शुकतीर्थ।मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar)  गंगा स्नान मेला आयोजन को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। हर साल होने वाले इस विशाल धार्मिक आयोजन की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के निर्देशन में प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) नरेन्द्र बहादुर सिंह ने मेला स्थल का निरीक्षण करते हुए विभिन्न पहलुओं पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस दौरान प्रशासन, गंगा समिति के सदस्य और अन्य अधिकारीगण भी मौजूद रहे, जिन्होंने सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।

गंगा स्नान मेला शुकतीर्थ के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक आयोजन है, जिसमें हर साल लाखों श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने आते हैं। इस दौरान लोगों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा प्रबंधों से लेकर यातायात व्यवस्था और साफ-सफाई के लिए विस्तृत योजनाएं बनाई हैं। गंगा स्नान के दिन शुकतीर्थ घाट सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर भारी भीड़ होने की संभावना है, इसलिए प्रशासन ने इस बार पूरी तैयारी के साथ मेले का आयोजन करने का निर्णय लिया है।

प्रशासन ने क्या-क्या दिशा-निर्देश दिए?

अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) नरेन्द्र बहादुर सिंह ने गंगा स्नान मेले के सफल और सुरक्षित आयोजन के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दिशा-निर्देश जारी किए। इन निर्देशों में सबसे प्रमुख था— यातायात व्यवस्था का सुचारु होना। गंगा स्नान मेले के दौरान शुकतीर्थ में भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है, ऐसे में प्रशासन ने यातायात के लिए एक निर्धारित रूटमैप तैयार करने की योजना बनाई है। इससे यातायात का दबाव कम होगा और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इसके अलावा, घाटों और सम्पर्क मार्गों पर पथ प्रकाश व्यवस्था को भी सुनिश्चित किया गया है। रात के समय में श्रद्धालुओं को कोई भी असुविधा न हो, इसके लिए उचित लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही, घाटों और आसपास के क्षेत्रों में सफाई की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया है ताकि श्रद्धालुओं को स्वच्छता का अहसास हो और मेला स्थल पर किसी प्रकार की गंदगी न हो।

सुरक्षा के इंतजाम

गंगा स्नान मेला एक विशाल आयोजन है, जिसमें कई लाख श्रद्धालु एक साथ इकट्ठा होते हैं। ऐसे में सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है। प्रशासन ने इस बार सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कठोर कदम उठाए हैं। सुदृढ़ बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो और लोग आराम से स्नान कर सकें। साथ ही, सीसीटीवी कैमरे की निगरानी से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मेले के दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो।

प्रशासन ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे मेले के दौरान कंट्रोल रूम से पूरे घटनाक्रम की निगरानी रखें। सीसीटीवी के माध्यम से स्थिति पर नजर रखी जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार के अप्रिय घटना से तुरंत निपटा जा सके। इसके अलावा, सामाजिक संस्थाओं और साधु-संतों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है ताकि वे भी आयोजन में सहयोग कर सकें और मेले का वातावरण सकारात्मक रहे।

शुकतीर्थ घाट और आसपास की सुविधाएं

शुकतीर्थ घाट, जो गंगा स्नान के लिए प्रसिद्ध है, इस बार और भी आकर्षक और व्यवस्थित दिखेगा। प्रशासन ने घाटों की साफ-सफाई की योजना बनाई है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की गंदगी का सामना न करना पड़े। घाटों के आसपास के मंदिरों और महत्वपूर्ण स्थानों की भी सफाई की जाएगी ताकि मेला स्थल पर हर चीज व्यवस्थित दिखे।

साथ ही, पेयजल और चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए, प्रशासन ने मेला क्षेत्र में चिकित्सा शिविरों की व्यवस्था की है, ताकि किसी भी प्रकार की आकस्मिक स्थिति में तुरंत उपचार दिया जा सके।

गंगा स्नान मेले का धार्मिक और सामाजिक महत्व

गंगा स्नान मेला न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक पर्व भी है। इस मेले में श्रद्धालु अपनी श्रद्धा के अनुसार गंगा नदी में स्नान करते हैं और पुण्य लाभ प्राप्त करने के लिए विभिन्न पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसी मान्यता है।

गंगा स्नान मेला हर साल एक उत्सव का रूप लेता है, जिसमें श्रद्धालु अपनी धार्मिक आस्थाओं को पुनः पुष्ट करते हैं। इस दिन न केवल भारत, बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु शुकतीर्थ आते हैं। इस अवसर पर कई धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें साधु-संत और समाज के विभिन्न लोग भाग लेते हैं।

प्रशासन की पूरी तैयारी

अपर जिलाधिकारी नरेन्द्र बहादुर सिंह के निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि प्रशासन ने इस मेला को लेकर हर पहलू पर गंभीरता से विचार किया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं होना चाहिए और हर व्यवस्था को सुचारु रूप से लागू किया जाए। गंगा समिति के सदस्य भी इस पूरे आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रशासन के साथ मिलकर काम करेंगे।

इस साल गंगा स्नान मेला एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहा है, क्योंकि भीड़ का दबाव पहले से कहीं अधिक हो सकता है। फिर भी प्रशासन की ओर से की गई सख्त तैयारी और व्यवस्था के कारण यह आयोजन शांतिपूर्वक और सफलतापूर्वक संपन्न होने की संभावना है।

 



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