Muzaffarnagar जनपद के जानसठ तहसील परिसर में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में शनिवार को जिलाधिकारी उमेश मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने एक साथ पहुंचकर जनता की समस्याएं सुनीं। इस दौरान सैकड़ों लोग अपनी फरियाद लेकर पहुंचे, जिनकी समस्याओं को अधिकारियों ने गंभीरता से सुना और संबंधित विभागों को गुणवत्तापूर्ण व त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए।

सम्पूर्ण समाधान दिवस के दौरान पुलिस व प्रशासनिक अधिकारीगण पूरी तत्परता के साथ उपस्थित रहे। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों से संबंधित शिकायतें सामने आईं – जिनमें राजस्व, पुलिस, बिजली, स्वास्थ्य, आवास, और सामाजिक कल्याण विभाग से जुड़ी समस्याएं प्रमुख रहीं।


डीएम उमेश मिश्रा ने कहा – शिकायतें समय सीमा में सुलझें, कोई भी शिकायत लंबित न रहे

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने स्पष्ट निर्देश दिया कि “जनता की समस्या का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।” उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को आदेश दिया कि किसी भी शिकायत को लापरवाही से न लिया जाए।
उन्होंने कहा, “प्रत्येक अधिकारी मौके पर जाकर जांच करें, और शिकायतकर्ता को संतोषजनक उत्तर दें।

डीएम ने विशेष रूप से यह भी कहा कि भूमि विवाद, आवास, और महिला उत्पीड़न से जुड़ी शिकायतों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने सभी तहसील स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शिकायतों के निस्तारण के बाद फॉलो-अप रिपोर्ट भी प्रस्तुत करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि समस्या वास्तव में हल हुई है।


एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने कहा – पुलिस व्यवहार में पारदर्शिता और संवेदनशीलता जरूरी

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय वर्मा ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जनता के साथ शालीनता और संवेदनशीलता से पेश आएं।
उन्होंने कहा, “हर शिकायतकर्ता उम्मीद लेकर थाने और समाधान दिवस में आता है, इसलिए उसे न्याय मिलना चाहिए।
उन्होंने थाना स्तर पर लंबित शिकायतों की समीक्षा करने और महिला एवं वरिष्ठ नागरिकों से जुड़ी शिकायतों को प्राथमिकता से निपटाने के आदेश दिए।

एसएसपी ने यह भी कहा कि किसी भी थाना क्षेत्र में साइबर अपराध, भूमि कब्जा या धोखाधड़ी जैसी शिकायतों को तुरंत दर्ज कर कार्रवाई की जाए।


अधिकारियों को मिले सख्त निर्देश – शिकायतों की निष्पक्ष जांच करें

सम्पूर्ण समाधान दिवस में उपस्थित सभी अधिकारियों को डीएम और एसएसपी ने निर्देशित किया कि शिकायतों की निष्पक्ष जांच की जाए और किसी भी पक्ष को अनुचित लाभ न मिले।
उन्होंने कहा कि यदि किसी अधिकारी द्वारा लापरवाही पाई गई, तो उसके खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

डीएम ने कहा कि समाधान दिवस की वास्तविक सफलता तभी है जब जनता को मौके पर राहत मिले, न कि केवल फाइलों में निस्तारण दिखाया जाए।


महिला अपराध और साइबर ठगी पर भी हुई विशेष चर्चा

कार्यक्रम के दौरान महिला अपराधों और साइबर अपराधों पर भी विशेष चर्चा की गई।
अधिकारियों ने उपस्थित नागरिकों को बताया कि साइबर अपराध से बचने के लिए अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, OTP साझा न करें और संदिग्ध कॉल्स से सावधान रहें।

डीएम और एसएसपी ने कहा कि साइबर अपराधियों के खिलाफ जिले में विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें आम जनता को भी जागरूक किया जाएगा।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अन्य अधिकारी रहे मौजूद

समाधान दिवस में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील तेवतिया, क्षेत्राधिकारी यतेन्द्र सिंह नागर, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
डीएम ने स्वास्थ्य विभाग से कहा कि गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाया जाए और औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को समय पर उपचार मिलना चाहिए और किसी भी केंद्र पर दवा या स्टाफ की कमी नहीं होनी चाहिए।


जनता ने जताया संतोष – अधिकारियों की तत्परता की सराहना

सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे अनेक शिकायतकर्ताओं ने बताया कि अधिकारियों ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना।
कई लोगों ने कहा कि पहली बार उन्हें लगा कि उनकी आवाज वास्तव में सुनी जा रही है।
स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी और एसएसपी की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अगर हर महीने इस तरह जनता की सुनवाई होती रहे तो जनविश्वास और प्रशासन दोनों मजबूत होंगे।


“समाधान दिवस जनता के विश्वास का प्रतीक है” — डीएम उमेश मिश्रा

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने अंत में कहा कि “सम्पूर्ण समाधान दिवस जनता के विश्वास और प्रशासन की जवाबदेही का प्रतीक है।उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि शिकायतकर्ता को बार-बार तहसील या थाने के चक्कर न काटने पड़ें।उन्होंने आगे जोड़ा कि राज्य सरकार की मंशा यही है कि ‘जनता का शासन, जनता के द्वार’ सच्चे अर्थों में लागू हो।


जानसठ तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस ने यह साबित किया कि जब जिला प्रशासन और पुलिस मिलकर जनता की सुनवाई करते हैं, तो शिकायतें केवल फाइलों में नहीं सुलझतीं बल्कि वास्तव में ज़मीनी स्तर पर समाधान होता है। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा और एसएसपी संजय वर्मा की सक्रियता ने जनता में विश्वास जगाया है कि अब शासन और प्रशासन उनके साथ खड़ा है।

 




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