Muzaffarnagar के मेरठ रोड स्थित स्टेडियम बिजली घर में उस समय तनाव और हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक महिला उपभोक्ता के साथ बिजली विभाग के कर्मचारी द्वारा अभद्र भाषा और अपमानजनक व्यवहार की शिकायत सामने आई।

बिजली बिल जमा कराने आई महिला ने जब अपनी समस्या को रखने की कोशिश की, तो कथित रूप से एक कर्मचारी ने न केवल उनकी बात को अनसुना किया बल्कि गंभीर रूप से अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें अपमानित कर दिया।


महिला की शिकायत से उभरा जनाक्रोश, भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) हुई सक्रिय
घटना की जानकारी मिलने के बाद भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) तुरंत सक्रिय हो गई। संगठन के जिला अध्यक्ष अक्षय त्यागी और प्रदेश प्रभारी अंकित चौधरी के आदेश पर देर शाम सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने बिजली घर का घेराव कर प्रदर्शन शुरू कर दिया

बिजली घर के मुख्य गेट पर कार्यकर्ताओं ने धरना दिया और नारेबाजी करते हुए आरोपित कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। मौके पर गहमागहमी और जनाक्रोश चरम पर था, लेकिन आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण और संगठित था।


धरना रात 11 बजे तक चला, कार्यकर्ताओं ने जताई नाराज़गी
प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने बिजली विभाग पर उपभोक्ताओं के साथ बार-बार दुर्व्यवहार के आरोप लगाए और कहा कि आम जनता के साथ इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है।

“यह कोई पहला मामला नहीं है, लेकिन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महिला से दुर्व्यवहार का मामला बेहद शर्मनाक है और हम न्याय की मांग कर रहे हैं,”— ऐसा कहना था संगठन के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता का।

धरना रात 11 बजे तक चला, जहां कार्यकर्ता डटे रहे और प्रशासन पर दबाव बनाते रहे कि दोषी कर्मचारी को माफी मांगनी होगी और भविष्य में ऐसे कृत्यों पर लगाम लगाई जाए।


प्रशासन हुआ हरकत में, बिजली विभाग के अधिकारियों ने मांगी सार्वजनिक माफी
मामले की गंभीरता को देखते हुए बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने आंदोलनकारियों से बातचीत की और महिला उपभोक्ता से हुए दुर्व्यवहार पर आम जनता से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।

सिर्फ माफी ही नहीं, बल्कि अधिकारियों द्वारा यह भी लिखित आश्वासन दिया गया कि आगे से किसी उपभोक्ता के साथ इस प्रकार का व्यवहार नहीं किया जाएगा और संबंधित कर्मचारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।


अक्षय त्यागी के निर्देश पर शांत हुआ धरना, आंदोलनकारी बोले- अब बर्दाश्त नहीं होगा अन्याय
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अक्षय त्यागी ने स्पष्ट कहा कि “हम किसी भी महिला के सम्मान से खिलवाड़ नहीं होने देंगे। यदि अधिकारियों ने माफी नहीं मांगी होती, तो धरना पूरी रात और अगली सुबह तक भी चलता।”

लिखित माफीनामे और विभागीय स्तर पर कार्रवाई के आश्वासन के बाद देर रात आंदोलन समाप्त किया गया। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई गईं तो आंदोलन और उग्र होगा।


धरने में सैकड़ों कार्यकर्ता रहे मौजूद, दिखा एकजुटता और जनसंकल्प
इस आंदोलन में मौजूद रहे प्रमुख कार्यकर्ताओं में शामिल थे:
आशिक चौधरी, जावेद खान, दिलशाद अंसारी, गुलफाम अंसारी, इमरान राणा, रिजवान राणा, अरशद खान, यूनुस प्रधान, गुफरान अंसारी, सलीम कुरैशी, मटरू कुरैशी, सावेज खान, जमशेद अब्बासी, शेरखान राणा आदि।

इन सभी ने बिजली विभाग के खिलाफ एक सुर में नारे लगाए और एक मंच से आवाज उठाई कि उपभोक्ता की आवाज़ को न दबाया जाए, न दबने दिया जाए


जनता के अधिकारों की आवाज़ बना यह विरोध प्रदर्शन
यह घटना केवल एक महिला उपभोक्ता की नहीं, बल्कि हर आम आदमी की आवाज़ बन गई। चाहे वह ग्रामीण हो या शहरी, महिला हो या पुरुष—सभी ने महसूस किया कि सरकारी दफ्तरों में जवाबदेही और संवेदनशीलता जरूरी है

इस विरोध प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि आज की जनता जागरूक है, संगठित है और अपना हक मांगना जानती है। प्रशासन और विभागों को अब जवाबदेह बनना होगा, क्योंकि जनता अब चुप बैठने वाली नहीं।


मेरठ रोड बिजली घर पर हुई इस घटना ने प्रशासन को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सरकारी विभागों में कार्यशैली को सुधारना अब समय की मांग है। महिला सम्मान और उपभोक्ता अधिकारों के लिए उठी यह आवाज़ आने वाले समय में बदलाव की आधारशिला बन सकती है।

 



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