रतनपुरी।(Muzaffarnagar)। जनपद में एक बार फिर गौकशी का सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार करके बड़ी कार्रवाई का परिचय दिया है। थाना रतनपुरी पुलिस की टीम ने खालिद, नफीश और आबाद नाम के आरोपियों को गोवंश की हत्या करने और उसके मांस से बिरयानी बनाते हुए रंगे हाथों पकड़ा। मौके से करीब 100 किलोग्राम गोमांस और बिरयानी बनाने के सामान के साथ तीन बड़े भगोने भी बरामद किए गए हैं।

क्या है पूरा मामला?

पुलिस सूत्रों के अनुसार, 25-26 मार्च की रात को आरोपियों ने गांव भनवाड़ा के पास मंडावली खादर मोड़ पर गाय की अवैध कटाई की। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस उप महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर विशेष अभियान चलाया गया। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) और बुढ़ाना के क्षेत्राधिकारी की देखरेख में थाना रतनपुरी की टीम ने आरोपियों का पीछा करते हुए उन्हें घटनास्थल के नजदीक से ही धर दबोचा।

बिरयानी बनाते हुए हुआ बरामद!

सबसे चौंकाने वाला पहलू यह रहा कि जब पुलिस ने छापा मारा, तो आरोपी गोमांस से बिरयानी बनाने में व्यस्त थे। मौके से जब्त किए गए सामान में 100 किलो से अधिक गोमांस, कटिंग के लिए इस्तेमाल किए गए धारदार हथियार और खाना पकाने के बर्तन शामिल हैं। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह लंबे समय से अवैध गौकशी और मांस की तस्करी में शामिल था।

पुलिस टीम की बड़ी कामयाबी

इस ऑपरेशन में शामिल पुलिसकर्मियों में उप निरीक्षक योगेश तेवतिया, उप निरीक्षक अजय कुमार त्यागी, कांस्टेबल अनूप कुमार और हेमंत चौधरी शामिल रहे। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया है, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।

गौरक्षा में यूपी पुलिस की सख्त कार्रवाई

उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन लगातार गौकशी और अवैध मांस व्यापार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। इससे पहले भी मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जहां पुलिस ने शातिर अपराधियों को पकड़कर कानून के शिकंजे में लिया है। गौरक्षक संगठनों ने भी इस कार्रवाई की सराहना की है और मांग की है कि ऐसे अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।

क्या कहता है कानून?

भारतीय दंड संहिता (IPC) और उत्तर प्रदेश गौ संरक्षण कानून के तहत गौकशी एक गंभीर अपराध है, जिसमें 7 साल तक की कैद और भारी जुर्माने का प्रावधान है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों पर संबंधित धाराओं में केस दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है।

स्थानीय लोगों और गौरक्षकों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद ग्रामीणों और गौरक्षक संगठनों ने पुलिस की तारीफ की है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं समाज में तनाव पैदा करती हैं और पशुधन की सुरक्षा के लिए सख्त कानून की जरूरत है। कुछ लोगों ने यह भी सवाल उठाया है कि क्या यह गिरोह किसी बड़े मांस तस्करी नेटवर्क का हिस्सा है?

आगे की कार्रवाई

पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वे किसी बड़े गिरोह से जुड़े हैं। साथ ही, जिले में और भी ऐसे आपराधिक तत्वों की तलाश जारी है, जो गौकशी और अवैध मांस व्यापार में शामिल हो सकते हैं।

मुजफ्फरनगर का यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि पुलिस गौकशी और अवैध मांस तस्करी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। आम जनता से अपील की गई है कि वह ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।

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(यह खबर पूरी तरह से प्रामाणिक स्रोतों पर आधारित है और किसी भी धर्म या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं रखती।)



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