बुढाना। मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) एक चौंकाने वाली घटना में बुढाना कस्बे के एक निजी अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत हो गई। इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के गुस्से ने हंगामे का रूप ले लिया, जिसके बाद प्रशासन और पुलिस को मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करना पड़ा।
घटना का विवरण
घटना बुढाना कस्बे के डीएवी रोड स्थित एक निजी अस्पताल में हुई। जानकारी के अनुसार, गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि, प्रसव के दौरान महिला और नवजात शिशु की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने समय पर उचित इलाज नहीं किया और न ही महिला की स्थिति को गंभीरता से लिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अस्पताल में आवश्यक सुविधाओं और उपकरणों की कमी थी, जिसके कारण मरीज को समय पर उचित चिकित्सा सहायता नहीं मिल सकी।
गुस्साई भीड़ ने अस्पताल को घेरा
जैसे ही जच्चा-बच्चा की मौत की खबर फैली, ग्रामीणों और राहगीरों ने अस्पताल को घेर लिया। भीड़ ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को मौके पर पहुंचना पड़ा। अधिकारियों ने परिजनों और ग्रामीणों को शांत करने की कोशिश की और मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया।
पुलिस ने मृतक महिला और नवजात शिशु के शव को पोस्ट मार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने भी जांच का आश्वासन दिया
इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भी मामले का संज्ञान लिया है। विभागीय अधिकारियों ने कहा कि अस्पताल की कार्यप्रणाली और चिकित्सा सुविधाओं की जांच की जाएगी। यदि अस्पताल प्रबंधन या डॉक्टरों की लापरवाही साबित होती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कस्बे में अस्पताल के खिलाफ बढ़ती नाराजगी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब इस अस्पताल के खिलाफ लापरवाही के आरोप लगे हैं। पहले भी कई बार मरीजों और उनके परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर उचित इलाज नहीं करने और अत्यधिक फीस वसूलने के आरोप लगाए हैं। इस घटना के बाद कस्बे में अस्पताल के खिलाफ नाराजगी और बढ़ गई है।
प्रशासन और पुलिस की भूमिका
प्रशासन और पुलिस ने इस मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए तत्परता से कार्रवाई की है। पुलिस ने परिजनों से विस्तृत जानकारी ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। साथ ही, प्रशासन ने अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
आगे की कार्रवाई
पोस्ट मार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही इस मामले में स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी। यदि डॉक्टरों या अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही साबित होती है, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल की लाइसेंसिंग और चिकित्सा सुविधाओं की जांच का भी फैसला किया है।
बुढाना की यह दर्दनाक घटना एक बार फिर चिकित्सा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है। ऐसी घटनाएं न केवल परिजनों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस मामले में त्वरित और न्यायसंगत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।