Muzaffarnagar– जनपद के जानसठ थाना क्षेत्र के अहरोड़ा गांव में एक ऐसी खौफनाक वारदात हुई जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। एक बेटा, जिसे पिता की छांव में जीवन को संवारना था, वही पिता का काल बन गया। बुधवार की रात नशे में धुत मिंटू नामक युवक ने अपने 72 वर्षीय पिता सुंदर पाल वाल्मीकि को घर में ही तवे से पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया।
🔴 बर्बरता की हदें पार, बेटे के हाथों पिता की दर्दनाक मौत
घटना के अनुसार, सुंदर पाल वाल्मीकि गांव मुस्तफाबाद के एक पेट्रोल पंप पर सफाईकर्मी के रूप में कार्यरत थे। एक ईमानदार और मेहनती व्यक्ति जिन्होंने अपने परिवार को पालने में जीवन खपा दिया। लेकिन उनके अपने बेटे मिंटू ने नशे की लत में वह दरिंदगी दिखाई जो हैवानियत की सारी हदें पार कर गई।
बुधवार की रात, मिंटू शराब के नशे में धुत होकर घर आया। कहा जाता है कि यह उसका रोज का काम था। पिता सुंदर पाल ने जब बेटे को समझाने की कोशिश की, तो मामूली कहासुनी ने हिंसक रूप ले लिया। मिंटू ने गुस्से में आकर किचन से रोटी सेंकने वाला भारी लोहे का तवा उठाया और अपने पिता के सिर और चेहरे पर ताबड़तोड़ वार करने लगा।
🛑 खून से सना तवा और चीखों से दहला घर
वारदात के बाद घर का नजारा किसी नरसंहार से कम नहीं था। खून से लथपथ सुंदर पाल तड़पते हुए ज़मीन पर गिर पड़े। परिवार के अन्य सदस्यों ने तुरंत उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पूरे गांव में कोहराम मच गया। जिसने भी यह खबर सुनी, उसके रोंगटे खड़े हो गए।
🕵️♂️ पुलिस अलर्ट, आरोपी फरार
घटना की जानकारी मिलते ही जानसठ क्षेत्राधिकारी यतेन्द्र नागर के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। घटनास्थल की जांच की गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और मामले की तफ्तीश शुरू हो गई। अभी तक मृतक के परिजनों द्वारा कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी, लेकिन पुलिस अपने स्तर पर जांच में जुट गई है।
आरोपी मिंटू घटना के बाद से फरार है। पुलिस द्वारा उसकी गिरफ्तारी के लिए गांव और आस-पास के क्षेत्रों में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
📉 बढ़ते घरेलू हिंसा के मामले: चिंता का विषय
यह मामला महज एक हत्या नहीं, बल्कि एक सामाजिक कलंक बन चुका है। पारिवारिक रिश्तों में बढ़ता तनाव और नशे की लत अब जानलेवा रूप ले रही है। देशभर में ऐसी घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जहां बेटा-बाप, भाई-बहन, पति-पत्नी के रिश्ते केवल नाममात्र रह गए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में नशे की लत युवाओं को तेजी से जकड़ रही है। बेरोजगारी, शिक्षा की कमी और सामाजिक नियंत्रण का अभाव इसके मुख्य कारण हैं। नशे की गिरफ्त में आकर युवा ना केवल अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि अपने ही परिजनों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं।
🧩 ग्रामीण भारत में बढ़ती मानसिक अस्वस्थता और शराब का कहर
स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट बताती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। शराब, गांजा, अफीम जैसे नशे अब आसानी से मिल जाते हैं और युवा वर्ग इसकी चपेट में आ रहा है। मिंटू जैसे अनेक युवा हैं, जो प्रतिदिन अपने घरों में क्लेश पैदा कर रहे हैं और परिवारों को टूटने की कगार पर ला रहे हैं।
इस विशेष केस में मिंटू की मानसिक स्थिति की भी जांच की जरूरत है। क्या उसने यह कदम जानबूझ कर उठाया या किसी मानसिक बीमारी से ग्रस्त था? यह अभी जांच का विषय है।
🧭 क्या कहता है गांव अहरोड़ा का माहौल?
अहरोड़ा गांव के लोगों में घटना को लेकर भारी रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि मिंटू अक्सर नशे में होता था और पिता के साथ दुर्व्यवहार करता था। कई बार मोहल्ले वालों ने समझाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति नहीं सुधरी।
गांव के प्रधान और समाजसेवियों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में सख्त कानून लागू हों ताकि भविष्य में कोई और बेटा अपने पिता को इस तरह बर्बरता से मौत के घाट ना उतारे।
🛡️ पुलिस की कार्रवाई और प्रशासन की ज़िम्मेदारी
पुलिस का दावा है कि आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके लिए कई संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। वहीं, जिला प्रशासन ने गांव में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है।
एसपी ग्रामीण और उच्चाधिकारी खुद मामले की निगरानी कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पीड़ित परिवार को सुरक्षा और न्याय मिले।
🚨 समाज को चेताने वाली वारदात
यह वारदात हमें यही सिखाती है कि नशा केवल व्यक्ति नहीं, पूरे समाज के लिए घातक है। समय रहते यदि युवाओं को सही दिशा न दी गई, तो ऐसा ही खौफनाक अंत हमारे सामने आता रहेगा।
बेटे द्वारा पिता की हत्या की यह खबर न सिर्फ दुखद है, बल्कि सोचने पर मजबूर करती है – क्या आज रिश्ते केवल खून के नहीं, स्वार्थ और विकृति के बनकर रह गए हैं?