Muzaffarnagar में गुरुवार को माहौल उस समय गर्म हो गया जब डीएवी पीजी कॉलेज, बुढ़ाना के छात्र उज्ज्वल राणा की आत्मदाह घटना को लेकर हजारों छात्र, युवाजन और भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस कार्यालय का घेराव किया और आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर जमकर नारेबाज़ी की।
पिछले कुछ दिनों से इस प्रकरण ने जिले की सियासत, शिक्षा जगत और प्रशासन—तीनों में हलचल पैदा कर रखी है।
⚡आत्मदाह की घटना ने खड़ा किया बड़ा सवाल — आखिर छात्रों की आवाज़ क्यों नहीं सुनी गई?
8 नवंबर को डीएवी पीजी कॉलेज बुढ़ाना में बीए छात्र उज्ज्वल राणा ने कथित फीस विवाद और कॉलेज प्रशासन द्वारा उत्पीड़न से आहत होकर कॉलेज परिसर में ही खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली।
घटना के तुरंत बाद उसे गंभीर हालत में दिल्ली रेफर किया गया, लेकिन 9 नवंबर को उसने दम तोड़ दिया।
यह घटना न सिर्फ दिल दहला देने वाली है बल्कि यह भी दिखाती है कि छात्रों की समस्याओं, शिकायतों और मानसिक दबावों को संस्थानों में किस तरह अनदेखा किया जा रहा है।
🔥गुरुवार को फूटा गुस्सा — छात्रों और भाकियू कार्यकर्ताओं ने दिया जोरदार प्रदर्शन
गुरुवार सुबह से ही जिले भर के छात्र और किसान संगठन के नेता पुलिस कार्यालय के बाहर जमा होने लगे। देखते ही देखते पूरा बाहर का इलाका नारों, पोस्टरों और बैनरों से भर गया।
प्रदर्शनकारी एक सुर में मांग कर रहे थे कि —
“मुख्य आरोपी प्राचार्य प्रदीप कुमार और अन्य जिम्मेदार लोगों की तुरंत गिरफ्तारी हो!”
प्रदर्शन के दौरान कई बार स्थिति तनावपूर्ण हुई और पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
🚨एसपी सिटी मौके पर पहुंचे, दिया आश्वासन — “फरार आरोपी जल्द दबोचे जाएंगे”
घटना की गंभीरता देखते हुए एसपी सिटी खुद मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की।
उन्होंने कहा:
“पुलिस त्वरित कार्रवाई कर रही है। जिन्होंने भी इस घटना के लिए उकसाया या जिम्मेदार हैं, कोई भी बख्शा नहीं जाएगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फरार आरोपियों पर लगातार दबिश दी जा रही है और जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
📜मुकदमा दर्ज — उज्ज्वल की बहन सलोनी राणा ने दी तहरीर
उज्ज्वल राणा की मौत के बाद उसकी बहन सलोनी राणा ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए तहरीर दी।
इस तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
अब तक पुलिस कॉलेज पीटीआई (मेरठ निवासी) को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
लेकिन मुख्य आरोपी प्राचार्य प्रदीप कुमार तथा अन्य तीन–चार नामजद आरोपी अब भी फरार बताए जा रहे हैं।
⚙️“फीस विवाद” या “उत्पीड़न”—किस बात से टूट गया था उज्ज्वल?
छात्र संगठन लगातार पिछले चार दिनों से यही सवाल उठा रहे हैं कि—
क्या फीस विवाद में उज्ज्वल पर गलत दबाव बनाया गया था?
क्या उसे धमकाया गया था?
क्या कॉलेज प्रशासन ने उसकी शिकायतों को अनदेखा किया?
