Muzaffarnagar। अवैध प्लॉटिंग और अनाधिकृत कॉलोनियों पर अब प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। शहर के विकास क्षेत्र जोन-3, थाना नई मंडी क्षेत्र में मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण (Muzaffarnagar Development Authority) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। प्रशासन ने अवैध रूप से विकसित की जा रही लगभग 58 बीघा जमीन पर बुलडोज़र चला दिया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।

इस कार्यवाही को लेकर अवैध प्लॉटिंग करने वाले भू-माफियाओं में दहशत का माहौल है। शहर में लगातार अवैध कॉलोनियों के निर्माण की शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए यह कार्रवाई की।


बिना अनुमति बेची जा रही थी ज़मीन, प्रशासन ने लिया एक्शन

सूत्रों के अनुसार, थाना नई मंडी क्षेत्र में स्थित पचैंडा रोड और ग्राम मुस्तफाबाद में बड़े पैमाने पर अवैध प्लॉटिंग की जा रही थी। भू-माफिया बिना किसी स्वीकृति के जमीन को छोटे-छोटे प्लॉट्स में बांटकर लोगों को बेच रहे थे।

इस मामले में पवन मलिक, इन्द्रजीत सिंह रावत, आशीष कुच्छल, संजय ठाकुर और मेहराजू का नाम सामने आया है, जो अवैध प्लॉटिंग के मुख्य आरोपी बताए जा रहे हैं। इन लोगों ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए लगभग 58 बीघा कृषि भूमि को प्लॉटिंग कर अवैध कॉलोनियों के रूप में विकसित करने की कोशिश की।

जब इस मामले की भनक विकास प्राधिकरण को लगी, तो तुरंत प्रभाव से नोटिस जारी किया गया। पहले से ही कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन जब आरोपियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया, तो प्रशासन ने बुलडोज़र चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।


कैसे हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई?

प्रशासन की यह कार्रवाई सुबह से शुरू हुई और कई घंटे तक चली। प्राधिकरण की टीम, पुलिस बल और बुलडोज़र लेकर मौके पर पहुंची। कार्यवाही के दौरान मौके पर मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष श्रीमती कविता मीना, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता और पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

जैसे ही बुलडोज़र ने अवैध निर्माण को गिराना शुरू किया, मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। आसपास के लोग यह नज़ारा देखने के लिए सड़क किनारे खड़े हो गए। कुछ स्थानीय लोगों ने इस कदम की सराहना की, तो वहीं कुछ लोग प्रशासन की कार्रवाई से असंतुष्ट भी दिखे।

मौके पर कुछ लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए किसी भी विरोध को अनसुना कर दिया और ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया।


क्या था पूरा मामला?

मुजफ्फरनगर में अवैध प्लॉटिंग का खेल लंबे समय से चल रहा था। जमीन की बढ़ती कीमतों को देखते हुए कुछ लोगों ने बिना किसी सरकारी अनुमति के जमीन के टुकड़े कर प्लॉटिंग शुरू कर दी थी। जब स्थानीय लोगों ने इन प्लॉट्स को खरीदना शुरू किया, तब प्रशासन को इस गड़बड़ी की सूचना मिली।

अवैध कॉलोनियों के निर्माण से न केवल सरकारी नियमों का उल्लंघन हो रहा था, बल्कि इससे नगर नियोजन (Town Planning) और बुनियादी सुविधाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था।

प्रशासन ने जब इस गड़बड़ी की जांच की, तो पाया गया कि ये प्लॉटिंग बिना किसी मानचित्र स्वीकृति और आवश्यक दस्तावेजों के की जा रही थी। इसलिए प्राधिकरण ने इसे गैर-कानूनी मानते हुए सीधे ध्वस्तीकरण के आदेश जारी किए।


क्या होगा अब? प्रशासन ने दिए कड़े संकेत

प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद अवैध कॉलोनियों को विकसित करने वालों के खिलाफ सख्त संदेश गया है।
सूत्रों की मानें तो अभी भी शहर में कई जगह अवैध प्लॉटिंग हो रही है, और प्रशासन जल्द ही उन पर भी बुलडोज़र चलाने की तैयारी में है।

शहर के निवासियों को भी चेतावनी दी गई है कि वे किसी भी अनाधिकृत कॉलोनी में प्लॉट खरीदने से पहले पूरी जांच-पड़ताल कर लें। यदि किसी प्लॉटिंग का विकास बिना प्राधिकरण की स्वीकृति के हो रहा हो, तो प्रशासन उसे अवैध मानकर कार्यवाही कर सकता है।


भू-माफियाओं पर होगी कानूनी कार्यवाही!

इस पूरे मामले में जिन लोगों के नाम सामने आए हैं, उनके खिलाफ अब कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि आगे से कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के कॉलोनियों का निर्माण न कर सके।

सूत्रों के अनुसार, अवैध कॉलोनियों से जुड़े दस्तावेजों की भी गहन जांच की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति इन प्लॉट्स की खरीद-फरोख्त में शामिल पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भी कठोर कार्रवाई हो सकती है।


स्थानीय लोगों की राय

इस कार्यवाही पर स्थानीय लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों का कहना था कि प्रशासन ने सही कदम उठाया है, क्योंकि अनाधिकृत कॉलोनियों की वजह से शहर में बिजली, पानी, सीवर और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं की समस्या उत्पन्न हो रही थी।

वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि सरकार को पहले इन कॉलोनियों को वैध करने का मौका देना चाहिए था ताकि जिन लोगों ने प्लॉट खरीदे हैं, उन्हें नुकसान न हो।


अवैध प्लॉटिंग से बचने के लिए क्या करें?

विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी जमीन या प्लॉट को खरीदने से पहले निम्नलिखित बातों की जांच करनी चाहिए:

प्राधिकरण से स्वीकृत नक्शा उपलब्ध है या नहीं।
जमीन के कागजात सही और वैध हैं या नहीं।
संबंधित विकास प्राधिकरण से प्रमाणपत्र प्राप्त करें।
स्थानीय प्रशासन से जानकारी लेकर ही निवेश करें।

यदि कोई भी व्यक्ति अवैध कॉलोनियों में निवेश करता है, तो उसे भविष्य में नुकसान उठाना पड़ सकता है।


प्रशासन की सख्ती से भू-माफियाओं में हड़कंप!

मुजफ्फरनगर प्रशासन ने इस कार्यवाही से यह स्पष्ट कर दिया है कि अब अवैध प्लॉटिंग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि भू-माफियाओं ने दोबारा इस तरह की हरकत की, तो उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी।

अब देखना यह होगा कि क्या यह कार्रवाई शहर में अवैध प्लॉटिंग पर पूरी तरह रोक लगा पाएगी या फिर भू-माफिया किसी और तरीके से अपना खेल जारी रखेंगे।

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