मुजफ्फरनगर। Muzaffarnagar जिले में शनिवार को दिल दहला देने वाली घटना सामने आई जब बुढ़ाना निवासी एक छात्र ने डीएवी कॉलेज, मुजफ्फरनगर के बाहर खुद को आग लगा ली। देखते ही देखते कॉलेज परिसर में हड़कंप मच गया। उपस्थित छात्रों और कर्मचारियों ने किसी तरह आग बुझाई और उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया।
छात्र को जिला अस्पताल से गंभीर हालत में मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसकी स्थिति अत्यंत नाजुक लेकिन नियंत्रण में है।परिजनों का कहना है कि छात्र लंबे समय से फीस विवाद और कॉलेज प्रशासन की कथित प्रताड़ना से परेशान था, जिसके चलते उसने यह भयावह कदम उठाया।
यह घटना न केवल शिक्षण संस्थानों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि छात्र हितों की अनदेखी और प्रशासनिक उदासीनता का भी प्रतीक बन गई है।
रालोद नेताओं की एंट्री: डीएम-एसएसपी से की मुलाकात, पीड़ित परिवार को मदद का आश्वासन
घटना की जानकारी मिलते ही राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के वरिष्ठ नेताओं ने मामले को गंभीरता से लिया। कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार, रालोद के क्षेत्रीय अध्यक्ष योगेंद्र चेयरमैन, जिलाध्यक्ष संदीप मलिक, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, और मंडल अध्यक्ष प्रभात तोमर सहित कई नेता मेरठ रोड स्थित डाक बंगले पहुंचे और जिला अधिकारी उमेश मिश्रा व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय वर्मा से मुलाकात कर पूरे प्रकरण पर चर्चा की।
मंत्री अनिल कुमार ने कहा — “हमने प्रशासन से स्पष्ट कहा है कि पीड़ित छात्र को न्याय और उचित सहायता मिले। शिक्षा का मंदिर किसी के लिए भय या अपमान का कारण नहीं बन सकता।”“हमने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पीड़ित छात्र और परिवार को हरसंभव मदद मिले। शिक्षा का स्थान भय या अपमान का प्रतीक नहीं होना चाहिए। यदि प्रशासन या कॉलेज दोषी पाए जाते हैं तो उन पर कठोर कार्रवाई जरूरी है।”
🔥 #Muzaffarnagar | कॉलेज कैंपस में सनसनी
DAV कॉलेज के BA छात्र उज्जवल राणा ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली 💔
कारण — फीस न भरने पर प्रिंसिपल ने परीक्षा फार्म जमा करने से रोक दिया था।
छात्र गंभीर रूप से झुलसा, हायर सेंटर रेफर किया गया।
आग लगाने से पहले उसने कहा —
🗣️ “मेरे पास… pic.twitter.com/zdFRq6W89j— News & Features Network | World & Local News (@newsnetmzn) November 8, 2025
डीएवी कॉलेज प्रशासन पर आरोप: फीस न देने पर की गई कथित प्रताड़ना
छात्र के परिजनों के अनुसार, वह डीएवी कॉलेज, मुजफ्फरनगर में स्नातक वर्ग का विद्यार्थी था और आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण समय पर फीस जमा नहीं कर पा रहा था।
परिजनों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने उसे सार्वजनिक रूप से अपमानित किया और क्लास में बैठने से भी रोक दिया।
इसी मानसिक दबाव में छात्र ने यह खौफनाक कदम उठाया।
हालांकि कॉलेज प्रशासन ने सभी आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि यह मामला फीस से नहीं, बल्कि अनुशासन और आंतरिक अनुशासनात्मक कार्रवाई से जुड़ा था। लेकिन कॉलेज के कुछ छात्रों का कहना है कि फीस भुगतान को लेकर पहले भी कई छात्रों को परेशान किया गया था।
प्रदर्शन और हंगामा: कॉलेज के बाहर छात्रों और संगठनों का जमावड़ा
घटना के बाद डीएवी कॉलेज के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई।
छात्र संगठनों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और “न्याय दो – न्याय दो” के नारे गूंज उठे। कई छात्राओं ने कहा कि “अगर शिक्षा संस्थान ही छात्रों का उत्पीड़न करेंगे, तो पढ़ाई कैसे आगे बढ़ेगी?”रालोद के नेताओं ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे जिले-भर में आंदोलन करेंगे।
