Muzaffarnagar। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर ज़िले में एक बार फिर तेज़ रफ्तार का कहर कहर बनकर टूटा। रविवार देर शाम पानीपत-खटीमा राजमार्ग पर स्थित नेशनल हाईवे 58 फ्लाईओवर पर गुजरात नंबर की एक इनोवा कार अचानक अनियंत्रित होकर कई पलटियां खाते हुए सीधे खेतों में जा गिरी। हादसे की भयावहता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि कार के परखच्चे उड़ गए और मौके पर ही चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं, एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल है, जिसे हायर सेंटर रेफर किया गया है।
हादसे की जगह पर पसरा सन्नाटा, फ्लाईओवर से नीचे गिरी इनोवा कार बनी मौत का सामान
स्थानीय ग्रामीणों ने बचाई जान, पुलिस ने चलाया रेस्क्यू अभियान
तेज रफ्तार में दौड़ती इनोवा कार जब फ्लाईओवर पर पहुंची, तो सामने तीखा मोड़ था। कार चालक ने रफ्तार कम नहीं की, जिससे वाहन असंतुलित होकर फ्लाईओवर से नीचे खेतों में गिर गया। वहां मौजूद ग्रामीणों और राहगीरों ने घटनास्थल की ओर दौड़ लगाई और तत्काल पुलिस व एम्बुलेंस को सूचना दी। थाना छपार पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को कार से बाहर निकाल कर जिला अस्पताल भेजा।
चार की मौके पर मौत, एक घायल रेफर — नहीं हो सकी शिनाख्त
अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि चार व्यक्तियों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक की हालत नाज़ुक है। पुलिस ने जानकारी दी है कि मृतकों की अभी तक शिनाख्त नहीं हो सकी है, लेकिन सभी गुजरात के गांधीनगर के आसपास के निवासी थे और हरिद्वार जा रहे थे। पुलिस के अनुसार इनोवा कार पर “सरपंच” और “महामंत्री भाजपा” लिखा हुआ था, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि मृतक राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े हो सकते हैं।
स्पीड ने छीन ली ज़िंदगी: लगातार बढ़ रहे हैं सड़क हादसे
भारत में तेज रफ्तार वाहनों से हो रहे हादसे अब एक आम बात बन चुके हैं। हर दिन कोई न कोई खबर सामने आती है, जहां रफ्तार का जुनून ज़िंदगियों पर भारी पड़ता है। हाल ही में देशभर में ऐसे कई हादसे हुए हैं:
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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर बीते सप्ताह एक मर्सिडीज कार ने दो युवाओं को कुचल दिया था।
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राजस्थान के बाड़मेर में भी एक एसयूवी के पलटने से 5 लोगों की मौत हुई थी।
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यूपी के लखनऊ-बहराइच हाईवे पर भी ट्रक और कार की टक्कर में चार लोग मारे गए।
ऐसे हादसे इस बात का इशारा करते हैं कि रफ्तार की लापरवाही और अधूरी सड़क सुरक्षा नीतियाँ आज भी लाखों लोगों की जान के लिए खतरा बनी हुई हैं।
फ्लाईओवर का डिज़ाइन भी बना हादसे का कारण?
स्थानीय लोगों ने बताया कि पानीपत-खटीमा राजमार्ग पर स्थित NH 58 फ्लाईओवर का डिज़ाइन खुद ही खतरनाक है। इसमें मोड़ इतने तीखे हैं कि तेज रफ्तार वाहन अक्सर असंतुलित हो जाते हैं। कुछ समय पहले भी इसी फ्लाईओवर पर एक ट्रक पलट चुका है। प्रशासन को इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
गुजरात से हरिद्वार की यात्रा बनी अंतिम यात्रा, धर्म स्थल तक नहीं पहुंच सके श्रद्धालु
सूत्रों के अनुसार, इनोवा कार में सवार सभी लोग गुजरात से हरिद्वार किसी धार्मिक यात्रा पर निकले थे। धार्मिक भावना से ओतप्रोत यह यात्रा किसी ने नहीं सोचा था कि उनकी ज़िंदगी की आख़िरी यात्रा बन जाएगी। हादसे के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर है और गुजरात में भी इसकी सूचना मिलने के बाद कई परिजन उत्तर प्रदेश की ओर रवाना हो चुके हैं।
स्थानीय प्रशासन ने तेज़ रफ्तार पर कसा शिकंजा, लेकिन जरूरत है ठोस कदमों की
हालांकि प्रशासन लगातार ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर हालात अलग ही हैं। हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में हाईवे पर स्पीड लिमिट के बावजूद लोग 120-140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चला रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि:
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स्पीड डिटेक्शन कैमरे और ऑटोमैटिक चालान प्रणाली को और मजबूत करे।
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फ्लाईओवर और खतरनाक मोड़ों पर रंबल स्ट्रिप्स और चेतावनी संकेत लगाए जाएं।
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नियमित रूप से सड़क इंजीनियरिंग ऑडिट हो ताकि ख़ामियों को समय रहते सुधारा जा सके।
बीजेपी से जुड़े हो सकते हैं मृतक, राजनीतिक हलकों में हलचल
जैसे ही यह खबर सामने आई कि कार पर भाजपा पदाधिकारियों के पदनाम लिखे थे, राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई है। अभी तक पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अगर मृतक भाजपा से जुड़े हुए हैं, तो यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक संवेदनशील राजनीतिक विषय भी बन सकता है।
NH 58 बना मौत का हाइवे? आंकड़े बोले कुछ और ही कहानी
नेशनल हाईवे 58 पर पिछले दो वर्षों में सड़क हादसों की संख्या में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सिर्फ 2023 में ही इस राजमार्ग पर करीब 350 से अधिक हादसे हुए, जिनमें 150 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। यह हाईवे उत्तर भारत का महत्वपूर्ण मार्ग है, लेकिन सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।
मुजफ्फरनगर के नेशनल हाईवे 58 पर हुआ यह हादसा एक बार फिर हमें सड़क सुरक्षा की ज़रूरत की ओर ध्यान दिलाता है। गुजरात से हरिद्वार जा रहे यात्रियों की यह दुखद यात्रा एक सीख है कि तेज़ रफ्तार, खतरनाक मोड़ और सुरक्षा के अभाव में हर कोई संभावित शिकार बन सकता है। प्रशासन को चाहिए कि सड़क डिज़ाइन, रफ्तार नियंत्रण और यात्रियों की सुरक्षा पर फौरन ध्यान दिया जाए, ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाएं दोहराई न जाएं।