मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) से एक चौंका देने वाली और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां किराया मांगना एक ई-रिक्शा चालक को भारी पड़ गया। मामूली 20 रुपये के किराये को लेकर कुछ दबंग युवकों ने न केवल चालक से गाली-गलौज की बल्कि उसके साथ मारपीट कर उसे लहूलुहान कर दिया। यह पूरा मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने न केवल स्थानीय प्रशासन को बल्कि आम जनता को भी झकझोर कर रख दिया है।

यह सनसनीखेज घटना मुजफ्फरनगर के अलमासपुर चौराहे से कूकड़ा रोड की ओर जा रहे ई-रिक्शा चालक के साथ हुई। बताया जा रहा है कि रिक्शा चालक ने दो युवकों को सफर के दौरान चढ़ाया था और गंतव्य पर पहुंचने के बाद जब उनसे तयशुदा 20 रुपये किराया मांगा गया तो युवक बदसलूकी पर उतर आए। उन्होंने पहले गाली-गलौज की और फिर मारपीट शुरू कर दी।

चौंकाने वाली बात यह रही कि युवक यहीं नहीं रुके। उन्होंने फोन कर अपने अन्य साथियों को भी मौके पर बुला लिया और फिर सामूहिक रूप से ई-रिक्शा चालक पर हमला बोल दिया। इस दौरान ई-रिक्शा चालक का भाई भी मौजूद था, जिसे भी बख्शा नहीं गया। दबंग युवकों ने मिलकर दोनों भाइयों की पिटाई की और एक युवक ने तो लोहे जैसी किसी भारी चीज़ से रिक्शा चालक पर वार किया, जिससे उसके पैर में गंभीर चोट आई और वह बुरी तरह घायल हो गया।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो, पुलिस बनी रही अनजान

घटना के तुरंत बाद मौके पर खून से लथपथ ई-रिक्शा चालक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा, जिसमें वह दर्द से तड़पता नजर आया। वीडियो ने प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि जब इस मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस से ली गई, तो उन्होंने ऐसी किसी घटना की जानकारी से साफ इनकार कर दिया।

इस गैरजिम्मेदाराना रवैये के चलते पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते पुलिस घटनास्थल पर पहुंचती, तो आरोपी युवक भाग नहीं पाते। पीड़ित की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, लेकिन यह मामला अब जनचर्चा का विषय बन चुका है।

किराया मांगना बना अपराध? सवालों के घेरे में कानून व्यवस्था

यह कोई पहला मामला नहीं है जब उत्तर प्रदेश में ई-रिक्शा, टैक्सी या ऑटो चालकों पर हमला हुआ हो। हाल के महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां मामूली बहस या किराया विवाद के चलते चालकों के साथ मारपीट की गई है। सवाल यह उठता है कि क्या अब कानून व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है कि एक मेहनतकश मजदूर को अपना मेहनताना मांगने पर भी मार खाना पड़े?

स्थानीय लोगों में आक्रोश, दबंगों की गिरफ्तारी की मांग

घटना के बाद अलमासपुर क्षेत्र में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं क्षेत्र में असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही हैं। यदि पुलिस आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार नहीं करती, तो आम जनता का भरोसा कानून व्यवस्था से उठ जाएगा।

अलमासपुर चौराहा, जो आमतौर पर व्यस्त और सुरक्षित माना जाता है, अब डर और खौफ का पर्याय बनता जा रहा है। स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि क्षेत्र में फिर से सामान्य माहौल लौट सके।

कई अनसुलझे सवाल, जवाबदेही तय होनी जरूरी

  • आखिर दबंग युवक कौन थे और क्या उनका आपराधिक इतिहास रहा है?

  • क्या पीड़ित चालक की किसी से पुरानी रंजिश थी या यह पूरी तरह से अचानक हुई घटना थी?

  • पुलिस ने समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की?

  • वायरल वीडियो के बावजूद अब तक एफआईआर क्यों नहीं?

इन सभी सवालों के जवाब प्रशासन को देने होंगे। अगर ऐसी घटनाओं पर लगाम नहीं लगाई गई तो ईमानदार मेहनतकश लोगों का जीवन असुरक्षित बना रहेगा।

शहर में बढ़ते अपराधों की कड़ी कड़ी

मुजफ्फरनगर में यह घटना कोई अलग-थलग मामला नहीं है। पिछले कुछ महीनों में शहर में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। हाल ही में हुई चेन स्नैचिंग, चोरी और दिनदहाड़े लूट की घटनाओं ने पुलिस के इकबाल को कमजोर किया है। ऐसे में इस घटना को हल्के में लेना प्रशासन के लिए भारी पड़ सकता है।

क्या बोले जिम्मेदार अधिकारी?

हालांकि अब तक पुलिस ने सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक वायरल वीडियो की जांच शुरू की जा चुकी है और कुछ संदिग्धों की पहचान भी कर ली गई है। मामले को गंभीरता से लिया गया है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया जा रहा है।

ई-रिक्शा यूनियन ने जताई नाराजगी

ई-रिक्शा यूनियन के पदाधिकारियों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहा है कि यदि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती, तो वे सामूहिक हड़ताल पर जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर मेहनतकश लोगों की सुरक्षा नहीं हो सकती, तो वह सड़क पर उतरकर अपना आक्रोश जताएंगे।

जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते अधिकारी

मुजफ्फरनगर प्रशासन को अब यह साबित करना होगा कि वह जनता की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। ई-रिक्शा जैसे सार्वजनिक सेवा के वाहनों के साथ हो रही घटनाएं कहीं न कहीं प्रशासनिक असफलता को दर्शाती हैं।

निष्कर्ष नहीं, चेतावनी

अब वक्त आ गया है जब प्रशासन को जागना होगा और ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी होगी। यदि अब भी पुलिस आंख मूंदे बैठी रही, तो आने वाले समय में अपराधियों के हौसले और बढ़ सकते हैं।



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