मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar News): आगामी शारदीय नवरात्रि, महानवमी, दुर्गा पूजा विसर्जन, दशहरा और दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहारों के मद्देनजर, जिले में प्रशासन ने सकुशल आयोजन और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए गहन तैयारियों का आह्वान किया है। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभागार में एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में त्योहारों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने और नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
त्यौहारों के लिए विशेष तैयारियां
बैठक में जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने साफ-सफाई और शहर की व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए नगर पालिका, नगर पंचायत, और जिला पंचायतराज अधिकारियों को नियमित सफाई, फोगिंग और एंटी लार्वा के छिड़काव के निर्देश दिए।
विद्युत व्यवस्था का विशेष ध्यान:
जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता विद्युत को निर्देशित किया कि त्यौहारों के दौरान पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था हो। खासकर दुर्गा पूजा और दशहरा जैसे आयोजनों के समय बिजली की आपूर्ति में कोई रुकावट न हो। उन्होंने कहा कि किसी भी इलाके में लटके हुए बिजली के तार या खराब ट्रांसफार्मर की समस्या नहीं होनी चाहिए और इन्हें तुरंत सुधार लिया जाए।
सामाजिक शांति और परंपरा का पालन जरूरी
जिलाधिकारी ने जोर देते हुए कहा कि त्योहारों के आयोजन में किसी नई परंपरा को शामिल न किया जाए। उन्होंने सभी आयोजकों से कहा कि बिना अनुमति के कोई कार्यक्रम आयोजित न किया जाए। विशेष रूप से दशहरे के दिन रावण के पुतले की ऊँचाई के बराबर बैरिकेडिंग की जाए, जिससे किसी दुर्घटना की संभावना को रोका जा सके।
भोजन सुरक्षा पर ध्यान:
खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य निरीक्षकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने खाद्य पदार्थों की निरंतर जांच का आदेश दिया और मिलावट पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। त्योहारों के दौरान मिलावट और खराब खाद्य सामग्री से स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है, इसलिए प्रशासन इसके प्रति सचेत है।
आम जनता की सुविधा प्राथमिकता पर
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि किसी भी त्यौहार के आयोजन से आम जनजीवन प्रभावित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग को बाधित करके किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं किया जाएगा। नागरिकों की सुविधा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और किसी भी आपत्तिजनक गतिविधि से बचना होगा।
सोशल मीडिया पर कड़ी नजर:
सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की भड़काऊ या आपत्तिजनक पोस्ट पर प्रशासन की पैनी नजर रहेगी। जिलाधिकारी ने सख्त चेतावनी दी है कि इस प्रकार की पोस्ट करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया का इस्तेमाल समाज में शांति बनाए रखने के लिए होना चाहिए, न कि अशांति फैलाने के लिए।
दशहरा और मूर्ति विसर्जन पर विशेष ध्यान
बैठक में विशेष रूप से दशहरे के आयोजन पर ध्यान केंद्रित किया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभीषेक सिंह ने मेला आयोजकों को सलाह दी कि रावण के पुतले में बड़े उड़ने वाले पटाखों का इस्तेमाल न किया जाए। साथ ही, उन्होंने सुरक्षा के मद्देनजर मेला स्थल पर फायर ब्रिगेड और पानी के ड्रम की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा।
पटाखों और डीजे का नियंत्रण:
जुलूसों में डीजे का इस्तेमाल भी नियमों के अनुसार किया जाएगा और पटाखों का अवैध भंडारण पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। पुलिस प्रशासन भी इस बात का ख्याल रखेगा कि मूर्ति विसर्जन और दशहरे के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। खासकर रेलवे ट्रैक के पास कोई भी व्यक्ति खड़ा न हो, इस पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
समुदाय के साथ संवाद
बैठक में शांति समिति के सदस्य भी उपस्थित थे, जिन्होंने जिलाधिकारी को अपने-अपने सुझाव दिए। समिति के सदस्यों ने आश्वासन दिया कि त्यौहारों को पूर्व की भांति इस बार भी सकुशल और शांति से मनाया जाएगा। समिति ने प्रशासन के साथ मिलकर काम करने का वचन दिया है, ताकि कोई भी घटना न घटे और त्योहारों का आनंद सभी समुदायों के लोग शांतिपूर्वक उठा सकें।
आवारा पशुओं पर भी नजर:
जिलाधिकारी ने आवारा पशुओं की समस्या पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। त्यौहारों के दौरान बाजारों और मेलों में आवारा पशु घूमते न दिखें, इसके लिए प्रशासन विशेष प्रबंध करेगा। आवारा पशुओं की वजह से कई बार अव्यवस्था और दुर्घटनाएं हो जाती हैं, इसलिए यह कदम उठाया गया है।
स्थानीय स्तर पर तैयारियां
अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र कुमार, नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप, एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत, शांति समिति के सदस्य और अन्य अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों के तहत आवश्यक कदम उठाने की बात कही और जिलाधिकारी के निर्देशों का पालन करने का संकल्प लिया।
त्योहारों के दौरान शांति और सुरक्षा का महत्व
भारत में त्यौहार न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी हैं। त्योहारों के दौरान शांति और सुरक्षा बनाए रखना बेहद जरूरी होता है, ताकि सभी समुदायों के लोग एकजुट होकर खुशी मना सकें। प्रशासन की यह बैठक इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी अनहोनी घटना न हो और त्यौहारों की खुशियाँ फीकी न पड़ें।
प्रशासन का यह कदम न सिर्फ सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है, बल्कि आम नागरिकों की सुविधा और शांति को बनाए रखने के लिए भी यह आवश्यक है। आगामी त्यौहारों में इन निर्देशों और तैयारियों का पालन करके जिले के लोग शांतिपूर्ण और आनंदमय तरीके से त्यौहार मना सकेंगे।