्य में पूरा सहयोग दिया।


कमजोर रजवाहा कभी भी फिर टूट सकता है—गेंहू और रबी फसलों पर भारी संकट

किसानों ने बताया कि इस रजवाहे से ही इलाके की—

की सिंचाई होती है।
रजवाहा लगातार कमजोर है और अचानक किसी भी समय फिर टूट सकता है, जिससे किसानों की फसलें खतरे में पड़ जाएँगी।

कई खेत अभी बोए गए हैं, जिनमें पानी भरने पर फसलें पूरी तरह नष्ट हो सकती हैं।
इसी कारण ग्रामीणों में भारी तनाव और गहरी नाराज़गी है।


घटना के घंटों बाद भी विभाग नहीं आया—ग्रामीण बोले, “अफसरों को किसानों से कोई मतलब नहीं”

ग्रामीणों ने बताया कि रजवाहा टूटने के कई घंटे बाद तक सिंचाई विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।
इससे गुस्सा और बढ़ गया।

एक किसान ने कहा—
“हर बार जैसे ही हम शिकायत करते हैं, विभाग सिर्फ दौरा करके चला जाता है।
कभी स्थाई मरम्मत नहीं हुई।”

किसानों का कहना है कि विभाग अगर समय से देखरेख करता, तो यह स्थिति कभी नहीं आती।


सिंचाई विभाग का पक्ष—“मामला अधिकारियों के संज्ञान में है”

दूसरी ओर सिंचाई विभाग के कर्मचारी सुरेंद्र कुमार ने कहा—
“मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है।
रजवाहे की समस्या का स्थाई समाधान जल्द कराया जाएगा।”

हालांकि किसानों का कहना है कि यह आश्वासन नई बात नहीं है—लेकिन इस बार हालात गंभीर हैं और स्थाई समाधान अत्यंत आवश्यक है।


Khatauli canal breach ने एक बार फिर साबित किया कि भूड़ रजवाहे की मरम्मत अब टालने वाला मुद्दा नहीं है। रातभर किसानों और ग्रामीणों ने जिस तरह अपने दम पर हालात संभाले, वह उनकी मजबूरी और प्रशासन की उदासीनता दोनों को उजागर करता है। अब ग्रामीणों की उम्मीद है कि सिंचाई विभाग इस बार केवल खानापूर्ति नहीं करेगा, बल्कि स्थाई मरम्मत कर इलाके की रबी फसलों और किसानों की मेहनत को सुरक्षित रखेगा।

 



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