Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में आज एक बार फिर से किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) और पुलिस के बीच गर्मा-गर्म टकराव देखने को मिला। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत के आह्वान पर भाकियू कार्यकर्ता नोएडा के लिए कूच करने के लिए रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए व्यापक प्रयास किए। दिनभर पुलिस और भाकियू कार्यकर्ताओं के बीच टकराव चलता रहा, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया।

पुलिस ने किया कई नेताओं को होम अरेस्ट

आज सुबह से ही भाकियू के नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक बड़ी संख्या ने नोएडा जाने की तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन पुलिस ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई स्थानों पर बैरिकेड्स लगाकर चेकिंग शुरू कर दी। पुलिस द्वारा की गई होम अरेस्ट की कार्रवाई में भाकियू के जिला पंचायत सदस्य और प्रमुख नेता विकास शर्मा सहित कई अन्य कार्यकर्ताओं को उनके घरों पर ही नजरबंद कर दिया गया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा, जिससे पूरे क्षेत्र में भारी तनाव फैल गया।

खटौली के भंगेला चेक पोस्ट पर हुई झड़प

भाकियू कार्यकर्ता जब नोएडा की ओर बढ़ने लगे, तो खटौली स्थित भंगेला चेक पोस्ट पर पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। दोनों पक्षों के बीच तीव्र झड़प हुई। किसानों ने विरोध स्वरूप चेक पोस्ट पर धरना दे दिया। इस हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत करने के लिए वार्ता शुरू की। अधिकारियों की समझाइश के बाद मामला शांत हो पाया, लेकिन हंगामा और तनाव जारी रहा।

पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और चौकसी

पुलिस विभाग ने इस विरोध प्रदर्शन को लेकर पूरी तरह से अलर्ट मोड में काम किया। जिले के आला अधिकारियों ने पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए रखी और पुलिस को आवश्यक निर्देश दिए। चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात थी, और हर आने-जाने वाले व्यक्ति की जांच की जा रही थी। जगह-जगह पुलिस बैरिकेड्स के माध्यम से चेकिंग कर रही थी, जिससे प्रदर्शनकारी आगे नहीं बढ़ सके।

बातचीत का दौर और आलाकमान की चिंताओं की स्थिति

पुलिस अधिकारियों ने भाकियू नेताओं से बातचीत भी की, ताकि स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोका जा सके। आला अधिकारी अपने अधिनस्थों से फोन द्वारा जानकारी ले रहे थे और पूरे घटनाक्रम की निगरानी कर रहे थे। अधिकारियों ने मौके पर जाकर भाकियू नेताओं से बातचीत की और उनकी चिंताओं को सुना। इस बीच, किसानों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की और प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया।

किसानों की तैयारियां और भाकियू का जज्बा

भाकियू कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही नोएडा जाने की तैयारियों में जुटे थे। किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ निकले थे, जो उनकी शक्ति और एकता का प्रतीक था। इस दौरान भाकियू नेता और किसान नेताओं ने एकजुटता का संदेश दिया और अपनी बातों को मजबूती से उठाया।

पुलिस की कड़ी सुरक्षा और हाई अलर्ट

सम्भावित खतरे के मद्देनजर, पुलिस ने पूरे जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया। विभिन्न स्थानों पर तैनात पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए गए कि वे किसी भी स्थिति में कानून-व्यवस्था बनाए रखें। कई जगहों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अतिरिक्त बैरिकेड्स और बल तैनात किया।

किसानों का आंदोलन और इसका महत्व

इस घटनाक्रम ने एक बार फिर से कृषि कानूनों और किसानों के हक की चर्चा को गरमा दिया है। भाकियू ने यह आंदोलन नोएडा में अपनी आवाज़ उठाने और अपने मुद्दों को सरकार तक पहुंचाने के लिए किया था। किसानों का यह आंदोलन, उनकी मेहनत और संघर्ष का प्रतीक है, जो उनकी इच्छा और मांगों के लिए सड़क पर उतरे हैं।

संबंधित अधिकारियों की प्रतिक्रिया

भाकियू के इस विरोध प्रदर्शन को लेकर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने बयान दिया कि वे हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। एक अधिकारी ने बताया, “हमने सभी जरूरी प्रबंध किए हैं ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।”

किसानों का संदेश

किसान नेताओं का कहना है कि वे अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे और हर हाल में अपनी आवाज़ को सरकार तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन उनके हक और भविष्य की सुरक्षा के लिए है, और वे हर हाल में इसे जारी रखेंगे।

इस दिनभर के तनावपूर्ण घटनाक्रम ने दिखा दिया कि जब किसानों का मनोबल ऊँचा हो, तो वे अपने हक के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। पुलिस की रोकावटों और झड़पों के बावजूद, भाकियू कार्यकर्ता अपनी ताकत और एकता का परिचय देते हुए आंदोलन को जारी रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।



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