मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar में बेटी दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत प्रतिभाशाली छात्राओं और बेटियों का पुष्पमालाओं से अभिनंदन किया गया। यह आयोजन स्वामी कल्याण देव कन्या इंटर कॉलेज, काकड़ा, ब्लॉक शाहपुर में संपन्न हुआ। इस मौके पर जिलाधिकारी श्री उमेश मिश्रा और मुख्य विकास अधिकारी श्री संदीप भागिया ने विशेष रूप से भाग लिया। कार्यक्रम की सफलता के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय कुमार और बाल कल्याण समिति के डॉ. राजीव कुमार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बेटियों की प्रतिभा का सम्मान
इस कार्यक्रम में बेटियों की प्रतिभा को मान्यता देने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया गया। सादिया ने बेटी विषय पर एक मनमोहक कविता प्रस्तुत की, जबकि दीपांशी ने अपने प्रभावशाली भाषण से सभी को प्रभावित किया। इसके अलावा, तनु ने प्रश्नोत्तरी में अग्रणी भूमिका निभाई। इस प्रकार के आयोजनों का उद्देश्य केवल बेटियों की उपलब्धियों को पहचानना ही नहीं, बल्कि उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना भी है।
लैंगिक समानता का महत्व
बेटी दिवस का मुख्य उद्देश्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है। यह दिन न केवल बेटियों के अधिकारों और अवसरों की बात करता है, बल्कि समाज में उनके प्रति होने वाले भेदभाव को भी समाप्त करने का प्रयास करता है। डॉ. राजीव कुमार ने इस विषय पर विस्तृत जानकारी दी, जिसमें लैंगिक समानता का महत्व और समाज में बेटियों की भूमिका को उजागर किया गया।
बेटी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि ये माता-पिता और उनकी बेटियों के बीच संबंधों को मजबूत करने का एक अवसर प्रदान करते हैं। जब माता-पिता अपनी बेटियों को महत्व देते हैं और उनके सपनों का समर्थन करते हैं, तो यह बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होता है।
समाज में बदलाव लाने की आवश्यकता
भारत में बेटी दिवस मनाने का बड़ा महत्व है। यह दिन बेटियों के प्रति समाज के नजरिए में बदलाव लाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत बेटियों का सशक्तिकरण करना मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए स्कूल, कॉलेज और समुदायों में विभिन्न कार्यक्रमों और समारोहों का आयोजन किया जाता है। वाद-विवाद, निबंध प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम ऐसे कुछ महत्वपूर्ण गतिविधियां हैं, जो इस दिन का हिस्सा बनती हैं।
इस तरह के आयोजनों में बेटियों के महत्व और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न अभियान चलाए जाते हैं। इसके माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में कदम बढ़ाया जाता है।
पुरस्कार और सम्मान: बेटियों की उपलब्धियों की पहचान
बेटी दिवस पर बेटियों की उपलब्धियों को पहचानने और उन्हें सम्मानित करने के लिए पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। यह पुरस्कार उन्हें आत्मविश्वास और आत्मसम्मान विकसित करने में मदद करते हैं। एक सशक्त और शिक्षित महिला समाज को मजबूत बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाती है। इस वर्ष के आयोजन में सादिया, दीपांशी, तनु, शबाना, वंशिका, शिफा, सोफिया, रेणुका और अन्य छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।
शिक्षा और करियर के लिए प्रेरणा
बेटी दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह बेटियों को शिक्षित होने, करियर बनाने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। जब समाज बेटियों को समान अवसर प्रदान करता है, तो इससे न केवल बेटियों का विकास होता है, बल्कि पूरे समाज का विकास भी संभव होता है। एक सशक्त महिला न केवल अपने परिवार का भरण-पोषण करती है, बल्कि समाज के अन्य वर्गों के लिए भी प्रेरणा बनती है।
सामुदायिक सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका
बेटी दिवस के आयोजन में प्रधानाचार्य मंजुला मलिक, प्रवक्ता मीनाक्षी, अंजलि, रवीना और काजल की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन सभी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपनी मेहनत और समर्पण से काम किया। उनका सहयोग इस बात को दर्शाता है कि जब हम एकजुट होते हैं, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना संभव है।
एक नई दिशा की ओर
बेटी दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें अपने समाज में बेटियों के प्रति दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है। यह केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक आंदोलन है जो हमें एक नई दिशा की ओर ले जाता है। समाज के सभी वर्गों को एक साथ मिलकर इस दिशा में प्रयास करना चाहिए ताकि हम एक ऐसा समाज बना सकें, जहां बेटियाँ न केवल जीवित रहें, बल्कि अपने सपनों को साकार करने के लिए भी स्वतंत्रता महसूस करें।
इस तरह के आयोजनों की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है, ताकि बेटियों के सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा सकें। हम सभी को मिलकर इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है, ताकि बेटियाँ समाज में अपने हक और अधिकारों के लिए खड़ी हो सकें और समाज में अपनी पहचान बना सकें।
बेटी दिवस के इस पर्व पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम बेटियों के लिए एक सुरक्षित, सशक्त और समान समाज की स्थापना करेंगे।