Muzaffarnagar में मंसूरपुर थाना पुलिस ने एक बड़ा ऑपरेशन करते हुए उन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वाहनों की बिक्री करते थे। यह गिरोह अर्न्तजनपदीय स्तर पर वाहनों के फर्जी कागजात तैयार करता था और फिर इन वाहनों को अवैध रूप से बेचता था। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से पांच कारें, फर्जी नंबर प्लेट्स, फर्जी आरसी और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
घटना का पर्दाफाश और पुलिस कार्रवाई
थाना मंसूरपुर को मुखबिर से सूचना मिली थी कि शाहपुर रोड की तरफ एक गाड़ी में कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों के साथ आने वाले हैं। इस सूचना के आधार पर मंसूरपुर पुलिस ने शाहपुर कट पर बैरियर लगाकर संदिग्ध वाहनों की चेकिंग शुरू की। कुछ देर बाद एक महिंद्रा थार गाड़ी पुलिस द्वारा चेकिंग के लिए रोकी गई। गाड़ी में तीन लोग सवार थे, जिनकी तलाशी ली गई। तलाशी में उनके कब्जे से 02 फर्जी नंबर प्लेट्स, 02 अलग-अलग आरसी और फाइनेंस से संबंधित अन्य फर्जी दस्तावेज मिले। पुलिस ने मौके से तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
अपराधियों से सख्ती से पूछताछ
गिरफ्तार आरोपियों से जब कड़ी पूछताछ की गई तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने एक खाली पड़े प्लॉट में पांच कारें छिपा रखी थीं। अभियुक्तों की निशानदेही पर इन कारों को भी बरामद किया गया। यह अपराधी गिरोह फाइनेंस पर गाड़ियों को निकालकर आरटीओ और बैंक कर्मचारियों से सांठ-गांठ कर गाड़ियों के ‘नो ड्यूज’ प्रमाण पत्र तैयार करवा लेते थे। इसके बाद इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन करा कर उन्हें अवैध रूप से बेचकर आर्थिक लाभ अर्जित करते थे।
अधिकारियों के निर्देशन में की गई कार्रवाई
इस कार्रवाई को सफलता दिलाने में पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों का मार्गदर्शन और पुलिस टीम की मेहनत रही। अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन मेरठ और पुलिस उपमहानिरीक्षक सहारनपुर परिक्षेत्र सहारनपुर के निर्देशन में और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जनपद संजय कुमार वर्मा के पर्यवेक्षण में यह कार्रवाई की गई। पुलिस अधीक्षक नगर श्री सत्यनारायण प्रजापत और क्षेत्राधिकारी खतौली श्री राम आशीष यादव की उपस्थिति में मंसूरपुर थाना प्रभारी श्री आनन्द देव मिश्र के नेतृत्व में यह कार्रवाई अंजाम दी गई।
बरामद किए गए वाहन और दस्तावेज
गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस ने कुल पांच कारें बरामद की हैं, जिनमें 02 महिंद्रा थार कारें, 01 महिंद्रा एक्सयूवी 300 कार, 01 टोयोटा ग्लेन्जा कार और 01 महिंद्रा स्कॉर्पियो कार शामिल हैं। इसके साथ ही पुलिस ने दो अलग-अलग नंबर प्लेट्स, दो अलग-अलग नंबर की आरसी और 13 फाइनेंस संबंधित दस्तावेज भी बरामद किए हैं। इन वाहनों और दस्तावेजों से यह स्पष्ट होता है कि ये सभी गाड़ियां फर्जी तरीके से बेची जा रही थीं।
गिरफ्तार किए गए आरोपी
गिरफ्तार किए गए आरोपी शहजाद मलिक (पुत्र मौ0 हकीम, ग्राम गगौल, थाना परतापुर, जिला मेरठ), प्रवीन कुमार (पुत्र नानकचन्द्र, शास्त्री नगर, थाना नौचन्दी, जिला मेरठ), और रविंद्र यादव (पुत्र सरदार सिंह यादव, शास्त्री नगर, थाना नौचन्दी, जिला मेरठ) हैं। इन आरोपियों को पुलिस ने अवैध वाहन बिक्री मामले में गिरफ्तार किया है और अब इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस टीम की मेहनत
गिरफ्तारी में शामिल पुलिस टीम में प्र0नि0 आनन्द देव मिश्र, व.उ.नि. बालिस्टर त्यागी, उ.नि. ललित कुमार, दिलशाद खान, सुहैल खां, राजीव भरद्वाज, का. राहुल नागर और प्रणव अत्री शामिल थे। इन सभी की मेहनत और तत्परता की वजह से यह बड़ी कार्रवाई संभव हो पाई।
कानूनी कार्रवाई और आगे की योजना
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ मंसूरपुर थाना पुलिस ने अग्रिम विधिक कार्यवाही शुरू कर दी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस गिरोह के अन्य सदस्य और भी कहां-कहां सक्रिय हैं, ताकि उन्हें भी पकड़ा जा सके। यह गिरोह लंबे समय से इस तरह के अपराधों को अंजाम दे रहा था, और अब पुलिस ने इसे समाप्त कर दिया है।
सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी जीत
इस पूरी कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में पूरी तरह से सक्षम है। यह घटना यह भी बताती है कि अपराधियों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही करने के लिए केवल पुलिस ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को भी सचेत रहकर अपराधियों की गतिविधियों की जानकारी पुलिस को देनी चाहिए।
महत्वपूर्ण संदेश
यह गिरोह जो वाहनों की फर्जी बिक्री कर रहा था, न केवल आर्थिक अपराध कर रहा था, बल्कि जनता के विश्वास के साथ भी खिलवाड़ कर रहा था। इससे यह संदेश जाता है कि अब लोगों को अपनी खरीदारी के समय सतर्क रहना चाहिए। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बिकने वाले वाहनों की पहचान और ऐसे अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने बड़ी सफलता प्राप्त की है।
इस घटना के बाद मुजफ्फरनगर पुलिस ने एक बड़ा संदेश दिया है कि वे किसी भी प्रकार के अपराधी को बख्शने वाले नहीं हैं। जनता को ऐसे अपराधियों के खिलाफ सतर्क रहकर उनकी जानकारी पुलिस तक पहुंचानी चाहिए, ताकि इस प्रकार के अपराधों पर पूर्ण नियंत्रण पाया जा सके।