Muzaffarnagar। जिले में पशु धन की सुरक्षा को लेकर पुलिस की सख्ती का नतीजा है कि एक बार फिर गौकशी के दुस्साहसिक अपराधियों की करतूतें नाकाम हुई हैं। थाना छपार की पुलिस ने मंगलवार की रात एक साहसिक और जोखिम भरी ऑपरेशन में दो शातिर गौकशों को उनके घर के पास ही धर दबोचा। इस ऑपरेशन के दौरान हुई मुठभेड़ में एक आरोपी पुलिस की जवाबी फायरिंग में जख्मी हुआ, जबकि उसका एक साथी पुलिस के कब्जे में आया। मौके से एक मासूम जिंदा गाय, वध के नुकीले औजार और अवैध फायरआर्म्स बरामद किए गए हैं, जो इन आरोपियों के काले इरादों की पुष्टि करते हैं।
गुप्त सूचना पर अंधेरी रात में जमीनी दखल
यह पूरी घटना पुलिस की सूचना तंत्र और त्वरित कार्रवाई की बानगी है। खबरों के मुताबिक, थाना छपार के एक विश्वसनीय मुखबिर ने पुलिस को यह जानकारी दी कि ग्राम महरायपुर से खुड्डा जाने वाले एक सुनसान रास्ते पर कुछ बदमाशों ने एक गाय को ले जाने का प्लान बनाया है। इस गंभीर सूचना को गंभीरता से लेते हुए, पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरनगर के निर्देशन में एक विशेष टीम तैनात की गई।
पुलिस घेराबंदी और आरोपियों की गोलीबारी
इस पुलिस टीम का नेतृत्व उपनिरीक्षक सत्यप्रकाश यादव कर रहे थे, जिनके साथ उपनिरीक्षक अनवर अव्वास, उपनिरीक्षक रजत कुमार, हैड कांस्टेबल अमित कुमार, कांस्टेबल वेदराम सिंह और कांस्टेबल सोनवीर सिंह मौजूद थे। टीम ने अंधेरे का फायदा उठाते हुए मुठभेड़ की पूरी तैयारी के साथ निर्धारित जगह पर पहुंचकर घेराबंदी कर दी। जैसे ही आरोपी वहां पहुंचे, पुलिस ने उन्हें घेरने की कोशिश की। लेकिन यह आरोपी कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि शातिर और जानलेवा हथियारों से लैस बदमाश निकले। पुलिस को देखते ही उन्होंने बिना किसी चेतावनी के सीधे पुलिस party पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिससे वहां मौजूद पुलिसकर्मियों की जान को खतरा पैदा हो गया।
पुलिस की जवाबी कार्रवाई, एक आरोपी ढेर
अपनी और साथियों की सुरक्षा को देखते हुए, पुलिस टीम को आत्मरक्षा में जवाबी कार्रवाई करने के अलावा कोई चारा नहीं था। पुलिस ने भी सतर्कता और समझदारी से जवाबी फायरिंग की। इस सटीक फायरिंग का नतीजा यह हुआ कि आरोपियों के ग्रुप का एक सदस्य, जिसकी पहचान शहजाद पुत्र याकूब (निवासी – ग्राम खुड्डा, थाना छपार) के रूप में हुई, वह गोली लगने से जख्मी होकर जमीन पर गिर पड़ा। उसके घायल होते ही बाकी आरोपियों का हौसला टूट गया और वे अफरा-तफरी का शिकार हो गए।
एक गिरफ्तार, दो फरार, मौके से महत्वपूर्ण बरामदगी
मौके की गंभीरता और अंधेरे का फायदा उठाकर आरोपियों के दो साथी खेतों में लगी ऊंची फसलों में छिपकर फरार होने में कामयाब रहे। हालांकि, पुलिस टीम की पकड़ में सालिम पुत्र कामिल (निवासी – ग्राम खुड्डा, थाना छपार) आ गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। घटनास्थल की तलाशी लेने पर पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। वहां से एक जिंदा गाय को सुरक्षित बरामद किया गया, जिसे आरोपी अपने साथ ले जा रहे थे। इसके अलावा, गौवंश की हत्या के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तेज धार वाले उपकरण भी मिले। सबसे खतरनाक बात यह रही कि आरोपियं के पास से दो अवैध तमंचे और जिंदा व खोखा कारतूसों का एक बड़ा जखीरा भी बरामद हुआ, जो दर्शाता है कि यह गिरोह किस कदर खतरनाक और हथियारों से लैस था।
कौन हैं ये शातिर आरोपी? पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है लंबा अपराधी इतिहास
पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में आरोपियों के बारे में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। घायल आरोपी शहजाद कोई पहली बार हाथ आने वाला मामूली अपराधी नहीं है, बल्कि वह एक हिस्ट्रीशीटर (पूर्ववर्ती अपराधी) है। उसके नाम पर पहले से ही आठ गंभीर मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें गौवध (गाय की हत्या), पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट, आयुध अधिनियम और यहां तक कि हत्या के प्रयास जैसे जघन्य आरोप शामिल हैं। यही नहीं, गिरफ्तार आरोपी सालिम भी बेदाग नहीं है। उसके खिलाफ भी पहले से आर्म्स एक्ट का एक मामला दर्ज हो चुका है, जो उसके अपराधी मानसिकता की पुष्टि करता है।
पुलिस की बड़ी कामयाबी, लेकिन जारी है दो आरोपियों की तलाश
इस ऑपरेशन को पुलिस की एक बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है। थाना छपार की पुलिस ने न केवल एक मासूम पशु की जान बचाई है, बल्कि जिले में सक्रिय एक खतरनाक गिरोह के दो सदस्यों को उनके हथियारों के साथ निष्क्रिय भी किया है। घायल आरोपी शहजाद को तत्काल चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराते हुए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत stable बताई जा रही है। उस पर कड़े पहरे के तहत इलाज कराया जा रहा है। वहीं, गिरफ्तार आरोपी सालिम से पुलिस जिरह कर रही है और उससे फरार आरोपियों की पहचान और उनके ठिकानों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए जारी है कॉम्बिंग ऑपरेशन
इस मामले में अब पुलिस की सबसे बड़ी चुनौती फरार हुए दो अन्य आरोपियों को पकड़ना है। इन आरोपियों के पास भारी मात्रा में हथियार होने की आशंका है, जिसे देखते हुए पूरे इलाके में पुलिस की कॉम्बिंग ऑपरेशन तेज कर दी गई है। गांवों और आस-पास के जंगली इलाकों में छापेमारी की जा रही है। पुलिस का मानना है कि जल्द ही इन दोनों शातिर बदमाशों को भी उनके सही ठिकाने से उखाड़कर कानून के सामने लाया जाएगा। पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि अगर उन्हें इन आरोपियों या किसी भी संदिग्ध गतिविधि के बारे में कोई जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें।
इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर उस संगठित अपराध को उजागर किया है जो पशु धन, विशेष रूप से गौवंश के साथ जुड़ा हुआ है। पुलिस की यह सफलता न केवल कानून प्रवर्तन की क्षमता को दर्शाती है बल्कि उन खतरों का भी संकेत देती है जिनका सामना हमारे पुलिसकर्मी रोजाना करते हैं। गौकशी जैसे संवेदनशील मामले में त्वरित और साहसिक कार्रवाई ने जिले के नागरिकों और किसानों में एक सकारात्मक संदेश दिया है। अब सभी की नजर उस आगे की कार्रवाई पर है जिसमें फरार आरोपियों को शीघ्र ही गिरफ्तार किया जाएगा और पूरे गिरोह को कानून के कठघरे में खड़ा किया जाएगा।
