मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) जिला कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने बीते दो वर्षों में न केवल खुद को मजबूत किया है, बल्कि जिले के लाखों किसानों और आम नागरिकों की आर्थिक रीढ़ बनने का कार्य भी किया है। बैंक के सभापति ठाकुर रामनाथ सिंह की अगुवाई में बैंक ने ऐसे कई फैसले लिए हैं, जो इसे प्रदेश के अग्रणी बैंकों में शुमार कर चुके हैं।
ठाकुर रामनाथ सिंह की अगुवाई में कमैटी का जबरदस्त प्रदर्शन
बैंक की मौजूदा कमैटी ने दो वर्षों में अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। प्रेसवार्ता में ठाकुर रामनाथ सिंह ने बताया कि बैंक की 50 शाखाएं—जिसमें शामली में 11 और मुजफ्फरनगर में 39 शाखाएं शामिल हैं—आज न केवल तकनीकी रूप से मजबूत हो चुकी हैं, बल्कि सहकारी समितियों से जुड़कर 1 लाख 65 हजार किसानों को लाभ पहुंचा रही हैं।
तीन लाख से ज्यादा खाताधारक, लगातार बढ़ती विश्वसनीयता
जिले के साढ़े तीन लाख खाताधारकों का भरोसा जीतना कोई आसान काम नहीं होता। लेकिन कोऑपरेटिव बैंक ने अपनी योजनाओं और पारदर्शी कार्यप्रणाली से यह मुमकिन कर दिखाया। बैंक की स्कीम्स अब शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लोगों के लिए समान रूप से उपयोगी साबित हो रही हैं।
गृह और वाहन ऋण योजना से आमजन को राहत
बैंक ने केवल किसानों तक ही सीमित रहकर नहीं, बल्कि अब गृह ऋण और वाहन ऋण जैसी सुविधाएं भी शुरू कर दी हैं। वेतनभोगी सहकारी समितियों को भी लाभान्वित किया जा रहा है। अब नौकरीपेशा वर्ग को भी बैंक से सीधा फायदा मिल रहा है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना बनी जनप्रिय
प्रेसवार्ता में सभापति ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत केवल ₹20 वार्षिक प्रीमियम में खाताधारकों को ₹2 लाख तक का बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। यह सुविधा 18 से 70 वर्ष तक की आयु के सभी खाताधारकों के लिए उपलब्ध है।
बैंक शाखाओं का आधुनिकीकरण: AC और Wi-Fi की सुविधा से लैस
जनपद के 17 बैंक शाखाओं को उच्चीकृत कर उनमें एसी और वाईफाई की सुविधा दी गई है। अन्य शाखाओं में भी जल्द ही यह सुविधा लागू की जाएगी, जिससे ग्राहकों को सुविधाजनक और आधुनिक वातावरण मिल सके।
बच्चों के लिए शुरू की गई अनोखी सेविंग स्कीम
एक बड़ी और प्रेरणादायक पहल के अंतर्गत बैंक ने स्कूली बच्चों को बचत के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से विशेष योजना शुरू की है। अब तक 10,000 छात्र-छात्राओं के खाते खोले जा चुके हैं। इससे बच्चों में बचपन से ही वित्तीय अनुशासन की भावना विकसित की जा रही है।
1000 करोड़ से ज्यादा के फसली ऋण, किसानों की तरक्की को नई रफ्तार
ठाकुर रामनाथ सिंह ने बताया कि पिछले दो वर्षों में बैंक ने किसानों को लगभग ₹1000 करोड़ के फसली ऋण वितरित किए हैं। इससे न केवल खेतीबाड़ी में सुधार आया है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिति में भी बदलाव आया है।
बैंक की जमा पूंजी और कार्यशील पूंजी में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
2023 में जहां बैंक की जमा राशि ₹2051.21 करोड़ थी, वहीं वर्तमान में यह बढ़कर ₹2339.33 करोड़ तक पहुंच चुकी है। यही नहीं, बैंक की कार्यशील पूंजी में भी ₹614 करोड़ की शानदार वृद्धि हुई है। यह वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि लोग बैंक पर पहले से ज्यादा भरोसा करने लगे हैं।
बैंक का मुनाफा छू रहा नई ऊंचाइयां
बैंक की नेट प्रॉफिट की बात करें तो यह अब ₹2022.08 लाख तक पहुंच गया है। ऐसे आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि बैंक केवल जनहित में नहीं बल्कि स्वयं भी आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहा है।
बैंक प्रबंधन में सक्रिय और अनुभवी टीम की भूमिका अहम
प्रेसवार्ता के दौरान बैंक के डायरेक्टर बिजेंद्र मलिक (एडवोकेट), संजीव प्रधान, इंद्रपाल सिंह, दिनेश गोयल, ठाकुर सोमवीर सिंह, मुकेश जैन (एडवोकेट), राजू अहलावत, कटार सिंह, पंकज पाल, आशीष त्यागी और सीईओ राजेश चौहान जैसे अनुभवी और सक्रिय सदस्य भी उपस्थित रहे। इन सभी की संयुक्त मेहनत से बैंक को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया गया है।
भविष्य की योजनाएं: तकनीक, पारदर्शिता और नई स्कीम्स पर फोकस
बैंक का अगला लक्ष्य सभी शाखाओं को पूर्णतः डिजिटल और पेपरलेस बनाना है। किसानों के लिए मोबाइल बैंकिंग की सुविधा शुरू करने की योजना पर भी काम किया जा रहा है। साथ ही महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को जोड़ने के लिए अलग से ऋण योजनाएं लाने की तैयारी है।
प्रदेश स्तर पर पहली पंक्ति में शामिल हुआ बैंक
दो वर्षों में जो उपलब्धियां मिली हैं, वे इस बात का स्पष्ट प्रमाण हैं कि मुजफ्फरनगर जिला कोऑपरेटिव बैंक अब प्रदेश के अग्रणी बैंकों में अपनी जगह बना चुका है। एक समय पर जो केवल ग्रामीण बैंकिंग तक सीमित था, आज वही बैंक शहरी स्तर पर भी गूंज बन चुका है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल देने में महत्वपूर्ण भूमिका
बैंक न केवल वित्तीय सेवा प्रदान कर रहा है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक संरचना को भी मजबूती दे रहा है। किसानों, मजदूरों, छात्रों और मध्यमवर्गीय परिवारों को आसान शर्तों पर ऋण देना इस बैंक की पहचान बन चुकी है।
नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ता बैंक, जनता को नई उम्मीद
आज जब बड़े-बड़े प्राइवेट बैंक अपनी पहुंच सीमित रखते हैं, तब कोऑपरेटिव बैंक जैसे संस्थान आमजन तक सुविधाएं पहुंचा रहे हैं। ठाकुर रामनाथ सिंह और उनकी टीम की नेतृत्व क्षमता ने यह साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी संस्थान बदलाव की मिसाल बन सकता है।
मुजफ्फरनगर जिला कोऑपरेटिव बैंक ने अपनी योजनाओं, ईमानदार कार्यप्रणाली और प्रभावशाली नेतृत्व के दम पर जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। भविष्य में बैंक किस नई ऊंचाई को छुएगा, यह देखने लायक होगा।