Muzaffarnagar शिवसेना के प्रदेश और जिला पदाधिकारियों की बैठक ने गोल मार्केट के अतिक्रमण मामले को लेकर क्षेत्र में हलचल मचा दी है। यह आवश्यक बैठक शिवसेना के संपर्क कार्यालय, शिव चौक तहसील मार्केट पर आयोजित की गई। इसमें यूपी राज्य उपप्रमुख प्रमोद अग्रवाल ने अध्यक्षता की और संचालन का जिम्मा जिला उपाध्यक्ष हरेंद्र शर्मा ने संभाला। बैठक का मुख्य उद्देश्य गोल मार्केट में बरामदों पर दुकानदारों द्वारा किए गए अतिक्रमण को समाप्त करना था।

बरामदे पर कब्जा: आम जनता की मुश्किलें बढ़ीं

गोल मार्केट का बरामदा, जो जनता के आवागमन के लिए आरक्षित है, वर्तमान में दुकानदारों के सामान से भर चुका है। शिवसेना जिला अध्यक्ष बिट्टू सिखेड़ा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि बारिश के दौरान आम नागरिकों को खुले में भीगते हुए सड़क से गुजरने के लिए मजबूर होना पड़ता है। उन्होंने बताया कि दुकानदारों का यह रवैया न केवल अनुचित है, बल्कि आम जनता की परेशानी को भी बढ़ा रहा है।

डॉ. योगेंद्र शर्मा, प्रदेश महासचिव, ने अपील की कि सभी दुकानदार अपने अतिक्रमण को हटाएं। उन्होंने कहा, “यह मुद्दा केवल प्रशासनिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक भी है। जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बरामदे को खाली करना अनिवार्य है।”

शिवसेना की सख्त चेतावनी: 3 दिन का अल्टीमेटम

बैठक में मंडल प्रमुख लोकेश सैनी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यदि तीन दिनों के भीतर दुकानदार अपने सामान को दुकान के अंदर नहीं रखते हैं, तो शिवसेना मजबूरन सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इस प्रदर्शन की जिम्मेदारी पूरी तरह दुकानदारों और प्रशासन पर होगी।

जिला उपाध्यक्ष हरेंद्र शर्मा ने कहा, “हमने दुकानदारों को तीन दिन का समय दिया है। यदि अतिक्रमण नहीं हटता, तो धरना प्रदर्शन वहीं पर होगा। शिवसेना जनता के हितों के लिए हमेशा तैयार है, और इस मामले में भी पीछे नहीं हटेगी।”

प्रशासन से अपील और समर्थन की उम्मीद

शिवसेना पदाधिकारियों ने प्रशासन से अपील की है कि वह गोल मार्केट के बरामदे को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सख्त कदम उठाए। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगर प्रशासन द्वारा कार्रवाई में देरी होती है, तो शिवसेना अपने स्तर पर इसका समाधान निकालने के लिए कदम उठाएगी।

बैठक में मौजूद पदाधिकारियों की भूमिका

इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमोद अग्रवाल, योगेंद्र शर्मा, लोकेश सैनी, राजेश कश्यप, बिट्टू सिखेड़ा, हरेंद्र शर्मा, सुशील कुमार, प्रदीप चौधरी, अंकुर खत्री, भारत खोकर जैसे वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने अपनी सहमति दी कि शिवसेना इस मुद्दे को प्राथमिकता से सुलझाएगी।

अन्य क्षेत्रों में भी अतिक्रमण पर नजर

बैठक में यह भी चर्चा की गई कि मुजफ्फरनगर के अन्य बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर बढ़ते अतिक्रमण पर ध्यान दिया जाए। शिवसेना ने एक टीम बनाने का निर्णय लिया है, जो अन्य बाजारों का निरीक्षण करेगी और जनता की समस्याओं को समझकर प्रशासन के सामने रखेगी।

अतीत की घटनाओं का संदर्भ

गोल मार्केट का यह मुद्दा कोई नया नहीं है। इससे पहले भी अतिक्रमण के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई के अभाव में समस्या और जटिल हो गई। क्षेत्र के नागरिकों ने शिवसेना के इस कदम का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि यह पहल उनकी परेशानियों को हल करने में मदद करेगी।

जनता की प्रतिक्रिया

गोल मार्केट के पास रहने वाले लोगों ने इस कदम की सराहना की। स्थानीय निवासी अमन कुमार ने कहा, “हम कई वर्षों से इस समस्या का सामना कर रहे हैं। अगर शिवसेना इसे हल करने में सफल होती है, तो यह आम जनता के लिए राहत की बात होगी।”

शिवसेना की रणनीति: सख्त लेकिन संवेदनशील

शिवसेना ने अपनी रणनीति में स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य दुकानदारों के प्रति सख्ती दिखाना नहीं, बल्कि जनता की सुविधा सुनिश्चित करना है। प्रमोद अग्रवाल ने कहा, “यह अभियान किसी के खिलाफ नहीं है। यह जनता के हितों के लिए है। हमें उम्मीद है कि दुकानदार भी हमारे प्रयासों को समझेंगे और सहयोग करेंगे।”

आगे की कार्रवाई

शिवसेना ने यह भी घोषणा की है कि यदि तीन दिन के भीतर समाधान नहीं निकलता है, तो वे प्रशासन से लिखित रूप में शिकायत करेंगे और उच्च अधिकारियों से मिलकर कार्रवाई की मांग करेंगे। इसके अलावा, धरना प्रदर्शन की तैयारी भी शुरू कर दी गई है।

गोल मार्केट अतिक्रमण का यह मुद्दा मुजफ्फरनगर के लिए एक गंभीर समस्या बन गया है। शिवसेना ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराते हुए इसे हल करने का बीड़ा उठाया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन और दुकानदार इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेते हैं और आम जनता को राहत देने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।



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