Muzaffarnagarसामाजिक सेवा और मानवीय संवेदनाओं की मिसाल बने आशादीप धर्मार्थ सेवा समिति द्वारा संचालित आशादीप बाल प्रशिक्षण संस्थान एवं गुडविल सोसायटी मुज़फ्फरनगर के संयुक्त सौजन्य से एक अत्यंत प्रेरणादायक और भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संस्थान परिसर में शिक्षण-प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे दिव्यांग बालक-बालिकाओं ने अपनी रचनात्मक प्रतिभा, कला और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया।

कार्यक्रम में न केवल रंगारंग प्रस्तुतियाँ हुईं, बल्कि बच्चों द्वारा बनाई गई कला प्रदर्शनी, उपयोगी वस्तुओं का प्रदर्शन और पुरस्कार वितरण समारोह भी आयोजित किया गया, जिसने इस आयोजन को एक यादगार सफलता प्रदान की।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि—राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप, विशिष्ट अतिथि संजीव जैन एवं रामकुमार कश्यप

इस भावनात्मक और ऊर्जा से भरे कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री (दिव्यांग एवं पिछड़ा वर्ग) माननीय नरेंद्र कश्यप मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में—

  • संजीव जैन (डायरेक्टर, सिल्वर टोन इंडस्ट्री)

  • रामकुमार कश्यप (सदस्य, पिछड़ा वर्ग आयोग)

मंच पर विराजमान रहे।

थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष इंजीनियर लोकेश चंद्रा ने की, जबकि संपूर्ण प्रबंधन और व्यवस्था गुडविल सोसायटी के अध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल द्वारा बखूबी संभाली गई।


दिव्यांग बच्चों की रचनात्मकता से मंत्रमुग्ध हुए मंत्री नरेंद्र कश्यप—“ये बच्चे असाधारण क्षमता रखते हैं”

दिव्यांग बच्चों की कला, लोक नृत्य, पेंटिंग, हस्तशिल्प और अन्य उपयोगी वस्तुओं की प्रदर्शनी इतनी प्रभावशाली थी कि मंत्री नरेंद्र कश्यप भी भावुक हो उठे।
उन्होंने बच्चों की ओर देखते हुए कहा—
“इन बालक-बालिकाओं ने सिद्ध कर दिया कि शारीरिक रूप से दिव्यांग होते हुए भी प्रतिभा, जुनून और लगन किसी भी सीमा को पार कर सकती है। यह संस्थान इन बच्चों का भविष्य संवार रहा है।”

उन्होंने संस्थान के प्रयासों की खुलकर सराहना की और इसे समाज के लिए एक प्रेरक मॉडल बताया।


संस्थान की उपलब्धियाँ—राज्य स्तरीय सम्मान और सामाजिक योगदान पर सचिव आर.के. गोयल ने डाली रोशनी

संस्थान के सचिव आर.के. गोयल ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि आशादीप संस्थान दिव्यांग बच्चों के शिक्षण, प्रशिक्षण, व्यावसायिक कौशल विकास और सामाजिक सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण केंद्र है।
उन्होंने मंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि—
संस्थान को राज्य सरकार द्वारा विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया है, जो संस्था की कड़ी मेहनत और बच्चों की अद्भुत प्रगति का परिणाम है।


गुडविल सोसायटी की भूमिका—स्वागत, सहयोग और सामाजिक विस्तार पर हुई चर्चा

गुडविल सोसायटी के अध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल ने मुख्य अतिथि सहित कार्यक्रम में आए सभी मेहमानों का स्वागत किया।
वहीं, सचिव होती लाल शर्मा ने सोसायटी की गतिविधियों, सामाजिक सेवाओं और दिव्यांग उत्थान पर संचालित कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम का संचालन यू.सी. वर्मा ने अत्यंत प्रभावी ढंग से किया, जिससे पूरा आयोजन व्यवस्थित और आकर्षक बना रहा।


Ashadeep Institute Muzaffarnagar के पदाधिकारियों और गणमान्य लोगों की भारी उपस्थिति—समाज का मजबूत समर्थन दिखा

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाजसेवी, शिक्षणकर्ता, उद्योगपति और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
मंच पर और सभागार में मौजूद प्रमुख नामों में शामिल थे—

बी.आर. शर्मा, रामबीर सिंह, अनुज महेश्वरी, पी.के. गुप्ता, के.के. शर्मा, बी.बी. गुप्ता, अरविंद सिंघल, श्यामलाल बंसल,
प्रधानाचार्य बृजमोहन शर्मा, शिवानी, रीना, मीना, शारदा, शर्मिष्ठा, जीवनी,
प्रसून अग्रवाल, विशाल गर्ग, विशाल कालरा, दीपक सिंघल, श्रीमोहन तायल,
राजेंद्र साहनी, शिव कुमार संगल, शिवकुमार धीमान, बृजमोहन, अशोक गुप्ता,
टोनी बिंदल, मोहनलाल, प्रमोद माहेश्वरी, जगदीश पालीवाल, मनोज अग्रवाल,
डॉ. राजीव कुमार, बी.एम. गुप्ता, डॉ. पी.के. कंबोज, श्री कृष्ण अग्रवाल,
पूनम मार्शल, रेणुका जैमिनी, दीपाली कौशिक, शुभम वत्स, संजीव वर्मा आदि।

इन सभी की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को सामाजिक एकता और सामूहिक समर्थन का प्रतीक बना दिया।


प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण और जलपान—दिव्यांग बच्चों के लिए दिन बना खास

कला प्रदर्शनी में बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंग, हस्तशिल्प, सजावटी वस्तुओं और उपयोगी सामग्रियों ने सभी का मन मोह लिया।
पुरस्कार वितरण के दौरान बच्चों की खुशी देखते ही बनती थी—सभी ने गर्व से अपनी उपलब्धियों को स्वीकार किया।

अंत में आगंतुकों के लिए जलपान की शानदार व्यवस्था की गई, जिससे कार्यक्रम का समापन सौहार्दपूर्ण माहौल में हुआ।


‘Ashadeep Institute Muzaffarnagar’ द्वारा आयोजित यह सांस्कृतिक और कला कार्यक्रम न केवल दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि हर प्रतिभा सम्मान की हकदार है। इस सफल आयोजन ने एक बार फिर साबित किया कि सही मार्गदर्शन और सहयोग मिलने पर दिव्यांग बच्चे भी जीवन के हर क्षेत्र में चमक बिखेर सकते हैं।

 



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