Muzaffarnagar में अवैध कॉलोनी और अनधिकृत निर्माण लगातार चर्चा में बने हुए हैं, और इसी कड़ी में खांजापुर गांव के काली नदी क्षेत्र में हो रही अवैध प्लॉटिंग को लेकर मिली शिकायतों ने आखिरकार प्रशासन को सख्ती दिखाने पर मजबूर कर दिया।
मुज़फ्फरनगर विकास प्राधिकरण की टीम ने मौके पर पहुंचकर बिना नक्शा स्वीकृति विकसित की जा रही कॉलोनी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ध्वस्तीकरण का बड़ा बोर्ड लगा दिया।
बोर्ड लगते ही क्षेत्र में अफवाहों का दौर चला और आसपास के गांवों में इस कार्रवाई की चर्चा तेजी से फैल गई।
अवैध प्लॉटिंग की शिकायतें बढ़ीं, विकास प्राधिकरण ने तुरंत दिखाई सख्ती
विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, काली नदी के आसपास जिस तरह प्लॉट काटे जा रहे थे और निर्माण कार्य शुरू कर दिए गए थे, वह पूर्णतः बिना अनुमति, बिना स्वीकृत नक्शे और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के किया जा रहा था।
स्थानीय ग्रामीणों ने आशंका जताई थी कि कुछ लोग साधारण जमीन को ‘रेजिडेंशियल कॉलोनी’ के नाम पर बेचकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
जांच में सामने आया कि—
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स्थल पर कोई भी लेआउट/तलपट मानचित्र स्वीकृत नहीं था
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न भू-उपयोग परिवर्तन की अनुमति ली गई
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न विकास शुल्क जमा किया गया
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और न ही किसी प्रकार के कानूनी दस्तावेज उपलब्ध कराए गए
ऐसी स्थिति में प्राधिकरण की कार्रवाई illegal plotting Muzaffarnagar अभियान का हिस्सा मानते हुए तत्काल प्रभाव से की गई।
प्राधिकरण द्वारा लगाया गया ध्वस्तीकरण बोर्ड लोगों के लिए चेतावनी बनकर उभरा
मौके पर लगाया गया बोर्ड न सिर्फ अवैध निर्माण की घोषणा करता है, बल्कि भविष्य में होने वाली हर उस कार्रवाई की खुली चेतावनी भी है, जिसे प्राधिकरण किसी भी समय लागू कर सकता है।
बोर्ड में साफ-साफ लिखा है कि—
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यह कॉलोनी पूर्णतः अवैध रूप से विकसित की गई है
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मुज़फ्फरनगर विकास प्राधिकरण ने इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धाराओं के तहत कार्यवाही की है
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भविष्य में इस स्थल पर किसी भी प्रकार का निर्माण, खरीद, बिक्री, रजिस्ट्री—सभी पर कार्रवाई की जाएगी
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अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर सख्त दंडात्मक कदम उठाए जाएंगे
इस कदम के बाद न सिर्फ प्लॉट काटने वाले लोगों में बल्कि उन लोगों में भी हड़कंप है, जिन्होंने यहाँ जमीन खरीदने की योजना बनाई थी।
स्थानीय लोगों को बड़ा संदेश—बिना नक्शा स्वीकृति किसी भी प्लॉट/भवन का सौदा न करें
विकास प्राधिकरण की विशेष अपील में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति इस कॉलोनी या इस क्षेत्र में किसी भी भूखंड का सौदा करना चाहता है, तो वह पहले प्राधिकरण कार्यालय जाकर यह सत्यापित कर ले कि—
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क्या उस जगह का तलपट मानचित्र स्वीकृत है?
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क्या कॉलोनी विधिवत रजिस्टर्ड है?
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क्या बेचने वाला व्यक्ति असली स्वामी है?
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क्या भू-उपयोग (land use) बदलने की अनुमति है?