प्रशासनिक हलचल: जांच समिति गठित, कॉलेज के दस्तावेज जब्त
डीएम उमेश मिश्रा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कॉलेज प्रशासन से पूरी रिपोर्ट मांगी है। एसएसपी संजय वर्मा ने जांच के लिए एक विशेष टीम गठित की है जो कॉलेज प्राचार्य, शिक्षकगण और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ कर रही है।सूत्रों का कहना है कि छात्र के साथ हुई बातचीत का ऑडियो-वीडियो भी जांच के दायरे में लाया गया है।
राजनीतिक गलियारों में गर्मी: विपक्ष ने भी उठाए सवाल
रालोद के अलावा समाजवादी पार्टी और कांग्रेस नेताओं ने भी इस घटना को “शिक्षा व्यवस्था की विफलता” बताया। सपा के जिला प्रवक्ता ने कहा — “फीस के नाम पर छात्रों का शोषण हो रहा है। सरकार को निजी कॉलेजों की नीतियों की समीक्षा करनी चाहिए।”वहीं कांग्रेस नेता ने कहा कि “यह घटना शिक्षा में व्याप्त असमानता और प्रशासनिक लापरवाही की जिंदा मिसाल है।”
बुढ़ाना में आक्रोश: परिजनों के घर नेताओं और समाजसेवियों का तांता
बुढ़ाना कस्बे में छात्र के घर संवेदना व्यक्त करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।
रालोद के साथ-साथ समाजसेवी संगठनों ने पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद की घोषणा की।
परिवार ने कहा कि उन्हें केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि न्याय चाहिए ताकि कोई और छात्र इस हालात में न पहुंचे।
मानसिक स्वास्थ्य पर विशेषज्ञों की चेतावनी
मनोवैज्ञानिक डॉ. रचना अग्रवाल का कहना है कि “शिक्षा संस्थानों में मानसिक परामर्श की सुविधा होनी चाहिए। छात्र अक्सर दबाव में रहते हैं — फीस, परिणाम, और पारिवारिक परिस्थितियाँ मिलकर उन्हें तोड़ देती हैं।”
उन्होंने सुझाव दिया कि कॉलेजों में ‘काउंसलिंग विंग’ और ‘छात्र सहायता सेल’ बनाना अनिवार्य किया जाए।
सोशल मीडिया पर गूंज: #JusticeForStudent ट्रेंड में
घटना के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
#JusticeForStudent और #MuzaffarnagarCollegeCase जैसे हैशटैग लगातार ट्रेंड कर रहे हैं।
लोग प्रशासन से निष्पक्ष जांच और कॉलेज प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: “न्याय सुनिश्चित किया जाएगा”
डीएम उमेश मिश्रा ने कहा — “घटना दुखद है। जांच टीम को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।”
एसएसपी संजय वर्मा ने भी कहा कि “छात्र के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और कॉलेज के रिकॉर्ड के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।”
शिक्षा संस्थानों की जिम्मेदारी पर गहरा सवाल
यह घटना उस सोच को झकझोरती है कि क्या शिक्षा आज केवल आर्थिक सौदे में बदल गई है?कई विशेषज्ञों का मानना है कि निजी कॉलेजों में फीस के नाम पर छात्रों पर दबाव बनाया जाता है, जिससे कई बार वे मानसिक रूप से टूट जाते हैं।शिक्षा विभाग को इस दिशा में ठोस नीति लानी होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
जनता की आवाज: “अब बदलाव जरूरी है”
स्थानीय लोगों ने कहा कि यह सिर्फ एक छात्र की नहीं, बल्कि पूरे समाज की लड़ाई है। जब तक छात्रों की आवाज़ सुनी नहीं जाएगी, तब तक शिक्षा संस्थानों का भय बढ़ता रहेगा।कई लोगों ने सुझाव दिया कि हर जिले में छात्र सहायता आयोग बनाया जाए।
बुढ़ाना के छात्र का डीएवी कॉलेज, मुजफ्फरनगर में आत्मदाह का प्रयास पूरे प्रदेश के लिए चेतावनी है। शिक्षा केवल फीस का नहीं, बल्कि संवेदनशीलता का भी विषय है। जब तक कॉलेज प्रशासन और शासन दोनों मिलकर छात्र हितों की रक्षा नहीं करेंगे, तब तक ऐसी घटनाएं शिक्षा के पवित्र मंदिरों को दागदार करती रहेंगी। अब समय है कि हर संस्थान आत्ममंथन करे — आखिर विद्यार्थी क्यों भय में हैं?
