Muzaffarnagar: मकर संक्रांति के अवसर पर बुढ़ाना मोड़ स्थित निर्बल आवासीय योजना काशीराम खान्जापुर में एक भव्य और समाजसेवी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन गरीबों और जरूरतमंदों के लिए एक आशा की किरण साबित हुआ। कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय के लोगों के बीच कंबल और शाल का वितरण किया गया। इसके साथ ही खिचड़ी प्रसाद और गुडमिट्ठे भी वितरित किए गए, जो मकर संक्रांति के त्योहारी महत्व के साथ जुड़े हुए थे। यह कार्यक्रम एक साथ कई सामाजिक संगठनों और जन प्रतिनिधियों के संयुक्त प्रयासों से संपन्न हुआ।
कंबल और शाल का वितरण: इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शीतकाल में गरीबों को ठंड से बचाने के लिए कंबल और शॉल प्रदान करना था। कार्यक्रम में 250 से अधिक पात्र परिवारों को यह गर्म वस्त्र वितरित किए गए। कंबल और शॉल वितरण का कार्य लायंस क्लब लोटस और नवचेतना संस्थान के संयुक्त प्रयासों से संपन्न हुआ। इन दोनों संस्थाओं के द्वारा जरूरतमंदों की सूची तैयार कर, उन्हें यह राहत सामग्री प्रदान की गई।
खिचड़ी प्रसाद और गुडमिट्ठे का वितरण: मकर संक्रांति के खास मौके पर खिचड़ी का महत्व बहुत ज्यादा है। इस दिन लोग तिल, गुड़ और खिचड़ी का सेवन करते हैं। इसे खाने से स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है और यह सामाजिक एकता का प्रतीक बनता है। इस अवसर पर आयोजकों ने खिचड़ी और गुडमिट्ठे का वितरण किया, जिससे यह दिन और भी खास बन गया। लोगों ने इस प्रसाद को खुशी-खुशी ग्रहण किया, जिससे एकता और सामूहिकता का संदेश दिया गया।
समाजसेवी लोगों का योगदान: इस कार्यक्रम के आयोजन में मुख्य भूमिका लायन योगेंद्र कांबोज और एडवोकेट हरिओम गोयल की थी। दोनों के नेतृत्व में यह आयोजन अत्यंत सफल रहा। लायन योगेंद्र कांबोज ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के सामाजिक कार्यों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि मकर संक्रांति एक ऐसा पर्व है जो हमें साथ रहने, मिलजुल कर काम करने और समाज सेवा के महत्व को समझाता है।
डॉ. पी. के. कांबोज का संबोधन: कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में प्रख्यात चिकित्सक डॉ. पी. के. कांबोज ने भाग लिया। डॉ. कांबोज ने अपने संबोधन में कहा कि मानव सेवा को ईश्वर की पूजा के बराबर माना जाना चाहिए। उनके अनुसार, समाज की सेवा और जरूरतमंदों की मदद करने से हम अपने जीवन में सच्ची संतुष्टि प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने लायंस क्लब लोटस और नव चेतना संस्थान के कार्यों की सराहना की और इन्हें प्रेरित किया कि वे आगे भी इसी तरह समाजसेवा के कार्य करते रहें।
चार्टर प्रेसिडेंट डॉ. अनुराधा वर्मा का योगदान: चार्टर प्रेसिडेंट डॉ. अनुराधा वर्मा ने भी इस मौके पर लाभार्थियों को संबोधित किया और कहा कि इस तरह के आयोजनों से समाज में एक सकारात्मक बदलाव आता है। उन्होंने इन आयोजनों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से जरूरतमंदों को न केवल राहत मिलती है बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
अन्य सहयोगी: इस कार्यक्रम में लायन्स क्लब लोटस के अन्य सदस्यों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। विशेष रूप से लायन मुकेश अरोड़ा, पवन बंसल, चौधरी जयवीर सिंह, डॉक्टर संजय अग्रवाल, सुभाष चंद्र अग्रवाल, और कई अन्य सदस्य उपस्थित थे। इनके अलावा, शिक्षा विभाग से सुभाष चंद्र अग्रवाल, रोहित जैन, मनोज दाल वाले, आचार्य मनोज, विवेक संगल, महेश वर्मा, दिनेश वर्मा, शिवम तायल, और अन्य ने भी इस आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई।
लायंस क्लब लोटस की महिलाओं का योगदान: लायंस क्लब लोटस की महिला सदस्य श्रीमती उमा कांबोज ने सभी महिला लाभार्थियों से मुलाकात की और उन्हें आश्वस्त किया कि क्लब भविष्य में भी उनके लिए कई अन्य सेवा कार्य आयोजित करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि लायंस क्लब का मुख्य उद्देश्य समाज के हर वर्ग की सहायता करना है और क्लब हमेशा इसी दिशा में कार्य करता रहेगा।
आभार व्यक्त किया गया: कार्यक्रम के अंत में लायन योगेंद्र कांबोज और एडवोकेट हरिओम गोयल ने उपस्थित सभी लोगों का दिल से आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी व्यक्तियों के सहयोग से यह आयोजन सफल हो सका।
आगे की योजनाएं: लायंस क्लब लोटस और नव चेतना संस्थान की योजना है कि वे भविष्य में भी इस तरह के समाजसेवा के कार्यक्रम आयोजित करेंगे। उनका उद्देश्य सिर्फ जरूरतमंदों को राहत प्रदान करना नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाना और एकजुटता की भावना को प्रोत्साहित करना भी है।
समाज सेवा का महत्व: यह कार्यक्रम समाज में एकता, भाईचारे और मदद की भावना को बढ़ावा देने का बेहतरीन उदाहरण है। इस आयोजन से यह साफ है कि समाज में बदलाव लाने के लिए सिर्फ सरकारी योजनाओं का ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों का भी होना जरूरी है। लायंस क्लब और नव चेतना संस्थान जैसे संगठन समाज में सक्रिय रहते हुए समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।
समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक कदम: कुल मिलाकर यह कार्यक्रम एक मिसाल कायम करता है कि जब समाज के विभिन्न वर्ग एकजुट होकर किसी उद्देश्य के लिए काम करते हैं, तो न केवल जरूरतमंदों को राहत मिलती है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी आता है। इस तरह के आयोजनों से एकता और भाईचारे का संदेश मिलता है, जो किसी भी समाज की प्रगति के लिए बहुत जरूरी है।
यह आयोजन न केवल बुढ़ाना मोड़ क्षेत्र के लोगों के लिए एक राहत साबित हुआ, बल्कि समाज में एकता और सेवा की भावना को भी मजबूत किया। यह हमें यह याद दिलाता है कि सच्ची सेवा ईश्वर की पूजा के बराबर होती है और जब हम मिलकर काम करते हैं, तो किसी भी समस्या का हल निकाला जा सकता है।