मुजफ्फरनगर पुलिस ने नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान ‘ऑपरेशन सवेरा’ के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। सहारनपुर रेंज के डीआईजी श्री अभिषेक सिंह के मार्गदर्शन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री संजय वर्मा के निर्देशन में चल रहे इस अभियान के तहत शहर कोतवाली पुलिस ने मंगलवार शाम दो शातिर अंतरराज्यीय नशा तस्करों को उनके कब्जे से करीब छह लाख रुपये बाजारी मूल्य का चरस और गांजा बरामद करते हुए गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई पुलिस की उस सतर्कता और कुशलता को दर्शाती है, जिससे अपराधियों के चंगुल से समाज को बचाया जा सकता है।

सूचना पर चली थी पुलिस, चौकी पर लगाया था नाका

शहर कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर श्री उमेश रोरिया के नेतृत्व में पुलिस की एक विशेष टीम लगातार नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में जुटी हुई थी। मंगलवार की शाम को टीम ने बड़कली कट के पास एक चौकी लगाकर वाहनों की जांच शुरू की। इसी दौरान एक संदिग्ध बिना नंबर की आई-20 कार पर पुलिस की नजर पड़ी। कार में सवार दो युवकों का व्यवहार अत्यंत ही संदिग्ध और घबराया हुआ नजर आ रहा था।

कार रोककर की गई तलाशी, मिला नशे का भारी सामान

पुलिस टीम ने तुरंत उस कार को रोककर उसकी तलाशी लेने का निर्णय लिया। तलाशी के दौरान कार के अंदर से पुलिस को 147 ग्राम चरस और 1.381 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ। इसके अलावा, उनके पास से दो मोबाइल फोन भी जब्त किए गए। नशे का यह सामान बड़ी ही चालाकी से कार में छुपाया गया था। इतने बड़े quantity में नशीला पदार्थ बरामद होने के बाद पुलिस ने तुरंत दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान और उनका मॉडस ऑपरेंडी

गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान अमन मनराल उर्फ दादा (पिता दिनेश मनराल), निवासी मनराल भवन, पम्पा पुरी, कस्बा व थाना रामनगर, जनपद नैनीताल, और उसका साथी परीक्षित उर्फ बाबा (पिता राजकुमार चौहान), निवासी जटौली, थाना पटौदी, जनपद गुरुग्राम, हरियाणा के रूप में हुई है। पूछताछ में दोनों अभियुक्तों ने बताया कि वे इस नशीले सामान को हाइवे पर एक ट्रक ड्राइवर से बेचने के लिए खरीदते हैं, जिसका नाम-पता उन्हें मालूम नहीं है। वे इसे सस्ते दामों पर खरीदकर महंगे दामों पर बेच देते हैं और इससे होने वाली कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं।

ऑपरेशन सवेरा का उद्देश्य और पुलिस की चेतावनी

यह कार्रवाई ऑपरेशन सवेरा के तहत की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य जनपद में नशे के व्यापार और इसकी तस्करी पर पूरी तरह से अंकुश लगाना है। पुलिस का कहना है कि वह नशे के इस अवैध धंधे में लिप्त सभी लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी। शहर कोतवाली प्रभारी श्री उमेश रोरिया ने स्पष्ट किया कि जिले में नशे की आपूर्ति करने वाले किसी भी व्यक्ति या गिरोह को बख्शा नहीं जाएगा।

पुलिस टीम को मिली सफलता

इस सफल ऑपरेशन को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में उप निरीक्षक नितिन कुमार, उप निरीक्षक पवन प्रताप सिंह, कांस्टेबल राजू और कांस्टेबल रहीस आजम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इनकी सूझबूझ और सतर्कता से ही इतने बड़े मात्रा में नशीले पदार्थों को सार्वजनिक होने से बचाया जा सका और दो शातिर तस्करों को जेल भेजा गया।

अगले कदम क्या हैं?

अभियुक्तों के खिलaf नार्कोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस एक्ट) की relevant धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब इस बात की गहन पड़ताल कर रही है कि यह नशा कहां से आया था और इसका मुख्य स्रोत कौन है। इसके अलावा, उस अज्ञात ट्रक ड्राइवर की तलाश भी जारी है, जिससे यह सामान खरीदा गया था। भविष्य में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।

मुजफ्फरनगर पुलिस की यह सफल कार्रवाई नशा माफिया के लिए एक बड़ा झटका है। यह कार्रवाई न केवल नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की सफलता को दर्शाती है बल्कि युवाओं को नशे की दलदल में धकेलने वाले तत्वों के प्रति एक सख्त चेतावनी भी है। पुलिस का यह प्रयास जारी रहेगा ताकि जनपद को नशामुक्त बनाया जा सके।

 



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