खतौली। मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) धर्मनगरी खतौली के बिदीबाड़ा स्थित जक्की वाला जैन मंदिर में आचार्य विराग सागर जी के समाधिमरण पर धर्म प्रेमियों ने एक भावांजलि सभा का भक्ति भाव से आयोजन किया। बड़ी संख्या में भक्तगण एकत्रित हुए। सभा संयोजन संजय दादरी ने किया। सभा शुभारंभ णमोकार महामंत्र के पाठ तथा मंगलाचरण से हुआ।

आचार्य श्री के प्रति विनम्र विनयांजलि प्रकट करते हुए उपस्थित सुश्रावकों ने बताया आचार्य विराग सागर जी के बचपन का नाम अरविंद जैन था। इनका जन्म २ मई१९६३ को मध्य प्रदेश में दमोह के पथरिया क्षेत्र में हुआ था। इनके पिता कपूर चन्द तथा माता श्यामा देवी थी। आचार्य श्री का देवलोक गमन समाधि मरण ४ जुलाई २०२४ को महाराष्ट्र के जालना में समतापूर्वक हुआ।

पूज्य श्री को आचार्य सन्मति सागर जी ने क्षुल्लक दीक्षा तथा आचार्य विमल सागर जी ने मुनि दीक्षा दी। आचार्य विराग सागर ने लगभग १५० पुस्तकें लिखी तथा तीन करोड़ ७५ लाख जाप किये। आचार्य श्री ने अपने जीवन काल में व्यसन मुक्ति, अहिंसा तथा शाकाहार के प्रचार हेतु विशाल स्तर पर अभियान चलाएं। महाराज श्री सरल व्यक्तित्व के धनी, मृदु भाषी तथा जिन धर्म प्रभावक थे।

आपने अनेक बार जन जागरण रैली आयोजित कराई। आप भारत गौरव के रूप में विख्यात थे। हम सभी भावना भातें हैं आपके संघस्थ मुनि जिन धर्म संस्कृति का प्रसार करें तथा हम सभी विशुद्ध वाणी के ज्ञान से प्रकाशित हो। आचार्य विराग सागर उत्तम स्थान को प्राप्त हो। धर्म सभा संचालन सुशील मंडी ने किया। परम पूज्य बुंदेलखंड प्रथमाचार्य संत आचार्य विराग सागर जी महाराज को सभी ने शत-शत नमन किया

गणाचार्य जी ने लगभग ३५० मुनियों को दीक्षा दी। आज के आयोजन में राजेंद्र दादरी, मनोज महलका, सुशील सिल्लो, वीरेश, सुबोध, पुनीत दादरी, आगम, अनुज पारस, विजय सर्राफ, प्रवीण किराना, अपार, संयम, मुकुल, पीयूष, प्रीति दादरी, मोहित स्वतंत्र, राजीव, संगीता, लवी, नैना, अंजू, करुणा, वर्षा, काजल, रेणु, अनीता, विवेक प्रवक्ता, संजय दादरी, संजय मुखिया, शैली, अनुराग, पारुल, आयुष, निशा, अरुण औषधि, पूनम, नेहा मोनिका, जयभगवान, मिथिलेश शांति, संतोष, दीक्षा, छवि, गीता नमिता, राजरानी, सरिता, सहित समाज के लोग रहे।



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