Muzaffarnagar। शिक्षा के क्षेत्र में अपने अद्वितीय योगदान के लिए प्रसिद्ध श्री विजय कुमार शर्मा, जो प्रदेश के वरिष्ठ प्रधानाचार्य और उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं, को उनकी सेवानिवृत्ति के मौके पर विद्यालय प्रबंधन ने एक भावभीनी विदाई दी। इस विशेष सम्मान समारोह का आयोजन दीपचन्द्र ग्रेन चैंबर इंटर कॉलेज नई मंडी के प्रांगण में किया गया, जिसमें विद्यालय के प्रबंधक, शिक्षक, कर्मचारी और समाजसेवी एकत्रित हुए. इस सम्मान समारोह का उद्देश्य प्रधानाचार्य श्री शर्मा के 26 वर्षों के शानदार कार्यकाल को मान्यता देना था, जो उन्होंने इस विद्यालय के विकास में बिताए।
संस्थान का उत्थान और विजय कुमार शर्मा का योगदान
श्री विजय कुमार शर्मा का नाम शिक्षा जगत में विशेष सम्मान से लिया जाता है। उनके नेतृत्व में दीपचन्द्र ग्रेन चैंबर इंटर कॉलेज ने न केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से उत्कृष्टता हासिल की, बल्कि विद्यालय में बेहतर अवसंरचना, शिक्षक प्रशिक्षण, और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर भी जोर दिया। विद्यालय के शिखर पर पहुँचाने में उनके प्रयासों की जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है। उनके कार्यकाल में विद्यालय का शैक्षिक स्तर और विद्यार्थियों की उपलब्धियों ने समाज में एक नया मापदंड स्थापित किया।
विदाई समारोह की विशेषता और उपस्थित मेहमान
सेवानिवृत्ति समारोह के अवसर पर श्री शर्मा को सम्मानित करने के लिए विद्यालय के प्रबंधक श्री विनोद संगल, उपाध्यक्ष श्री महेश कुमार, उपप्रबंधक डॉ. अशोक कुमार, और कार्यवाहक प्रधानाचार्य श्री चंद्रभान ने एक शानदार कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम के दौरान श्री शर्मा के योगदान को याद करते हुए, प्रबंधक श्री विनोद संगल और उपाध्यक्ष श्री महेश कुमार ने कहा कि श्री शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान विद्यालय को शिखर पर पहुंचाया और उनकी मेहनत के फलस्वरूप आज विद्यालय की पहचान और प्रतिष्ठा दोनों बढ़ी हैं। साथ ही, उन्होंने भविष्य में भी श्री शर्मा से विद्यालय के विकास में मार्गदर्शन की अपेक्षा जताई।
इस आयोजन में श्री शर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती मधु शर्मा और उनका परिवार भी उपस्थित था, जिन्होंने उनके साथ बिताए गए इन 26 वर्षों के संघर्ष और सफलता की यात्रा को साझा किया। इस अवसर पर जी.सी. पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ. एम.के. गुप्ता, प्रधानाचार्य श्री आजादवीर, नीरज कुमार और समाजसेवी श्री रामनिवास संगल भी विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के प्रवक्ता श्री वाजिद अली ने किया, जिन्होंने इस सम्मान समारोह को एक यादगार और प्रेरणादायक बनाकर पेश किया।
शिक्षा के क्षेत्र में विजय कुमार शर्मा का अविस्मरणीय योगदान
श्री विजय कुमार शर्मा का कार्यकाल सिर्फ एक अध्यापक और प्रधानाचार्य के रूप में नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में भी देखा जाता है। उन्होंने न केवल शैक्षिक कार्यों को प्राथमिकता दी, बल्कि विद्यालय की व्यवस्था, छात्रों की मानसिक और शारीरिक विकास के लिए भी कई कदम उठाए। उनके नेतृत्व में विद्यालय में आधुनिक शैक्षिक साधनों का उपयोग किया गया, जिससे विद्यार्थियों को न केवल किताबों से, बल्कि तकनीकी संसाधनों से भी शिक्षा प्राप्त हो रही थी।
उनके समय में, विद्यालय में नियमित रूप से सांस्कृतिक और खेलकूद गतिविधियाँ आयोजित की जाती थीं, जो विद्यार्थियों की सामाजिक और मानसिक विकास में सहायक साबित होती थीं। उनका मानना था कि केवल कक्षा के भीतर शिक्षा देने से काम नहीं चलता, बल्कि विद्यार्थियों को एक ऐसा वातावरण देना चाहिए जहां वे अपने सर्वांगीण विकास की ओर अग्रसर हो सकें।
आगे की राह: क्या उम्मीदें हैं?
अब जब श्री विजय कुमार शर्मा ने सेवानिवृत्ति का फैसला लिया है, विद्यालय प्रबंधन और शिक्षक समुदाय उनके मार्गदर्शन की कमी महसूस करेगा। हालांकि, श्री शर्मा ने इस समारोह के दौरान यह स्पष्ट किया कि वह हमेशा विद्यालय के साथ जुड़े रहेंगे और अपने अनुभवों से आगामी पीढ़ी को मार्गदर्शन देने के लिए तैयार हैं। उनकी यह मानसिकता विद्यालय के भविष्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगी। उनका विश्वास है कि विद्यालय का विकास कभी भी रुकने वाला नहीं है, और हर शिक्षिका और छात्र को अपनी पूरी क्षमता को पहचानकर उसे हासिल करने की दिशा में निरंतर मेहनत करनी चाहिए।
उनके जाने के बाद विद्यालय का कार्यभार अब कार्यवाहक प्रधानाचार्य श्री चंद्रभान के कंधों पर है, लेकिन यह स्पष्ट है कि विजय कुमार शर्मा का योगदान और उनकी स्थायी धरोहर कभी भुलाई नहीं जा सकती। विद्यालय के प्रबंधक और शिक्षा क्षेत्र के अन्य सम्मानित व्यक्ति इस बात से भी सहमत हैं कि श्री शर्मा ने एक ऐसा आधार बनाया है, जिस पर भविष्य में और भी कई सफलताएँ खड़ी की जा सकती हैं।
समाज में शिक्षा का महत्व और विजय कुमार शर्मा की शिक्षाशास्त्रिक दृष्टि
विजय कुमार शर्मा का जीवन एक प्रेरणा है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो शिक्षा के क्षेत्र में आकर समाज को बदलने का सपना देखते हैं। उनका मानना था कि शिक्षा के माध्यम से ही समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने अपनी शैक्षिक दृष्टि में विद्यार्थियों को नैतिकता, जिम्मेदारी और सकारात्मक सोच के साथ तैयार किया। यह वह गुण हैं जो उनके छात्रों को समाज में एक आदर्श नागरिक के रूप में पहचान दिलाते हैं।
मुजफ्फरनगर के इस सम्मान समारोह में प्रधानाचार्य विजय कुमार शर्मा को दी गई विदाई न केवल उनके 26 वर्षों के कार्यकाल का प्रतीक थी, बल्कि यह एक संदेश भी था कि शिक्षक और उनकी मेहनत कभी खत्म नहीं होती। उनका योगदान न केवल विद्यालय तक सीमित था, बल्कि वह शिक्षा के क्षेत्र में एक आदर्श बनकर उभरे हैं। इस विदाई समारोह के दौरान उन्हें जो सम्मान मिला, वह उनके समर्पण और अथक प्रयासों का परिणाम था। उनके द्वारा किए गए कार्यों को हम हमेशा याद रखेंगे और उनका योगदान हमेशा विद्यालय के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।