प्राधिकरण की चेतावनी है कि यदि कोई बिना जांच-पड़ताल के जमीन खरीदता है, तो भविष्य में ध्वस्तीकरण या सीलिंग की कार्रवाई में खरीदार को खुद भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
यही कारण है कि illegal plotting Muzaffarnagar के मामलों में प्रशासन अब आम जनता को बार-बार जागरूक कर रहा है।
काली नदी के आसपास अवैध प्लॉटिंग क्यों बढ़ रही है? प्रशासन ने बताई बड़ी वजह
अधिकारियों के अनुसार खांजापुर और इसके आसपास काली नदी के किनारे भूमि अपेक्षाकृत सस्ती है।
कुछ लोग इसका फायदा उठाकर कृषि भूमि को छोटे-छोटे भूखंडों में बाँटकर ‘कॉलोनी’ का नाम दे देते हैं।
लोगों को दिखाया जाता है कि—
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यह जल्द ही विकसित क्षेत्र बन जाएगा
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रोड और ड्रेनेज तैयार कर दी जाएगी
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भविष्य में बिजली की लाइन और सीवरेज की परियोजना आएगी
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सरकारी सुविधाएँ आसानी से मिलने लगेंगी
लेकिन वास्तविक स्थिति बिल्कुल उलट होती है।
ना नक्शा पास, ना विकास अनुमति, ना बुनियादी संरचना की योजना—और वर्षों बाद खरीदारों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।
सालों से जारी इस खेल पर प्राधिकरण अब बड़े स्तर पर निगरानी रख रहा है और लगातार illegal plotting Muzaffarnagar के खिलाफ अभियान चल रहा है।
अधिकारियों ने बताया—अगले चरण में हो सकता है ध्वस्तीकरण, अवैध निर्माण पूरी तरह हटाया जाएगा
बोर्ड लगाना पहला कदम माना जा रहा है।
इसके बाद अगला चरण होगा—
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मौके का पूरा नक्शा तैयार करना
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अवैध सड़कों/डेमार्केशन को हटाना
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कॉलोनी को विकसित करने वाले लोगों की पहचान करना
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उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करना
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निर्माण की स्थिति में उसे पूरी तरह गिराना
अधिकारियों ने साफ किया है कि यह कार्रवाई सिर्फ खांजापुर तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि जिले भर में जहां भी अवैध प्लॉटिंग चल रही है, वहाँ इसी तरह की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
जनता का मूड—कुछ लोग खुश, कुछ लोग नाराज़, और कई लोग हुए सचेत
कार्रवाई के बाद लोगों की प्रतिक्रियाएँ मिलीजुली रहीं।
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कुछ ग्रामीणों ने कहा कि यह कदम बिल्कुल सही है क्योंकि अवैध प्लॉटिंग से गाँवों की जमीन पर खतरा बढ़ रहा है।
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वहीं कुछ लोग, जो यहाँ निवेश की योजना बना चुके थे, वे काफी चिंतित और नाराज़ दिखे।
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कई परिवारों ने राहत की सांस ली कि उन्होंने समय रहते कॉलोनी में निवेश नहीं किया।
इस कार्रवाई के बाद एक बात स्पष्ट हो गई है कि illegal plotting Muzaffarnagar के लिए अब विकास प्राधिकरण का दृष्टिकोण बिल्कुल सख्त हो चुका है।
मुज़फ्फरनगर विकास प्राधिकरण द्वारा खांजापुर क्षेत्र में उठाया गया यह सख्त कदम न केवल अवैध कॉलोनाइज़रों को स्पष्ट चेतावनी देता है, बल्कि आम नागरिकों को भी जागरूक करता है कि बिना स्वीकृति वाले भूखंडों का सौदा वित्तीय और कानूनी दोनों प्रकार के जोखिम पैदा करता है। काली नदी के पास लगाए गए ध्वस्तीकरण बोर्ड ने यह संदेश और मजबूत कर दिया है कि जिले में अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ अब शून्य-सहनशीलता की नीति अपनाई जा चुकी है।
