Muzaffarnagar जनपद में छह दिनों तक लगातार हुई मूसलाधार बारिश ने न केवल लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया, बल्कि कई गांवों में जान और माल का बड़ा नुकसान किया। चरथावल थाना क्षेत्र के ग्राम रोनी हरजीपुर में पांच दिन पूर्व हुए हादसे ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। उस हादसे में घायल महिला मनसा देवी की आज सवेरे उपचार के दौरान मौत हो गई। महिला की मौत से परिवार में कोहराम मच गया, जबकि गांव में गहरा शोक छा गया।
घायल महिला मनसा देवी की मौत, परिवार में मातम
पांच दिन पहले 02 सितम्बर की रात को हुई भारी बारिश के दौरान अनुज पुत्र स्वर्गीय रमेश पंवार का मकान अचानक धराशायी हो गया। हादसे के समय पूरा परिवार मकान के अंदर सो रहा था। मलबे के नीचे दबने से अनुज, उसकी पत्नी मनसा देवी और उनके दो बच्चे आर्यन और हर्षित गंभीर रूप से घायल हो गए थे। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद सभी को मलबे से बाहर निकाला और तत्काल अस्पताल पहुंचाया।
चिकित्सकीय प्रयास के बावजूद नहीं बच पाई जान
घायल तीनों को पहले नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें उच्च स्तर के उपचार के लिए मेरठ के आनंद हॉस्पिटल भेजा गया। बाद में मनसा देवी को मेरठ मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया। शनिवार की देर रात उपचार के दौरान मनसा देवी ने दम तोड़ दिया। उनके बच्चों को उपचार के बाद घर भेज दिया गया था। इस हादसे ने पूरे परिवार और गांव में मातम का माहौल बना दिया।
भाकियू नेता विकास शर्मा की सक्रियता
सूचना मिलते ही भाकियू नेता विकास शर्मा परिवार के साथ मेरठ मेडिकल पहुंचे और महिला का पोस्टमार्टम करवाया। दोपहर में गांव रोनी हरजीपुर में गमगीन माहौल में मनसा देवी का अंतिम संस्कार किया गया। विकास शर्मा ने अधिकारियों को हादसे की जानकारी दी और जिलाधिकारी से पीड़ित परिवार को तत्काल मुआवजा देने की मांग की।
बारिश ने ग्रामीण इलाकों में मचाई तबाही
29 अगस्त से लगातार छः दिन तक हुई मूसलाधार बारिश ने जनपद के ग्रामीण इलाकों में भारी नुकसान किया। चरथावल क्षेत्र के गांवों में मकान ढहने और मवेशियों की मौत के कई मामले सामने आए। रोनी हरजीपुर में अनुज के घर के साथ दो पशु भी मलबे में दबकर मर गए, जबकि घर का सारा सामान भी नष्ट हो गया।
ग्रामीणों की मदद और प्रशासन की लापरवाही
गांव के लोग पीड़ित परिवार की मदद में जुटे हुए हैं, लेकिन प्रशासन की लापरवाही ने दुख और बढ़ा दिया है। भाकियू नेता विकास शर्मा ने कहा कि लगातार बारिश के बावजूद तहसील की सर्वे टीम अब तक गांवों में नहीं पहुंची। उनका कहना है कि सरकारी मदद की कमी से ग्रामीण खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।
परोक्ष राजनीतिक दबाव और स्थानीय विरोध
सूत्रों के अनुसार, इस इलाके में कई स्थानों पर स्थानीय नेताओं और प्रशासन की अनदेखी के चलते हादसों की संभावना बढ़ गई है। विकास शर्मा ने बताया कि पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत और मुआवजा मिलना चाहिए, ताकि वे अपने जीवन को दोबारा सँभाल सकें।
परिवार के बच्चों की मानसिक स्थिति
मनसा देवी के दोनों बच्चे आर्यन और हर्षित घर लौट आए हैं। उनका रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार का पूरा माहौल कोहराम जैसा था। ग्रामीण आपस में पीड़ित परिवार की मदद कर रहे हैं, लेकिन सरकारी सहायता की कमी और बारिश की भयंकर स्थिति ने उनके दुख को और गहरा कर दिया।
आने वाले दिनों में राहत कार्य और प्रशासन की जिम्मेदारी
भाकियू नेता विकास शर्मा ने प्रशासन से अपील की है कि वह गांवों में सर्वे टीम भेजकर तुरंत राहत कार्य प्रारंभ करे। साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बारिश के दौरान विशेष निगरानी और बचाव दल की सक्रियता आवश्यक है।
मुजफ्फरनगर में बारिश से हुए इस दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। मनसा देवी की मौत ने परिवार और गांव में मातम का माहौल बना दिया है। प्रशासन की लापरवाही और बारिश की भयंकर स्थिति ने ग्रामीणों का जीवन कठिन बना दिया है। भाकियू नेता विकास शर्मा की सक्रियता के बावजूद पीड़ित परिवारों को तत्काल राहत और मुआवजा मिलना आवश्यक है।
