मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar) नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने नगर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक सख्त कदम उठाया है। मंगलवार को उन्होंने वार्ड संख्या 37 के अंतर्गत गांधी कालोनी क्षेत्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान चेयरपर्सन ने न केवल स्थानीय सभासद से बातचीत की, बल्कि आम नागरिकों से भी मिलकर सफाई व्यवस्था पर उनके विचार जाने। इस निरीक्षण में सामने आई लापरवाही ने चेयरपर्सन को नाराज कर दिया, और उन्होंने तत्काल एक्शन लेते हुए सफाई नायक और कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगा दी।

औचक निरीक्षण में मिली बड़ी लापरवाही

मीनाक्षी स्वरूप ने पिछले कुछ दिनों में पालिका के सभी वार्डों का निरीक्षण करने का संकल्प लिया था। इसी कड़ी में, मंगलवार सुबह उन्होंने अपनी टीम के साथ वार्ड 37 में गांधी कालोनी का दौरा किया। उनके साथ पालिका सभासद, ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। इस दौरान, वार्ड सभासद अमित पटपटिया ने चेयरपर्सन का स्वागत किया और उन्हें क्षेत्र की स्थिति से अवगत कराया।

चेयरपर्सन ने सबसे पहले सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति का रजिस्टर मंगवाया और उसमें हाजिरी ली। इसमें पाया गया कि सात सफाई कर्मचारी और सफाई नायक विकास कुमार अपनी ड्यूटी से नदारद थे। चेयरपर्सन ने तुरंत रजिस्टर में उनकी अनुपस्थिति दर्ज की और इन कर्मचारियों के एक दिन के वेतन की रोकथाम के निर्देश दिए। साथ ही, सफाई नायक को स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया।

स्थानीय नागरिकों ने जताई शिकायतें

चेयरपर्सन ने वार्ड में नागरिकों से भी बात की और उनकी समस्याएं सुनीं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि कई दिनों तक गलियों में सफाई कर्मचारियों का आना नहीं होता, जिससे गंदगी फैलती रहती है। उषा और डॉ. लाम्बा जैसे नागरिकों ने इस मुद्दे की गंभीरता पर प्रकाश डाला और बताया कि इस लापरवाही से वार्ड की सफाई व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। चेयरपर्सन ने मौके पर ही निर्देश दिए कि सफाई कार्य नियमित रूप से किया जाए और इसमें कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सफाई नायकों के साथ बैठक और भविष्य की योजना

औचक निरीक्षण के बाद, चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने पालिका सभाकक्ष में सभी 55 वार्डों में कार्यरत सफाई नायकों के साथ एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्य में लापरवाही अब किसी भी कीमत पर सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 जल्द ही शुरू होने वाला है और सभी को मिलकर शहर की सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाना है।

मीनाक्षी स्वरूप ने कहा कि वे प्रतिदिन सुबह आठ बजे से वार्डों का निरीक्षण करेंगी और कर्मचारियों की हाजिरी लेंगी। उन्होंने सफाई नायकों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि सभी कर्मचारी अपनी निर्धारित यूनिफार्म में उपस्थित हों। जो कर्मचारी ड्यूटी में लापरवाही बरतेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चेयरपर्सन ने यह भी बताया कि कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए पालिका उनका सहयोग करेगी, लेकिन यह जनता के हितों की कीमत पर नहीं होगा।

सफाई कर्मचारियों को दिए गए नए निर्देश

मीनाक्षी स्वरूप ने सफाई नायकों को यह निर्देश दिया कि वे कर्मचारियों के बीच समन्वय बनाकर काम का वितरण करें। उन्होंने कहा कि गलियों का सफाई कार्य दिनों के अनुसार विभाजित किया जाए ताकि कोई गली बिना सफाई के न रहे। उन्होंने ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह और नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल कुमार को पूरी निगरानी रखने के निर्देश दिए।

भ्रष्टाचार और लापरवाही पर चेयरपर्सन का सख्त रुख

चेयरपर्सन ने अपने कड़े रुख से यह भी संदेश दिया कि सफाई व्यवस्था में कोई भी प्रकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार नहीं बर्दाश्त किया जाएगा। उनके अनुसार, एक साफ और स्वच्छ शहर का निर्माण तभी संभव है जब सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का सहयोग हो और उन्हें अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो।

अंत में, एक कड़ा संदेश

मीनाक्षी स्वरूप ने कहा कि उनका मकसद किसी को दंडित करना नहीं बल्कि एक बेहतर व्यवस्था स्थापित करना है जिससे नगरवासियों को स्वच्छता का लाभ मिल सके। “जो काम नहीं करेगा, उसे दंड भुगतना होगा,” उन्होंने कहा। उनके इस संदेश से यह साफ हो गया कि अब नगर निगम में कार्य की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।

इस घटनाक्रम से यह साबित होता है कि नगर निगम की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप अपने शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर गंभीर हैं और उनके प्रयासों से नगर की सफाई व्यवस्था में सुधार संभव है। इस अभियान के तहत अन्य वार्डों में भी इसी तरह की कार्रवाई करने की योजना बनाई जा रही है ताकि शहर के हर कोने में स्वच्छता बनी रहे।



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