मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar कभी मनोरंजन और ग्रामीण परंपरा का प्रतीक रही झोटा-बुग्गी रेस अब अपराध और अवैध जुए का पर्याय बनती जा रही है। जिले में लगातार बढ़ रहे अवैध सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने गुरुवार को एक और बड़ी कार्रवाई की है।
ककरौली थाना पुलिस ने छापेमारी कर तीन आरोपियों को रंगेहाथ जुआ खेलते हुए गिरफ्तार किया है। पुलिस ने मौके से नकदी, जुआ खेलने की सामग्री और रेस में उपयोग की जा रही झोटा-बुग्गी को भी कब्जे में ले लिया है।
एसपी देहात आदित्य बंसल के निर्देशन में चला सघन अभियान
इस कार्रवाई को पुलिस अधीक्षक ग्रामीण (SP Dehat) आदित्य बंसल के निर्देशन में और थानाध्यक्ष जोगिंदर यादव के नेतृत्व में अंजाम दिया गया।
जिले में अवैध गतिविधियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत ककरौली थाना पुलिस ने यह कदम उठाया।
गुरुवार देर शाम पुलिस को सूचना मिली कि ककरौली थाना क्षेत्र में झोटा-बुग्गी रेस के नाम पर भारी जुआ खेला जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने छापा मारा और तीन व्यक्तियों को मौके पर जुआ खेलते हुए पकड़ा।
जुए का नया तरीका — रेस के परिणाम पर लगते हैं लाखों के दांव
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी झोटा-बुग्गी रेस के परिणामों पर भारी रकम का दांव लगाते थे।
रेस को जीतने या हारने पर तय रकम का लेन-देन मौके पर ही होता था।
इस अवैध खेल को छिपाने के लिए आयोजक इसे पारंपरिक रेस का रूप देते थे ताकि ग्रामीणों को भ्रमित किया जा सके।
पुलिस के अनुसार, ये लोग पिछले कई दिनों से इलाके में झोटा-बुग्गी रेस के बहाने जुए का गिरोह चला रहे थे।
गिरफ्तार आरोपी और बरामद सामग्री
पुलिस ने छापेमारी के दौरान मौके से
-
नकदी रकम,
-
जुआ खेलने के पत्ते और दांव की पर्चियां,
-
झोटे-बुग्गी
बरामद की।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों के रहने वाले तीन व्यक्तियों के रूप में हुई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ये सभी आपस में मिलकर गांव-गांव घूमकर सट्टा आयोजन करते थे और ग्रामीण युवाओं को भी इसमें शामिल करते थे।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, आरोपियों को जेल भेजा गया
एसपी देहात आदित्य बंसल ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है। उन्होंने कहा कि —
“जिले में झोटा-बुग्गी रेस के नाम पर जुआ या सट्टा खेलने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई चेतावनी है कि कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वालों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ग्राम्य क्षेत्रों में ऐसे आयोजनों पर निगरानी और बढ़ाई जाएगी तथा थाना स्तर पर विशेष गश्त की व्यवस्था की जाएगी।
ककरौली पुलिस की सटीक कार्रवाई — ग्रामीणों ने की सराहना
इस छापेमारी की खबर जैसे ही इलाके में फैली, ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस तरह के आयोजन युवाओं को गलत दिशा में ले जा रहे थे, और पुलिस का यह कदम अत्यंत सराहनीय है।
ग्राम प्रधान दिनेश चौधरी ने कहा —
“झोटा-बुग्गी रेस हमारी संस्कृति का हिस्सा है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे जुए का साधन बना दिया था। पुलिस की इस कार्रवाई से समाज को अच्छा संदेश मिला है।”
अवैध जुए और सट्टेबाजी पर अब पूरी तरह शिकंजा कसने की तैयारी
पुलिस प्रशासन ने जिले में “ऑपरेशन क्लीन एंटरटेनमेंट” के तहत ग्रामीण इलाकों में ऐसे आयोजनों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं।
अब हर झोटा-बुग्गी रेस की पूर्व अनुमति और निगरानी अनिवार्य होगी।
अधिकारियों ने कहा कि पुलिस टीम ड्रोन सर्विलांस और मोबाइल गश्त के जरिए ऐसे आयोजनों पर नजर रखेगी, ताकि किसी भी तरह का अवैध जुआ या सट्टा रोका जा सके।
मनोरंजन के नाम पर जुआ — परंपरा को कलंकित कर रहा यह नया चलन
एक समय था जब झोटा-बुग्गी रेस ग्रामीण खेलों और भाईचारे का प्रतीक मानी जाती थी, लेकिन अब कुछ लोग इसे धन कमाने का अवैध साधन बना चुके हैं।
रेस के नाम पर बड़े पैमाने पर सट्टेबाजी और जुए का खेल न केवल कानून के खिलाफ है बल्कि ग्रामीण संस्कृति और नैतिक मूल्यों का भी हनन है।
पुलिस के मुताबिक, इस प्रकार के आयोजन अक्सर झगड़ों, फायरिंग और लूटपाट जैसी घटनाओं को जन्म देते हैं।
मुजफ्फरनगर पुलिस की यह कार्रवाई एक मजबूत संदेश है कि कानून के खिलाफ किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। झोटा-बुग्गी रेस की आड़ में चल रहे जुए के इस खेल का पर्दाफाश कर पुलिस ने न केवल अपराधियों को पकड़ा, बल्कि समाज को यह एहसास भी दिलाया कि आस्था और परंपरा का इस्तेमाल कभी अपराध के लिए नहीं होना चाहिए।
