Muzaffarnagar जिले के मीरांपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बार फिर अपराधियों पर कड़ा शिकंजा कसते हुए तीन अवैध मादक पदार्थ तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से 58 किलोग्राम गांजा बरामद किया है, जिसकी कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। साथ ही, तस्करी में प्रयुक्त दो लग्जरी कारें भी जब्त की गई हैं।

यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य बंसल और क्षेत्राधिकारी जानसठ यतेन्द्र सिंह नागर के निर्देशन में की गई। इस अभियान का नेतृत्व थाना मीरापुर प्रभारी निरीक्षक ओमप्रकाश सिंह ने किया।


ऑपरेशन ‘सवेरा’ के तहत की गई कार्रवाई – मुखबिर की सूचना से मिला सुराग

जानकारी के अनुसार, यह पूरी कार्रवाई “ऑपरेशन सवेरा” के अंतर्गत की गई है, जिसे पुलिस उपमहानिरीक्षक, सहारनपुर परिक्षेत्र के विशेष निर्देश पर चलाया जा रहा है।
इस अभियान का उद्देश्य जिले में फैल रहे मादक पदार्थों के अवैध कारोबार पर रोक लगाना है।

मीरांपुर पुलिस टीम को एक गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग गांजे की बड़ी खेप लेकर हरियाणा और पंजाब की ओर रवाना होने वाले हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने सम्भलहेड़ा नहर पुल पर चेकिंग अभियान शुरू किया। इसी दौरान एक संदिग्ध कार को रोका गया, जिसमें तीन लोग बैठे थे। तलाशी लेने पर कार से 58 किलो गांजा बरामद हुआ।


गिरफ्तार तस्करों की पहचान और नेटवर्क का खुलासा

पुलिस ने गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान इस प्रकार की है:

  1. लोकेन्द्र पुत्र नत्थू सिंह, निवासी ग्राम मन्दवाडा थाना बुढ़ाना, जनपद मुजफ्फरनगर।

  2. इनाम पुत्र जंगशेर, निवासी राजीव कालोनी वार्ड, जनपद पानीपत, हरियाणा।

  3. तेजपाल पुत्र मांगेराम, निवासी महादेव कालोनी नूरवाला थाना किला, जनपद पानीपत, हरियाणा।

पूछताछ के दौरान तस्करों ने खुलासा किया कि वे उड़ीसा राज्य से सस्ते दामों पर गांजा खरीदकर हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में सप्लाई करते हैं।
उन्होंने बताया कि “आज हम यह माल हरियाणा में एक सप्लायर को देने जा रहे थे, तभी पुलिस ने हमें पकड़ लिया।”


58 किलो गांजा और दो कारें जब्त – लाखों रुपये की तस्करी का पर्दाफाश

पुलिस के अनुसार, बरामद गांजे की मात्रा 58 किलोग्राम है, जिसकी अंतरराज्यीय बाजार में कीमत लगभग 8 से 10 लाख रुपये तक हो सकती है।
तस्करी में प्रयुक्त दो कारें भी बरामद की गई हैं, जिनमें से एक कार हरियाणा नंबर की है और दूसरी उत्तर प्रदेश रजिस्ट्रेशन वाली।

पुलिस का मानना है कि ये तस्कर लंबे समय से इस नेटवर्क में सक्रिय थे और अंतरराज्यीय स्तर पर मादक पदार्थों की आपूर्ति करते थे।


महिला पुलिसकर्मियों की भूमिका सराहनीय – संयुक्त टीम ने दिखाई तत्परता

इस कार्रवाई में मिशन शक्ति टीम की महिला पुलिसकर्मियों ने भी अहम भूमिका निभाई।
टीम में महिला उपनिरीक्षक ममता, महिला कांस्टेबल मधु सहित निरीक्षक राजीव कुमार (सर्विलांस प्रभारी), उपनिरीक्षक योगेश तेवतिया, आनंद कुमार, मोहित कुमार, हेड कांस्टेबल मनोज कुमार, हेड कांस्टेबल विकास (सर्विलांस सेल), कांस्टेबल एशवीर सिंह, सचिन कुमार और कांस्टेबल नितिन शामिल रहे।

वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पूरी टीम की सराहना करते हुए कहा कि मीरांपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर जिले में नशे के नेटवर्क को एक बड़ा झटका दिया है।


तस्करी का नेटवर्क उड़ीसा से हरियाणा तक फैला – पुलिस जुटी बड़े गिरोह की तलाश में

पूछताछ में सामने आया कि ये तस्कर उड़ीसा के कुछ इलाकों से सस्ती दरों पर गांजा खरीदते हैं और फिर उसे उत्तर भारत के कई राज्यों में उच्च दामों पर बेचते हैं।
यह पूरा नेटवर्क ट्रांसपोर्ट कंपनियों और नकली नंबर प्लेटों का इस्तेमाल कर तस्करी को अंजाम देता था।

पुलिस अब इस नेटवर्क के पीछे छिपे मुख्य सरगना और सप्लायरों की तलाश में जुटी है।
सर्विलांस सेल की टीम उन मोबाइल नंबरों और व्हाट्सएप चैट्स की जांच कर रही है जिनके जरिए ये तस्कर संपर्क में रहते थे।


एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने दी चेतावनी – “नशा कारोबारियों के लिए मुजफ्फरनगर में कोई जगह नहीं”

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिले में मादक पदार्थ तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य सिर्फ गिरफ्तार करना नहीं बल्कि पूरे नेटवर्क को खत्म करना है। नशे से युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है, और इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि यदि किसी को अपने इलाके में नशे का व्यापार या संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।


‘ऑपरेशन सवेरा’ अभियान से बढ़ा अपराध पर अंकुश

‘ऑपरेशन सवेरा’ मेरठ ज़ोन में पुलिस का एक विशेष अभियान है जिसके तहत नशा, जुआ, अवैध शस्त्र और तस्करी के नेटवर्क को खत्म करने का मिशन चल रहा है।
इस अभियान के अंतर्गत पिछले कुछ महीनों में दर्जनों गिरफ्तारियां और करोड़ों रुपये के अवैध पदार्थों की बरामदगी हो चुकी है।
मीरांपुर पुलिस की यह कार्रवाई भी इसी अभियान का हिस्सा है जिसने जिले में अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए हैं।


स्थानीय लोगों ने पुलिस की सराहना की – “ऐसे अभियान जारी रहें”

गांव और आसपास के क्षेत्रों में लोगों ने मीरांपुर पुलिस की इस कार्रवाई की खुले दिल से प्रशंसा की।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अब उन्हें उम्मीद है कि नशे के कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ और भी कठोर कदम उठाए जाएंगे।
लोगों ने कहा कि यह सफलता पुलिस के बढ़ते विश्वास और सतर्कता का परिणाम है।


पुलिस की त्वरित कार्रवाई से तस्करों के नेटवर्क में हड़कंप

पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस बड़ी बरामदगी के बाद अब हरियाणा और पंजाब के नेटवर्क पर भी नजर रखी जा रही है। संभावना है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।जिले की सीमा पर चेकिंग बढ़ा दी गई है और संदिग्ध वाहनों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।


मीरांपुर थाना पुलिस की इस ऐतिहासिक कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया कि जब प्रशासन और कानून मिलकर काम करें तो अपराधी कहीं नहीं बच सकते। 58 किलो गांजे की बरामदगी न केवल एक बड़ी उपलब्धि है बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि अवैध तस्करी के खिलाफ पुलिस पूरी मजबूती के साथ खड़ी है। अब देखना यह होगा कि इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों तक पुलिस कब और कैसे पहुंचती है।

 



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