मीरापुर, मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar News) थाना मीरापुर पुलिस ने एटीएम बदलकर धोखाधड़ी से रुपये निकालने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इस मुठभेड़ में एक अपराधी घायल हो गया, जबकि दूसरे को पुलिस ने काबू कर लिया। पुलिस के अनुसार, दोनों अपराधियों के पास से अवैध शस्त्र, एटीएम कार्ड, 5000 रुपये नगद और घटना में प्रयुक्त एक कार बरामद की गई है। यह घटना तब सामने आई, जब एक पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनके एटीएम कार्ड का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रुपये निकाल लिए गए थे।

इस मामले में पुलिस ने अभियान शुरू किया और आरोपी गिरोह का पर्दाफाश किया। गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ के बाद पता चला कि यह एक संगठित गिरोह है जो बुजुर्गों और महिलाओं को निशाना बनाकर एटीएम कार्ड बदलकर उनके खातों से रुपये निकालता था। पुलिस ने इस गिरोह के तीन अन्य सदस्यों की तलाश में टीम गठित की है, और आगे की जांच जारी है।

विवरण: धोखाधड़ी और मुठभेड़ का पूरा मामला
21 दिसंबर को मीरापुर थाना क्षेत्र के एक निवासी आकिब पुत्र राशिद ने पुलिस को एक लिखित शिकायत दी। शिकायत में आकिब ने बताया कि वह 18 दिसंबर को मीरापुर के एक एटीएम से पैसे निकालने गए थे। उस दौरान उनके साथ धोखाधड़ी की गई और अज्ञात आरोपियों ने उनका एटीएम कार्ड बदलकर उनके खाते से रुपये निकाल लिए। पुलिस ने इस शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया और आरोपी अपराधियों को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई।

पुलिस ने 21 दिसंबर की रात को संभलहेड़ा नहर के पास संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की चेकिंग की। इस दौरान पुलिस को एक संदिग्ध कार की सूचना मिली, जो कुतुबपुर नहर पटरी से होकर गुजर रही थी। पुलिस ने उस कार को रोकने के लिए इशारा किया, लेकिन कार सवारों ने भागने की कोशिश की। पीछा करने पर, अपराधियों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें पुलिस बाल-बाल बची। पुलिस ने आत्मरक्षार्थ जवाबी फायरिंग की, जिसके परिणामस्वरूप एक अपराधी घायल हो गया और दूसरे को गिरफ्तार कर लिया गया।

कौन थे ये अपराधी और उनका modus operandi
पुलिस ने गिरफ्तार अपराधियों से पूछताछ की, तो उन्होंने बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है, जो एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी से पैसे निकालता है। इस गिरोह के सदस्य साधारणत: बुजुर्गों और महिलाओं को एटीएम से पैसे निकालने में मदद करने का झांसा देते थे, और फिर उनके कार्ड बदलकर पैसे निकाल लेते थे। गिरफ्तार अभियुक्तों ने खुलासा किया कि वे 18 दिसंबर को मीरापुर में एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी से 5000 रुपये निकाल चुके थे, जो अब पुलिस ने बरामद कर लिए हैं।

इस गिरोह में और भी सदस्य शामिल हैं, जिनके नाम आदिल, बादशाह, और नसरुद्दीन हैं। ये सभी आरोपी भी बुलंदशहर के सलेमपुर क्षेत्र के रहने वाले हैं। गिरोह का मुख्य उद्देश्य एटीएम कार्ड बदलकर लोगों के खातों से धनराशि निकालना और उसका गलत तरीके से इस्तेमाल करना था।

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तार अभियुक्तों से बरामदगी
गिरफ्तार अभियुक्तों से पुलिस ने 5000 रुपये नगद, 01 एटीएम कार्ड, 01 अवैध तमंचा, और 315 बोर के दो कारतूस बरामद किए। इसके अलावा, घटनास्थल पर इस्तेमाल की गई वैगनआर कार (डीएल 2CAL 6326) भी बरामद की गई। पुलिस ने कार के कागजात नहीं दिखाने के कारण उसे सीज कर दिया। पुलिस ने घायल अभियुक्त को अस्पताल में भर्ती कराया और अब इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस की टीम का योगदान
इस ऑपरेशन में मीरापुर पुलिस की टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम में उपनिरीक्षक जितेन्द्र सिंह, आनंद कुमार, कांस्टेबल रोहित धूड़ी, कांस्टेबल सुनील कुमार, मितेश कुमार, और प्रेम पूनिया शामिल थे। इन पुलिसकर्मियों ने अपनी कड़ी मेहनत और साहसिक कार्यवाही से इस गिरोह को पकड़ा।

अग्रिम कार्रवाई
पुलिस ने अब गिरोह के तीन अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की है। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार अपराधियों के आपराधिक इतिहास की जांच की जा रही है और उनके अन्य अपराधों का भी खुलासा किया जाएगा। पुलिस ने इस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए रणनीति तैयार की है और जल्द ही उनपर भी कार्रवाई की जाएगी।

गिरोह का शिकार बनने से कैसे बचें?
यह घटना दिखाती है कि कैसे शातिर अपराधी एटीएम से पैसे निकालने के दौरान ग्राहकों को निशाना बना सकते हैं। पुलिस प्रशासन ने जनता को चेतावनी दी है कि वे हमेशा सतर्क रहें और किसी अजनबी से मदद लेने से बचें। अगर आपको एटीएम मशीन का इस्तेमाल करते समय कोई मदद की पेशकश करता है, तो हमेशा सावधान रहें और अपने कार्ड की सुरक्षा पर ध्यान दें।

पुलिस ने यह भी कहा है कि अगर कोई व्यक्ति इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार होता है, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें और अपने खाते की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

समाज के लिए संदेश
इस घटना ने यह भी साबित कर दिया कि समाज में इस प्रकार के संगठित अपराधों का मुकाबला करने के लिए पुलिस को सख्त से सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। जब तक हम अपनी सुरक्षा के प्रति सचेत नहीं होंगे, तब तक शातिर अपराधी इस प्रकार की धोखाधड़ी करते रहेंगे।



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