मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar ) उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद् के अध्यक्ष रजनीश दूबे के कलेक्ट्रेट निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान सबसे ज्यादा नगरपालिका परिषद् की फजीहत हुई। इसको लेकर जिला प्रशासन को नाराजगी का सामना करना पड़ा तो प्रशासन के अफसरों ने भी पालिका प्रशासन पेंच कस दिए। इसका असर पालिका में भी नजर आया। नाराज हुई पालिका ईओ डा. प्रज्ञा सिंह ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को लापरवाही बरतने के लिए नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब कर लिया तो वहीं ड्यूटी पर लगाये गये चीफ सेनेट्री इंस्पेक्टर का वेतन काटने और सफाई नायक के वेतन पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है। साथ ही तीनों से लापरवाही बरतने को लेकर जवाब भी तलब किया गया है।

राजस्व परिषद् के अध्यक्ष रजनीश दूबे मंगलवार को कलेक्ट्रेट के निरीक्षण के लिए पहुंचे थे, इसके लिए पूरा प्रशासनिक अमला अलर्ट था। कमिश्नर हृषिकेश भास्कर यशोद से लेकर डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी तक अपनी टीम के साथ उनका स्वागत करने को मुस्तैद थे। निरीक्षण के दौरान अधिवक्ताओं और अन्य लोगों ने कलेक्ट्रेट में साफ सफाई के अभाव को लेकर शिकायत की और सवाल उठाये।

खुद राजस्व परिषद् अध्यक्ष ने भी सफाई का अभाव मिलने पर नगरपालिका के द्वारा जिम्मेदारी नहीं निभाने की बात भी कही थी ओर शौचालय की दर्दुशा देखकर उसको तुड़वाकर नया बनवाने के निर्देश दिये थे। इसको लेकर प्रशासन को उनकी नाराजगी जा सामना भी करना पड़ा। अब उनके जाने के बाद पालिका में इस नाराजगी पर हलचल मची नजर आई है।

पालिका की ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने कड़ी नाराजगी के साथ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल कुमार पर ड्यूटी के प्रति गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप लगाते हुए उनको कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया गया है। ईओ ने नोटिस में कहा कि जिलाधिकारी की ओर से राजस्व परिषद् के अध्यक्ष के निरीक्षण को देखते हुए १६ जुलाई की सुबह पांच बजे से ही कलेक्ट्रेट परिसर में सफाई कार्य प्रारम्भ करने के सख्त निर्देश प्राप्त हुए थे, जिनके अनुपालन के लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल की जिम्मेदारी तय की गई थी, लेकिन मंगलवार की सुबह साढ़े छह बजे तक भी न तो वो खुद उपस्थित हुए और न ही उनकी टीम ही वहां पर पहुंची।

इसकी जानकारी मिले पर वो स्वयं ही कलेक्ट्रेट पहुंची और चीफ सेनेट्री इंस्पेक्टर व सफाई नायक को बुलाकर सफाई कार्य कराया गया। ईओ ने आरोप लगाया कि हमेशा ही किसी सभी जनप्रतिनिधि या शासन-प्रशासन के अतिमहत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान नगर स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा लापरवाही भरा ऐसा ही आचरण पेश किया जाता रहा है। पदीय दायित्वों के प्रति लापरवाही बरती जा रही है, जबकि पूरे नगर की सफाई व्यवस्था को सुचारू रखने का दायित्व नगर स्वास्थ्य अधिकारी का ही है। उनकी लापरवाही के कारण ईओ होने के कारण उनको अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ता है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी पर अकुशल कार्यशैली अपनाते हुए पालिका की छवि धूमिल करने के आरोप लगाते हुए ईओ ने कार्यवाही की चेतावनी भी दी है।

इसी प्रकार चीफ सेनेट्री इंस्पेक्टर योगेश कुमार को भी ईओ ने नोटिस जारी करते हुए उनका एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिये हैं। ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि चीफ सेनेट्री इंस्पेक्टर योगेश को कलेक्ट्रेट परिसर की सफाई कराये जाने के लिए मंगलवार साढ़े छह बजे पहुंचने के निर्देश दिये गये थे, लेकिन वो अनुपस्थित रहे। न तो वहां सफाई नायक था और न ही सफाई कर्मचारी लगाये गये थे।

वो पहुंची और फोन किया तो योगेश कुमार वहां बिना सफाई कर्मियों के ही पहुंच गये। बाद में मुख्य मार्ग पर लगाये गये कर्मचारियों को बुलाकर ही योगेश कुमार ने कलेक्ट्रेट में सफाई कार्य कराया। ईओ ने आरोप लगाया कि उनके पास न तो कलेक्ट्रेट भ्रमण के कार्यक्रम को देखते हुए सफाई कार्य के लिए कोई कार्ययोजना थी और न ही उनका सफाई नायक व कर्मियों पर कोई नियंत्रण प्रतीत हुआ।

अव्यवस्था होने पर उन्होंने चीफ के खिलाफ कड़ी नाराजगी प्रकट की तो वहीं सम्बंधित वार्ड संख्या १० के सफाई नायक जीवन कुमार के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उनके वेतन आहरण पर ही रोक लगा दी है। नायक को भेजे गये नोटिस में ईओ डा. प्रज्ञा सिंह ने कहा कि कलेक्ट्रेट में शासन के कार्यक्रम के दौरान वो सफाई ड्यूटी से खुद तो गायब मिले ही, उनके कर्मचारी भी नदारद थे।

जबकि एक दिन पहले ही फोन पर दिशा निर्देश दे दिये गये थे। ईओ ने इस बात पर भी कड़ी नाराजगी जताई कि नायक के द्वारा देखे जा रहे मुख्य मार्गों पर भी गन्दगी का अम्बार पाया गया। उन्होंने दो दिन में इस लापरवाही पर लिखित स्पष्टीकरण देने के साथ ही अग्रिम आदेशों तक वेतन पर रोक लगा दी है। पालिका की छवि धूमिल करने पर नायक को उनके मूल पद सफाई कर्मचारी के कार्य में लगाने और जवाब नहीं देने पर उन्होंने नायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की चेतावनी दी।



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