Muzaffarnagar शाहपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक ऐसे सनसनीखेज ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने कानून की सबसे भरोसेमंद पहचान—पुलिस की वर्दी—को ही अपराध का हथियार बना लिया। आम लोगों को सुरक्षा का भरोसा देने वाली वर्दी पहनकर डर, रौब और धमकी के ज़रिये ठगी करने वाले दो शातिर अपराधियों को शाहपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
यह मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि समाज के भरोसे पर सीधा हमला माना जा रहा है, क्योंकि आरोपी खुद को पुलिस अधिकारी बताकर सीधे-साधे नागरिकों को निशाना बनाते थे।


गिरफ्तार आरोपी कौन हैं? गांव से चला था ठगी का खेल

पुलिस के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान मुकीम पुत्र नूर हसन और नवाब उर्फ धौला पुत्र अलाउद्दीन के रूप में हुई है। दोनों आरोपी शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम खतौला के निवासी हैं।
पूछताछ में सामने आया कि ये आरोपी बेहद शातिर तरीके से योजना बनाकर लोगों को फंसाते थे और खुद को कानून का प्रतिनिधि बताकर डर का माहौल बनाते थे।

यह police uniform fraud लंबे समय से चल रहा था, लेकिन पीड़ित की हिम्मत और पुलिस की सक्रियता के चलते पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो सका।


कार बेचो, फिर ‘दारोगा’ बनकर वापस छीन लो—ठगी का खतरनाक तरीका

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपियों का तरीका बेहद सुनियोजित और डर पैदा करने वाला था।
पूरा खेल कुछ इस तरह चलता था—

  • पहले जरूरतमंद व्यक्ति को सस्ती दर पर कार या मोटरसाइकिल बेची जाती थी

  • कुछ दिन बाद आरोपी का एक साथी पुलिस दारोगा की वर्दी पहनकर पीड़ित के पास पहुंचता था

  • वाहन को चोरी का बताकर रौब झाड़ा जाता था

  • गिरफ्तारी और मुकदमे का डर दिखाया जाता था

  • डर के कारण पीड़ित वाहन वापस दे देता था

  • वाहन के बदले दिए गए पैसे हड़प लिए जाते थे

इस police uniform fraud में अपराधियों ने आम लोगों के पुलिस के प्रति विश्वास का खुलकर दुरुपयोग किया।


पीड़ित की तहरीर बनी कार्रवाई की आधारशिला

इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब एक पीड़ित ने साहस दिखाते हुए थाना शाहपुर पुलिस को लिखित तहरीर दी।
पीड़ित ने बताया कि—

  • उससे पहले एक कार बेची गई

  • बाद में पुलिस दारोगा बनकर आए लोगों ने कार चोरी की बताई

  • धमकी देकर कार वापस ले ली गई

  • उसके पैसे हड़प लिए गए

तहरीर के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।


ग्राम कुटबा मार्ग से गिरफ्तारी, मौके से अहम बरामदगी

लगातार दबिश और तकनीकी निगरानी के बाद पुलिस टीम ने ग्राम कुटबा मार्ग से दोनों वांछित अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को आरोपियों के कब्जे से—

  • एक पुलिस की वर्दी

  • एक अवैध शस्त्र

  • एक मोटरसाइकिल

  • 50,000 रुपये नकद

बरामद हुए।
इन बरामदगी ने साफ कर दिया कि यह कोई छोटा अपराध नहीं, बल्कि सुनियोजित police uniform fraud था, जिसमें डर और हथियार दोनों का इस्तेमाल किया जाता था।


क्षेत्राधिकारी का खुलासा—सीधे-साधे लोगों को बनाते थे निशाना

क्षेत्राधिकारी गजेंद्र पाल सिंह ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी बेहद चालाक थे और खासतौर पर उन लोगों को चुनते थे जो कानून की जानकारी कम रखते थे।
उन्होंने बताया कि—

  • आरोपी जरूरतमंद और भोले लोगों को चिन्हित करते थे

  • पुलिस की वर्दी देखकर लोग सवाल पूछने की हिम्मत नहीं करते थे

  • इसी डर का फायदा उठाकर वाहन और पैसा दोनों हड़प लिए जाते थे

यह police uniform fraud केवल आर्थिक नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि आम नागरिकों के मन में पुलिस के प्रति अविश्वास भी पैदा करता है, जिसे रोकना बेहद जरूरी है।


पुलिस की सख्ती से अपराधियों में हड़कंप, आगे और खुलासे संभव

पुलिस को आशंका है कि यह गिरोह केवल एक ही वारदात तक सीमित नहीं था।
पूछताछ में कुछ अन्य संदिग्ध नाम भी सामने आए हैं, जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है।
संभावना जताई जा रही है कि—

  • अन्य जिलों में भी इसी तरह की ठगी की गई हो

  • कुछ और लोग इस गिरोह से जुड़े हो सकते हैं

  • बरामद रकम से ज्यादा पैसा पहले ही ठगा जा चुका हो

पुलिस अब इस police uniform fraud नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है।


आम लोगों के लिए चेतावनी—वर्दी देखकर डरें नहीं, सत्यापन करें

इस घटना के बाद पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि—

  • कोई भी व्यक्ति अगर पुलिस अधिकारी बनकर आता है तो उसकी पहचान की पुष्टि करें

  • डराने-धमकाने की स्थिति में तुरंत स्थानीय थाने से संपर्क करें

  • बिना लिखित कागजात के वाहन न सौंपें

  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें

यह मामला बताता है कि police uniform fraud से बचने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है।


शाहपुर में सामने आया यह पुलिस वर्दी ठगी मामला न सिर्फ अपराधियों की मानसिकता को उजागर करता है, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। कानून की पहचान बन चुकी वर्दी का दुरुपयोग कर लोगों को डराने और लूटने की यह कोशिश पुलिस की सतर्कता से नाकाम हो गई है। प्रशासन की सख्त कार्रवाई से यह संदेश साफ है कि वर्दी की आड़ में अपराध करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, और आम नागरिकों की सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।



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