ईद उल-फित्र पर्व की तैयारियों के बीच Muzaffarnagar जनपद के संवेदनशील खालापार क्षेत्र में पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है। शुक्रवार की नमाज़ (जुमे की नमाज़) के मद्देनज़र भारी सुरक्षा प्रबंध किए गए, और आगामी ईद पर्व को लेकर माहौल शांतिपूर्ण बनाए रखने के उद्देश्य से एक अहम फ्लैग मार्च आयोजित किया गया।

इस फ्लैग मार्च का नेतृत्व अपर पुलिस महानिदेशक (ADG) मेरठ ज़ोन भानु भास्कर, पुलिस उपमहानिरीक्षक (IG) सहारनपुर परिक्षेत्र अभिषेक सिंह, और पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत ने किया। इस दौरान उन्होंने खालापार थाना क्षेत्र के विविध हिस्सों में जाकर सुरक्षा व्यवस्था का मुआयना किया।

🔒 खालापार में संवेदनशीलता को देखते हुए विशेष अलर्ट!

खालापार क्षेत्र लंबे समय से संवेदनशील माना जाता रहा है। इसी के चलते प्रशासन किसी भी प्रकार की अफवाह, साम्प्रदायिक तनाव या अव्यवस्था की संभावना को जड़ से खत्म करने के मूड में नजर आया। अधिकारियों ने वहां मौजूद धर्मगुरुओं और स्थानीय गणमान्य नागरिकों से सीधी बातचीत करते हुए सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की।

👮‍♂️ पुलिसबल को सतर्कता और संवेदनशीलता से ड्यूटी निभाने के निर्देश

ADG भानु भास्कर ने साफ-साफ कहा कि कोई भी असामाजिक तत्व अगर माहौल खराब करने की कोशिश करता है, तो उस पर त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाएगी। IG अभिषेक सिंह ने कहा कि ईद का पर्व सभी समुदायों के बीच भाईचारे और सहयोग का प्रतीक बनना चाहिए, न कि किसी उन्माद का कारण।

📷 धार्मिक स्थलों का निरीक्षण और सोशल मीडिया पर नजर

धार्मिक स्थल ईदगाह का निरीक्षण कर अधिकारियों ने सुरक्षा घेरा जांचा और स्थानीय लोगों से बात की। उन्होंने यह भी स्पष्ट निर्देश दिए कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की भ्रामक, उकसाऊ या अफवाह फैलाने वाली पोस्ट को तुरंत हटाया जाए और ऐसे लोगों पर आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाए।

📌 स्थानीय स्तर पर विश्वास बहाली के प्रयास

क्षेत्राधिकारी नगर राजू कुमार साव, क्षेत्राधिकारी नई मंडी श्रीमती रुपाली राव, और थाना प्रभारी खालापार महावीर सिंह चौहान की उपस्थिति में यह सुनिश्चित किया गया कि क्षेत्र में हर पुलिसकर्मी स्थानीय नागरिकों से संवाद बनाए रखे। मोहल्लों में गश्त बढ़ा दी गई है और सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है।

🚦 यातायात व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान

पुलिस अधीक्षक नगर सत्यनारायण प्रजापत ने यातायात शाखा को विशेष निर्देश दिए हैं कि ईद की नमाज़ के समय यातायात सुचारु रखा जाए। नमाज़ स्थलों के पास बैरिकेडिंग, डायवर्जन और वैकल्पिक रूट की योजना तैयार की गई है, ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

📣 जनता से अपील: अफवाहों से बचें, भाईचारा बनाए रखें

पुलिस विभाग द्वारा साफ-साफ अपील की गई है कि कोई भी अफवाह या गलत सूचना पर ध्यान न दें। कोई भी संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम या नज़दीकी थाना को सूचना दें। साथ ही सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक पोस्ट साझा न करें।

🧑‍🤝‍🧑 धर्मगुरुओं और नागरिकों की सकारात्मक भागीदारी

धर्मगुरु मौलाना नदीम कासमी, पंडित राजेश शर्मा, और अन्य समुदाय के प्रमुख लोगों ने पुलिस प्रशासन को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि मुज़फ्फरनगर की गंगा-जमुनी तहज़ीब को कोई भी नहीं बिगाड़ सकता। सभी समुदाय मिलकर ईद का पर्व हर्षोल्लास और प्रेमपूर्वक मनाएंगे।

💬 प्रशासन की योजना: ड्रोन से निगरानी, CCTV पर 24×7 निगाह

खालापार समेत मुज़फ्फरनगर के अन्य संवेदनशील इलाकों में ड्रोन कैमरे से निगरानी शुरू कर दी गई है। सीसीटीवी कंट्रोल रूम 24 घंटे एक्टिव रखा गया है। इसके अतिरिक्त, QRT (क्विक रिस्पॉन्स टीम) और PAC (प्रांतीय आर्म्ड कांस्टेबुलरी) को भी तैनात किया गया है।

📌 अलर्ट पर हैं साइबर सेल और इंटेलिजेंस यूनिट

साइबर क्राइम शाखा को अलर्ट पर रखा गया है ताकि ऑनलाइन अफवाहों और भ्रामक सूचनाओं पर नजर रखी जा सके। साथ ही खुफिया विभाग लगातार फील्ड में डाटा एकत्र कर रहा है और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए है।

📆 अगले 72 घंटे महत्वपूर्ण, पुलिस की निगाहें हर कोने पर

ईद की तारीख नज़दीक आते ही प्रशासन की व्यस्तता बढ़ गई है। अगले 72 घंटे बेहद संवेदनशील माने जा रहे हैं और पुलिस कप्तान स्वयं स्थिति की निगरानी करेंगे।

🔍 निगरानी की विस्तृत व्यवस्था – हर थाने में बनी है विशेष टीम

हर थाना स्तर पर विशेष निगरानी सेल बनाई गई है, जिसमें लोकल इंटेलिजेंस यूनिट, साइबर मॉनिटरिंग टीम, और रैपिड रिस्पॉन्स यूनिट का समावेश है। इन टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी उकसावे की सूचना मिलते ही बिना देर किए सख्त कदम उठाएं।

📝 मुज़फ्फरनगर में पुलिस प्रशासन द्वारा ईद से पूर्व जिस प्रकार का अनुशासित, सजग और मजबूत सुरक्षा तंत्र खड़ा किया गया है, वह न केवल सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि इससे जनता के बीच विश्वास और सहयोग की भावना भी प्रबल होती है। सामाजिक सौहार्द, कानून व्यवस्था और शांतिपूर्ण त्योहार का यही आदर्श मॉडल उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी उदाहरण बन सकता है।

 



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