Muzaffarnagar में मावा आढती एसोसिएशन के सदस्य ने मिलावटी मावे के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे केवल गुणवत्तापूर्ण मावा ही बेचते हैं। एसोसिएशन ने दावा किया कि वे किसी के जीवन से खिलवाड़ नहीं करेंगे और खाद्य सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करते हुए मावा की बिक्री कर रहे हैं। यह बयान एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा एक प्रेस वार्ता में दिया गया, जो रूडकी रोड स्थित ग्रीन एप्पल रेस्टोरेंट पर आयोजित की गई थी।
मावा आढती एसोसिएशन के अध्यक्ष ने क्या कहा?
एसोसिएशन के प्रमुख सदस्य दिनेश बंसल, सुनील सिंघल और अनिल तायल ने कहा कि प्रशासन द्वारा दिए गए सभी दिशा-निर्देशों के अनुसार वे मावा की बिक्री करते हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 5 दिन पहले खाद्य विभाग की टीम ने फक्करशाह चैक पर 180 किलो मावा जब्त किया था। यह मावा कथित तौर पर मिलावटी था, और उसे नष्ट करने की कार्रवाई की गई थी। लेकिन एसोसिएशन के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि मावे का सैंपल लिया जाए और इसे फ्रीजर में रखा जाए ताकि उसकी जांच की जा सके।
मावा का सैंपल और जांच
पदाधिकारियों ने प्रशासन से अनुरोध किया था कि मावे का सैंपल लेकर उसकी जांच की जाए और इसे नष्ट करने से पहले सही तरीके से जांच की जाए। खाद्य विभाग ने मावे का सैंपल लिया और जांच के बाद यह पाया गया कि इस मावे में 27.8 प्रतिशत फैट था, जो मानक से केवल 2 प्रतिशत कम था। इस जांच के परिणाम ने एसोसिएशन के आरोपों को बल दिया कि मावा की गुणवत्ता में कोई गंभीर समस्या नहीं है।
मावा आढती एसोसिएशन का स्वास्थ्य से संबंधित संदेश
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे किसी भी सूरत में स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले मावे की बिक्री नहीं करेंगे। उनका यह भी कहना था कि मावा आढती केवल एक ही प्रकार का मावा बेचते हैं, और उन्हे बाजार से अन्य 99 प्रकार की सामग्रियां खरीदनी पड़ती हैं। इस कारण से, मावा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एसोसिएशन हर संभव कदम उठाता है और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करता है।
मावा एसोसिएशन के व्यापारी और संगठन के बीच विवाद
एसोसिएशन के नेताओं ने यह भी कहा कि मावा व्यापारियों का एक बड़ा हिस्सा पहले दूसरे संगठन में था, लेकिन अब उन्होंने अपनी सदस्यता छोड़कर एसोसिएशन के साथ जुड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका छोड़ दिया गया संगठन अब उनके काम में अनावश्यक हस्तक्षेप कर रहा है और उनके व्यापार को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है।
एसोसिएशन ने प्रशासन से वादा किया
दिनेश बंसल और उनके सहयोगियों ने प्रशासन से यह वादा किया कि वे न तो कभी मिलावट का समर्थन करेंगे और न ही भविष्य में ऐसा करने की कोई संभावना है। एसोसिएशन ने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता हमेशा किसानों और उपभोक्ताओं की सेहत और सुरक्षा रहेगी, और वे किसी भी स्थिति में मिलावटी मावे की बिक्री नहीं करेंगे।
प्रेसवार्ता में अन्य प्रमुख लोग भी शामिल
इस प्रेसवार्ता में मावा एसोसिएशन के अन्य प्रमुख सदस्य भी शामिल थे, जिनमें पवन तायल, रविंद्र कुमार, कुमार गौरव मित्तल, राकेश गर्ग, जगपाल सिंह, और संजीव तायल शामिल थे। सभी ने एकजुट होकर एसोसिएशन के स्टैंड को स्पष्ट किया और यह सुनिश्चित किया कि मावा आढती हमेशा गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की बिक्री करेंगे।
स्वास्थ्य और सुरक्षा की दिशा में एसोसिएशन का प्रयास
मावा के व्यापार में मिलावट की संभावना हमेशा एक गंभीर चिंता का विषय रही है। उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए यह समस्या और भी अधिक चिंताजनक हो जाती है, जब मिलावटी उत्पादों का सेवन किया जाता है। मावा आढती एसोसिएशन ने अपने व्यापार में शुद्धता बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई है और प्रशासन के सभी निर्देशों का पालन करने का वादा किया है।
किसी भी प्रकार के मिलावटी उत्पादों से बचाव
आजकल खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर बढ़ती जागरूकता के साथ, मावा आढती एसोसिएशन ने यह स्पष्ट किया है कि वे किसी भी मिलावटी उत्पाद को अपने व्यापार में शामिल नहीं करेंगे। एसोसिएशन का यह कदम ग्राहकों के विश्वास को बनाए रखने और उन्हें सुरक्षित उत्पाद देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए सरकार से समर्थन की जरूरत
भारत जैसे कृषि प्रधान देश में खाद्य सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। अगर हम खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो इसके लिए सरकार को खाद्य सुरक्षा नियमों को और कड़ा करना होगा और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की निगरानी को और बेहतर बनाना होगा।
मावा आढती एसोसिएशन का यह स्पष्ट बयान है कि वे केवल गुणवत्तापूर्ण मावा ही बेचते हैं और किसी भी मिलावटी उत्पाद को अपने व्यापार में नहीं शामिल करेंगे। उनकी यह प्रतिबद्धता उपभोक्ताओं की सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता देने की है।