छात्रों का कहना है कि उज्ज्वल ने कई बार अपनी परेशानी बताई थी, लेकिन उसकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया गया।
🧭किसान यूनियन की एंट्री से मामला और गर्म — प्रदर्शन में शामिल रहे बड़े नेता
इस प्रदर्शन को धार मिली जब भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र मलिक मौके पर पहुंचे।
उनके साथ मौजूद रहे —
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सुधीर पहलवान
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बिजेंद्र बालियान
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कपिल बालियान
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नसीम
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शहजाद
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छात्र नेता वीशू मलिक
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प्रहलाद सिंह, भूषण सिंह, अमृत, सचिन, शिवम, विकास, विशाल
और अन्य कॉलेजों के सैकड़ों छात्र।
धर्मेंद्र मलिक ने कहा —
“जब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते, आंदोलन रुकने वाला नहीं।”
🎓शिक्षण संस्थानों में शोषण के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई?
छात्र संगठनों का कहना है कि यह सिर्फ एक कॉलेज की घटना नहीं है।
कई छात्रों पर —
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फीस जमा कराने का दबाव
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आंतरिक मूल्यांकन में कथित मनमर्जी
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शिकायतों को नज़रअंदाज़ करना
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प्रशासनिक उत्पीड़न
जैसी स्थितियाँ लंबे समय से पूरे जिले में सामने आती रही हैं।
उज्ज्वल राणा का मामला इसी सिस्टमिक समस्या का परिणाम बताया जा रहा है। इसी वजह से इस आंदोलन को जिलेभर के छात्रों और सामाजिक संगठनों का भारी समर्थन मिल रहा है।
⚖️जांच की रफ्तार पर सवाल — कॉलेज प्राचार्य के फरार होने से उठे गंभीर प्रश्न
प्रदर्शनकारियों का मुख्य आरोप यह रहा कि इतना गंभीर मामला होने के बावजूद प्राचार्य प्रदीप कुमार अभी तक फरार हैं।
लोग पूछ रहे हैं:
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क्या पुलिस ने समय रहते दबिश नहीं दी?
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क्या प्राचार्य को किसी ने बच निकलने में मदद की?
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कॉलेज प्रशासन के अन्य अधिकारियों की क्या भूमिका रही?
इन सभी सवालों ने पूरे जिले में बहस छेड़ दी है।
🌐सोशल मीडिया पर भी उबाल — #JusticeForUjjwal ट्रेंड में
उज्ज्वल राणा की मौत के बाद सोशल मीडिया पर छात्रों और युवाओं ने #JusticeForUjjwal के नाम से अभियान शुरू कर दिया है।
वीडियो, पोस्ट और लाइव स्ट्रीम्स वायरल हो रहे हैं।
कई छात्रों ने बताया कि उज्ज्वल एक शांत, पढ़ाई में अच्छा, और मेहनती छात्र था।
ऐसे में उसका आत्मदाह पूरे जिले के लिए गहरा सदमा बनकर आया है।
🏛️प्रशासन पर बढ़ा दबाव — कहा: “पूरी जांच पारदर्शिता से होगी”
जिला प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि —
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मामले की निगरानी वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं
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पोस्टमॉर्टम व अन्य दस्तावेजों की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई तेज होगी
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दोषी चाहे कोई भी हो, बच नहीं पाएगा
इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस हर कदम फूंक-फूंककर रख रही है।
🚨क्या बढ़ सकता है आंदोलन? किसानों और छात्रों ने दी चेतावनी
भाकियू नेताओं और छात्र संगठनों ने कहा है कि यदि 48 घंटों के भीतर सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए तो —
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जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना
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कॉलेज प्रशासन के खिलाफ बड़ा मार्च
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जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव
जैसी कार्रवाइयाँ की जाएँगी।
जिले में कानून-व्यवस्था को लेकर प्रशासन भी सतर्क हो गया है।
उज्ज्वल राणा आत्मदाह प्रकरण ने पूरे मुजफ्फरनगर को झकझोर दिया है। छात्रों और किसान संगठनों की बढ़ती आक्रामकता ने प्रशासन को स्पष्ट संदेश दिया है—जब तक दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, आंदोलन रुकने वाला नहीं। इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था, छात्र सुरक्षा और प्रशासनिक जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
