Muzaffarnagar, Uttar Pradesh: श्री आदर्श रामलीला भवन सेवा समिति पटेलनगर द्वारा आयोजित स्वर्ण जयंती रामलीला महोत्सव में मंगलवार की रात का मंचन ऐतिहासिक और रोमांचक था। 11वें दिन की लीला में दर्शकों को रावण और अंगद के संवाद के साथ-साथ लक्ष्मण की शक्ति की कहानी का भावपूर्ण मंचन देखने को मिला। ये प्रसंग न केवल दर्शकों को मनोरंजन का अनुभव दे रहे थे, बल्कि उन्हें धर्म, नीति, और भक्ति के महत्व का भी गहरा संदेश दे रहे थे।
इस महोत्सव में विशेष रूप से रावण और अंगद के संवाद प्रसंग ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रावण के दरबार में जब अंगद भगवान श्री राम का संधि प्रस्ताव लेकर जाते हैं, तो रावण का अहंकार उन्हें युद्ध की चुनौती देता है। लंका के दरबार में हुए संवाद में अंगद का पांव जमाने का दृश्य दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ गया। दोनों पात्रों के संवाद में ओज, नीति, और वीर रस का अद्भुत मिश्रण था। अंगद के पांव जमाने के दृश्य ने न केवल दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया, बल्कि राम के आदर्शों के पालन का संदेश भी दिया।
लक्ष्मण और मेघनाद की रोमांचक लड़ाई
इसके बाद मंच पर लक्ष्मण और मेघनाद के बीच घनघोर युद्ध की लीला का मंचन हुआ। मेघनाद द्वारा शक्ति बाण का आह्वान और लक्ष्मण का मूर्छित हो जाना एक बेहद भावुक और रोमांचक क्षण था। भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण की मूर्छा देखकर भगवान राम व्याकुल हो जाते हैं। इस बीच, हनुमान जी लंका से राज वैद्य को लेकर आते हैं, जो लक्ष्मण के जीवन के लिए संजीवनी बूटी लाने का उपाय बताते हैं।
हनुमान जी की संजीवनी यात्रा
हनुमान जी का संजीवनी बूटी के लिए द्रोणांचल पर्वत से उड़ना, आकाश मार्ग से यह यात्रा करना और लक्ष्मण की जान बचाना न केवल रामलीला का सबसे रोमांचक पल था, बल्कि दर्शकों को विश्वास और शक्ति का प्रतीक भी दिखा। हनुमान जी की आकाश में उड़ान भरते समय दर्शकों की तालियों की गूंज ने वातावरण को और भी नाटकीय बना दिया।
रामलीला में दर्शकों का उत्साह और आयोजकों की मेहनत
रामलीला महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख उद्यमी सतीश चन्द गोयल, उनके पौत्र अथर्व गोयल और सुरेन्द्र अग्रवाल रत्नदीप ज्वैलर्स ने भगवान श्री गणेश, रामायण और बांके बिहारी की आरती के बाद दीप प्रज्जवलित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल और उनकी पत्नी अनु अग्रवाल ने भी इस कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की।
मुख्य आयोजकों में अनिल ऐरन, मीना ऐरन, और कार्यक्रम संयोजक विकल्प जैन ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह एवं मिष्ठान भेंट की। रामलीला मंचन में निर्देशक पंकज शर्मा और अन्य कलाकारों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, और इस महान सांस्कृतिक आयोजन को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
रामलीला का महत्व और दर्शकों का जुड़ाव
रामलीला महोत्सव का यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्सव था, बल्कि इसने समाज में भारतीय संस्कृति, नैतिकता और जिम्मेदारी की भावना को जागरूक किया। कलाकारों ने अपनी शिद्दत से अभिनय किया और दर्शकों के बीच एक जुड़ाव पैदा किया। रामलीला के मंच पर हुए रावण-अंगद संवाद, लक्ष्मण की शक्ति, हनुमान जी की वीरता ने यह साबित कर दिया कि रामायण की यह कथा आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी प्राचीन समय में थी।
कुल मिलाकर, इस रामलीला महोत्सव ने न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रोत्साहित किया, बल्कि राम के आदर्शों के माध्यम से समाज को एक मजबूत दिशा दी। इस मंचन ने दर्शकों को रामायण की गहरी शिक्षाओं से जोड़ा, जो जीवन के हर पहलू को समझने में मदद करती हैं।
रामलीला महोत्सव में और भी रोचक प्रसंगों का मंचन होगा
आने वाले दिनों में, रामलीला महोत्सव में और भी रोमांचक प्रसंगों का मंचन होगा, जिसमें रावण के वध, सीता हरण और राम का युद्ध जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं का समावेश किया जाएगा। इन घटनाओं के माध्यम से रामलीला समिति समाज में अच्छे कार्यों को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह भी दिखाएगी कि हर व्यक्ति को सत्य और धर्म का पालन करना चाहिए।
रामलीला महोत्सव न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, बल्कि यह हमें जीवन के उच्चतम मूल्यों की ओर मार्गदर्शन भी प्रदान करता है। आने वाले दिनों में और भी अद्भुत घटनाएं देखने को मिलेंगी, जो हमें सही दिशा में चलने के लिए प्रेरित करेंगी।