मीरापुर।मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar)।में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो चले हैं कि अब लूट के बाद पुलिस से सीधी मुठभेड़ में भिड़ने से भी नहीं कतराते। मीरापुर क्षेत्र में दो दिन पहले मीट व्यापारी से ₹1.23 लाख की लूट करने वाले छह बदमाशों के साथ रविवार देर रात पुलिस की जबरदस्त मुठभेड़ हुई। इस गोलीबारी में दो बदमाश पुलिस की गोली से घायल हो गए, वहीं चार में से दो बदमाशों को दौड़ाकर पकड़ा गया। शेष दो बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए।

कैसे हुआ खुलासा? मिली गुप्त सूचना और घेराबंदी के बाद मुठभेड़

सूत्रों से मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार, रविवार रात पुलिस को सूचना मिली कि सिकंदरपुर-जड़वड़ मार्ग पर हुई लूट के आरोपी एक और वारदात की साजिश रच रहे हैं। दिल्ली-पौड़ी राजमार्ग पर उपाध्याय कैंटीन के पास एक सुनसान पड़े कोल्हू के पीछे बदमाश जमा थे। इस जानकारी पर तत्काल मीरापुर पुलिस हरकत में आई और घेराबंदी शुरू कर दी। पुलिस को देख बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिससे मौके पर मौजूद कई पुलिसकर्मी बाल-बाल बचे।

जवाबी कार्रवाई में घायल हुए दो बदमाश, मौके से बरामद हुई मोटरसाइकिल और हथियार

पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग करते हुए दो बदमाशों को गोली मार गिराया। घायल बदमाशों की पहचान नवाजिश पुत्र शमशाद (निवासी गांव तिस्सा, थाना भोपा) और एयाज पुत्र इश्तखार (निवासी कूकड़ा, थाना नई मंडी) के रूप में हुई। दोनों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौके से एक बाइक, दो देसी तमंचे, दो चाकू, दो जिंदा और दो खोखा कारतूस भी बरामद किए गए।

चार में से दो बदमाश दौड़ाकर पकड़े गए, दो अभी भी फरार

जैसे ही पुलिस ने घेराबंदी तेज की, चार बदमाश अंधेरे और जंगल की ओर भाग खड़े हुए। इनमें से दो बदमाशों – सुहैल पुत्र इनाम (निवासी कूकड़ा) और शारिक पुत्र साजिद (निवासी बिलासपुर, थाना नई मंडी) को पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद दबोच लिया। बाकी दो फरार बदमाशों की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगातार जंगल और आसपास के इलाकों में सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।

लूट की गई रकम का बड़ा हिस्सा भी बरामद

पुलिस की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई में लूटी गई रकम में से ₹90,000 की नकदी भी बरामद हुई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यही वही गैंग था जिसने मीट व्यापारी से लूट को अंजाम दिया था। मीरापुर थाने के इंस्पेक्टर बबलू कुमार वर्मा ने बताया कि बदमाश बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की योजना में थे और समय रहते पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।

सीओ यतेन्द्र नागर और तीन थानों की पुलिस रही अलर्ट

घटना की जानकारी मिलते ही जानसठ के क्षेत्राधिकारी यतेन्द्र नागर, रामराज, ककरौली और जानसठ थाने की टीमें मौके पर पहुंच गईं। इलाके को चारों ओर से घेरकर ऑपरेशन को सफल बनाने में सभी थानों ने एकजुटता से कार्य किया।

बदमाशों का आपराधिक इतिहास खंगालने में जुटी पुलिस

पुलिस फिलहाल पकड़े गए बदमाशों के आपराधिक इतिहास की गहराई से जांच कर रही है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक ये सभी कई अन्य लूट और चोरी की वारदातों में भी शामिल रहे हैं। इनके ऊपर पहले से भी कई मुकदमे दर्ज हैं और कई जिलों की पुलिस को इनकी तलाश थी।

मुजफ्फरनगर में बढ़ते अपराधों को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क

मुजफ्फरनगर जिला, जो कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अहम हिस्सा है, लगातार आपराधिक घटनाओं की चपेट में आता रहा है। लूट, हत्या और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी घटनाएं आम हो गई थीं, लेकिन पुलिस की सक्रियता से अपराधियों की कमर टूटती दिख रही है। इस मुठभेड़ ने यह संदेश दिया है कि अब पुलिस पूरी तरह चौकस है और किसी भी आपराधिक गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग और व्यापार मंडल?

इस मुठभेड़ की खबर फैलते ही पूरे इलाके में दहशत और राहत का मिला-जुला माहौल देखने को मिला। स्थानीय मीट व्यापारियों और व्यापार मंडल ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की और मांग की कि फरार बदमाशों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए, ताकि व्यापारियों में सुरक्षा की भावना बनी रहे।


मुजफ्फरनगर के मीरापुर क्षेत्र में हुई इस मुठभेड़ ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अपराध चाहे कितना भी संगठित क्यों न हो, पुलिस की पैनी नजर से बच नहीं सकता। अब देखना यह है कि फरार दो अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को कितनी कामयाबी मिलती है और क्या इस गैंग के पीछे कोई बड़ा नेटवर्क भी सामने आता है।

 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *