Muzaffarnagar जनपद के अंतर्गत आने वाले कस्बा पुरकाजी में बिजली संकट की स्थिति इस कदर भयावह हो चुकी है कि अब लोगों का गुस्सा सड़कों पर उतर आया है। लगातार हो रही अघोषित बिजली कटौती, बदहाल सप्लाई व्यवस्था और विभागीय लापरवाही से त्रस्त जनता ने गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेतृत्व में बिजली घर का घेराव करते हुए अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।

💥 जनता की पीड़ा बन गई आंदोलन की चिंगारी

कस्बे और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की स्थिति किसी आपातकाल से कम नहीं रही। गर्मी के इस भीषण मौसम में घंटों बिजली गायब रहती है, जिससे न केवल घरेलू जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है बल्कि किसानों, छोटे व्यापारियों और छात्रों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस असहनीय स्थिति के खिलाफ BKU के प्रदेश महासचिव और नगर पंचायत चेयरमैन जहीर फारूकी ने खुद मोर्चा संभाला।

⚡ सैकड़ों लोगों ने बिजलीघर का किया घेराव

सुबह 11 बजे से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन धीरे-धीरे विशाल जनसभा में तब्दील हो गया। सैकड़ों की संख्या में भाकियू कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक बिजलीघर के सामने जमा हुए और नारों के साथ अपना आक्रोश व्यक्त किया। लोगों ने साफ कहा कि अब बर्दाश्त की सीमा पार हो चुकी है। रोजाना घंटों की बिजली कटौती और विभागीय कर्मचारियों की मनमानी ने जनजीवन को नरक बना दिया है।

🗣️ जहीर फारूकी ने किया बड़ा ऐलान: “यह सिर्फ बिजली नहीं, जनता की आवाज़ है”

धरने की अगुवाई कर रहे जहीर फारूकी ने मंच से ऐलान किया कि यह आंदोलन किसी एक वर्ग का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की जनता की आवाज बन चुका है। उन्होंने कहा,
“जब तक स्थायी समाधान नहीं मिलेगा, तब तक यह धरना समाप्त नहीं होगा। विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार ने इस संकट को जन्म दिया है।”

🔌 झूलते तारों और कमजोर ट्रांसफार्मरों से बढ़ा खतरा

स्थानीय लोगों ने धरने में अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि गलियों में बिजली के तार इतने नीचे लटक रहे हैं कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। कई जगहों पर ट्रांसफार्मर कमजोर हैं, लेकिन उन पर सैकड़ों कनेक्शन लाद दिए गए हैं। इससे न केवल बार-बार फ्यूज़ उड़ जाते हैं, बल्कि ट्रांसफार्मर जलने की घटनाएं भी आम हो चुकी हैं।

💰 विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप

लोगों ने आरोप लगाया कि बिजली विभाग में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। शिकायतें करने पर कोई सुनवाई नहीं होती, और अधिकारी अपनी मनमानी करते हैं। बताया गया कि विभाग ने दावा किया था कि 26 किलोमीटर एबीसी केबल लगाकर व्यवस्था दुरुस्त की गई है, लेकिन जमीनी सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है। जनता का आरोप है कि ये सब केवल कागजों तक सीमित रह गया है।

🏢 ऑफिस में ताले, अफसर नदारद, जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर

धरने के दौरान जब जहीर फारूकी कार्यकर्ताओं और जनता के साथ बिजलीघर पहुंचे तो न तो एसडीओ मिला, न जेई और न ही कोई क्लर्क। कार्यालय पर ताले लटके हुए थे, जिससे जनता का गुस्सा और भड़क गया। फारूकी ने कहा,
“जब जनता अपना बिजली बिल भरने के लिए महीनों चक्कर काटती है, तब अधिकारियों की गैरमौजूदगी उनकी संवेदनहीनता को दर्शाती है।”

⚖️ मांगों की फेहरिस्त हुई पेश: कार्रवाई नहीं तो उग्र होगा आंदोलन

धरने के दौरान विभाग को साफ चेतावनी दी गई कि यदि इन प्रमुख मांगों पर जल्द कार्यवाही नहीं हुई तो आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।
प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं:

  • अघोषित बिजली कटौती पर पूर्ण रोक

  • सभी झूलते व जर्जर तारों को तत्काल बदला जाए

  • ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई जाए

  • विभाग में पारदर्शिता लाई जाए

  • लापरवाह और गैरहाजिर अधिकारियों पर कार्रवाई हो

🧭 केवल पुरकाजी ही नहीं, पूरे जनपद में उबाल

यह आंदोलन केवल पुरकाजी तक सीमित नहीं रह गया है। मुजफ्फरनगर के विभिन्न हिस्सों से भी ऐसी ही शिकायतें सामने आ रही हैं

जहां लोग लगातार बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं। कभी ट्रिपिंग, कभी फाल्ट तो कभी लाइन मेंटेनेंस के नाम पर घंटों की कटौती हो रही है। और सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि इन सबकी जानकारी तक जनता को नहीं दी जाती।

📢 आने वाले समय में बन सकता है बड़ा जनांदोलन

जहीर फारूकी ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन और बिजली विभाग ने जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो यह आंदोलन केवल पुरकाजी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि एक राज्यव्यापी जनांदोलन का रूप ले सकता है। उन्होंने युवाओं, किसानों और समाजसेवियों से आह्वान किया कि इस लड़ाई को हर घर तक पहुंचाया जाए, ताकि व्यवस्था को झकझोरा जा सके।


👉 निष्क्रिय बिजली व्यवस्था और विभागीय लापरवाही के खिलाफ यह आंदोलन केवल एक शुरुआत है। जब तक जनता को उसका हक नहीं मिलता और विभाग जवाबदेह नहीं बनता, तब तक पुरकाजी का यह धरना जारी रहेगा। यह जनआवाज अब दबेगी नहीं, गूंजेगी और बदलाव लेकर आएगी।

 



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