Muzaffarnagar खतौली में 5 दिसंबर को हुए दिल दहला देने वाले सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। बुढ़ाना रोड पर सुबह-सुबह एक तेज रफ्तार अनियंत्रित ट्रक ने नियंत्रण खो दिया, और सड़क किनारे खड़े कई वाहनों को रौंदते हुए आगे बढ़ गया। इस भीषण टक्कर में ई-रिक्शा चालक इस्लामुद्दीन की मौके पर ही मौत हो गई।
इस घटना ने स्थानीय लोगों के मन में गुस्सा, भय और गहरी चिंता पैदा कर दी। लगातार बढ़ रहे हादसों से परेशान क्षेत्रवासियों का सब्र आखिर टूट चुका है, और यही वजह है कि सोमवार को नगर पालिका परिषद खतौली में आपात बैठक बुलाकर road safety protest की चेतावनी दी गई।
बुढ़ाना रोड—तेज रफ्तार का ‘खतनाक कॉरिडोर’, हादसों की लंबी फेहरिस्त
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से बुढ़ाना रोड एक तरह से स्पीड कॉरिडोर बन गया है, जहाँ भारी वाहन तेज रफ्तार में दौड़ते हुए अक्सर किसी न किसी को नुकसान पहुँचा जाते हैं।
क्षेत्रवासियों के अनुसार—
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सड़क किनारे अवैध पार्किंग की समस्या
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रात में पर्याप्त स्ट्रीटलाइट का अभाव
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ओवरलोड ट्रकों की बढ़ती संख्या
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ट्रैफिक पुलिस की नियमित गश्त न होना
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खतरनाक मोड़ों पर चेतावनी बोर्डों का न होना
इन सभी कारणों ने मिलकर बुढ़ाना रोड को एक संभावित दुर्घटना क्षेत्र में बदल दिया है। इसी कड़ी में 5 दिसंबर का हादसा सबसे दर्दनाक घटनाओं में से एक बन गया, जिसने पूरे कस्बे को आंदोलित कर दिया।
ई-रिक्शा चालक इस्लामुद्दीन का दर्द—परिवार की रीढ़ थे, मौत ने तोड़ा घर का सहारा
इस हादसे में जान गंवाने वाले इस्लामुद्दीन कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे। वह अपनी दिन-रात की मेहनत से ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस्लामुद्दीन अपनी ईमानदारी और सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे। उनकी अचानक मौत ने परिवार को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से झकझोर दिया है।
इसी वजह से बैठक में मौजूद लोगों ने उनके परिवार को उचित आर्थिक सहायता देने की भी जोरदार मांग उठाई। यह मांग लोगों के मन में इस्लामुद्दीन के प्रति सम्मान और संवेदना को दर्शाती है।
नगर पालिका परिषद में हुई बड़ी बैठक—नेताओं से लेकर आम नागरिकों तक सब रहे मौजूद
इस घटना के बाद आयोजित बैठक में समाज के हर वर्ग के लोग शामिल हुए, जिनमें राजनीतिक, सामाजिक तथा स्थानीय संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल थे। बैठक में उपस्थित रहे—
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एआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष मौलाना इमरान अहमद कासमी
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सफाई कर्मचारी संघ अध्यक्ष सुधीर धामा
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दाताराम
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ललित कुमार उर्फ टीनू
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रवि कुमार
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हाफिज मोबिन
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मो. उस्मान
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अब्दुल वहाब
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अब्दुल बारी
सहित क्षेत्र के कई गणमान्य नागरिक
इन सभी ने एक स्वर में कहा कि यह समय सिर्फ शोक व्यक्त करने का नहीं है, बल्कि सड़क सुरक्षा को लेकर ठोस और स्थायी कदम उठाने का है।
मोर्चा मजबूत: सड़क सुरक्षा की मांगें सामने रखते हुए 10 दिन की अल्टीमेटम चेतावनी
बैठक में क्षेत्रवासियों ने प्रशासन के सामने बेहद स्पष्ट और प्राथमिकता वाली मांगें रखीं। इन मांगों में शामिल हैं—
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बुढ़ाना रोड पर स्पीड कंट्रोल की व्यवस्था
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संवेदनशील स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाना
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सभी स्कूलों के बाहर स्पीड ब्रेकर का निर्माण
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खतरनाक मोड़ों पर बड़े संकेतक बोर्ड लगाना
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ओवरलोड और तेज रफ्तार वाहनों पर सख्त कार्रवाई
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मृतक इस्लामुद्दीन के परिजनों को उचित आर्थिक सहायता
लोगों ने प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हुए साफ चेतावनी दी कि अगर इस समयसीमा के भीतर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे road safety protest के तहत सड़कों पर उतरकर धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
सड़क सुरक्षा की अनदेखी—खतौली के लोगों को डर है कल किसकी बारी?
क्षेत्रवासियों ने बैठक में अपनी भावनाएँ खुलकर व्यक्त कीं। कई लोगों ने बताया कि रोज़ाना बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएँ जान जोखिम में डालकर इस सड़क से गुजरते हैं।
कई स्थानीय दुकानदारों ने कहा—
“सुबह-शाम ट्रक इतनी तेज रफ्तार में निकलते हैं कि पल भर में हादसा हो सकता है। प्रशासन यदि अब भी नहीं जागा, तो हालात और बिगड़ेंगे।”
लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक हादसा नहीं था, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा था, और अब समय आ गया है कि खतौली में सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
अगले 10 दिनों में क्या होगा? प्रशासन और जनता के बीच तनाव बढ़ने की आशंका
यदि प्रशासन ने समय पर कदम न उठाए, तो खतौली में सड़क सुरक्षा को लेकर माहौल और गर्म हो सकता है।
क्षेत्रवासियों के आंदोलन में—
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बड़ी संख्या में लोग शामिल हो सकते हैं
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बुढ़ाना रोड पर यातायात बाधित हो सकता है
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नगर पालिका में धरना-प्रदर्शन का दबाव बढ़ सकता है
इसलिए स्थानीय प्रशासन के लिए यह मामला बेहद संवेदनशील हो गया है।
लोगों का स्पष्ट कहना है कि road safety protest उनकी मजबूरी बनेगा, उनकी प्राथमिकता नहीं, लेकिन सुरक्षा को लेकर वे अब कोई समझौता नहीं करेंगे।
खतौली में ई-रिक्शा चालक इस्लामुद्दीन की दर्दनाक मौत के बाद सड़क सुरक्षा को लेकर जनता की आवाज पहले से कहीं अधिक प्रबल हो चुकी है। बुढ़ाना रोड पर लगातार बढ़ते हादसों और प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ लोग एकजुट हो गए हैं और अब उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 10 दिनों के भीतर ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तो वे बड़े स्तर पर सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। इस बढ़ते जनाक्रोश के बीच अब सभी की नजरें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं।
