उत्तर प्रदेश के Muzaffarnagar ज़िले के खतौली क्षेत्र से शनिवार को दिल दहला देने वाली खबर सामने आई, जहां महज 15 घंटे के भीतर रेलवे लाइन पर दो युवाओं की मौत हो गई। एक तरफ़ परिजन सदमे में हैं तो दूसरी ओर पुलिस भी लगातार दोनों घटनाओं की जांच में जुट गई है। यह घटनाएं न सिर्फ़ इंसानी लापरवाही की निशानी हैं बल्कि रेलवे सुरक्षा प्रणाली पर भी कई सवाल खड़े कर रही हैं।
🔴 पहली दुर्घटना: रात में मल्हूपुरा का युवक ट्रेन से कट गया
शनिवार की मध्यरात्रि खतौली थाना क्षेत्र के मल्हूपुरा मोहल्ले का रहने वाला 25 वर्षीय युवक जाहिद रेलवे लाइन पर किसी वजह से जा पहुंचा। वहां अचानक ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा तेज़ रफ्तार ट्रेन के गुजरते समय हुआ। हादसे के बाद रेलवे ट्रैक पर अफरातफरी मच गई।
पुलिस ने रात में मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया। तलाशी के दौरान युवक के पास से मिले दस्तावेज़ों से उसकी पहचान जाहिद पुत्र अलीम निवासी मल्हूपुरा के रूप में हुई। इस खबर से जाहिद के घर में मातम पसर गया। बताया जा रहा है कि जाहिद घर से किसी निजी काम से निकला था लेकिन फिर कभी लौटकर नहीं आया।
🔴 दूसरी घटना: सुबह-सुबह मालगाड़ी ने ली एक और जान
अभी रात की घटना की जांच चल ही रही थी कि सुबह खतौली रेलवे स्टेशन के पास मालगाड़ी की चपेट में आकर एक और युवक की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा करीब 6:30 बजे सुबह हुआ, जब स्थानीय लोगों ने रेलवे ट्रैक पर एक क्षत-विक्षत शव देखा। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच के बाद मृतक की पहचान राजू पुत्र शिव कुमार निवासी सैनी नगर, खतौली के रूप में की।
राजू की उम्र लगभग 35 साल बताई गई है। वह रोज़मर्रा के काम से सुबह घर से निकला था लेकिन कुछ ही देर में यह दुखद हादसा हो गया। आशंका जताई जा रही है कि ट्रैक पार करते समय वह ट्रेन की चपेट में आ गया।
🟥 पुलिस की त्वरित कार्रवाई और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
पुलिस ने दोनों मामलों में शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। रेलवे पुलिस व खतौली थाना पुलिस संयुक्त रूप से मामले की जांच कर रही है। वहीं, दोनों युवकों के परिजनों को जब यह खबर मिली तो उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
खासकर जाहिद के घर मातम का माहौल बना हुआ है। उसकी मां बेसुध है, और पिता अलीम बेटे के शव को देखकर टूट गए। राजू के घर भी कमोबेश वही दृश्य था। राजू के छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनके सिर से पिता का साया उठ गया।
🟡 क्या ट्रैक पर सुरक्षा नहीं? उठ रहे हैं कई सवाल
लगातार दो दुर्घटनाओं के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर ट्रैक पर सुरक्षा के इंतज़ाम कहां हैं? क्या रेलवे प्रशासन को पता नहीं कि यह रिहायशी क्षेत्र से सटा ट्रैक है, जहां लोग अक्सर आवाजाही करते हैं?
स्थानीय लोगों का कहना है कि खतौली रेलवे स्टेशन के पास कोई उचित सुरक्षा इंतज़ाम नहीं है। न तो चेतावनी बोर्ड लगे हैं, न ही कोई फेंसिंग। ऐसे में आए दिन लोग लापरवाही से ट्रैक पार करते हैं, जो दुर्घटनाओं को न्योता देता है।
🟢 स्थानीय प्रशासन की चुप्पी, रेलवे की जिम्मेदारी तय होगी?
घटनाओं के बाद प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लोगों में गुस्सा है कि ना तो रेलवे ट्रैक के पास कोई गार्ड तैनात किया गया और न ही चेतावनी देने के लिए सायरन या बैरिकेडिंग की गई।
अब देखना यह है कि क्या रेलवे विभाग इस मामले में किसी प्रकार की जिम्मेदारी लेता है या यह हादसे भी पुराने हादसों की तरह फाइलों में दफन हो जाएंगे।
🟠 लोगों की मांग: रेलवे क्रॉसिंग पर हो सुरक्षा इंतज़ाम, लगे सीसीटीवी
स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि खतौली रेलवे ट्रैक को सुरक्षित किया जाए। रेलवे लाइन के पास फेंसिंग, चेतावनी बोर्ड, सायरन और CCTV कैमरे लगाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें। इसके साथ ही, रेलवे ट्रैक पार करने वाले रास्तों को बंद करने या फ्लाईओवर के निर्माण की भी मांग उठ रही है।
🔵 रेलवे प्रशासन का बयान अभी तक लंबित
खास बात यह है कि इतनी गंभीर घटनाओं के बाद भी रेलवे प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। न ही इस बारे में कोई प्रेस रिलीज जारी की गई है। इस चुप्पी से लोगों में और भी आक्रोश है।
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⚫ मुजफ्फरनगर के खतौली में एक ही दिन में दो युवाओं की रेल हादसों में हुई दर्दनाक मौतों ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है। यह घटनाएं सिर्फ हादसे नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी का परिणाम हैं। अब ज़रूरत है कि रेलवे व प्रशासन इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान दें और ठोस कदम उठाएं, ताकि आने वाले समय में कोई और परिवार ऐसा दर्द ना झेले।